गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है? Goldfish Scientific Name in Hindi

गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम “कैरासियस औराटस” (Carassius auratus) है। गोल्डफिश को “गोल्डन क्रूसियन कार्प” (Golden crucian carp) भी कहते हैं और हिंदी में इसको “सुनहरी मछली” कहते हैं। यह रंग में चमकीली लाल-नारंगी होने के कारण आसानी से पहचानी जा सकती है। गोल्डफिश सामान्यतः मीठे पानी में पाई जाती है। वैसे तो गोल्डफिश का मूल स्थान चीन को माना जाता है लेकिन ऐसा भी माना जाता है कि गोल्डफिश की खोज पहली बार यूरोप में हुई थी।

गोल्डफिश का वैज्ञानिक नामकैरासियस औराटस (Carassius auratus)
गोल्डफिश का लैटिन नामकैरासियस गिबेलियो फॉर्मा ऑराटस
गोल्डफिश का हिंदी नामसुनहरी मछली
अन्य नामगोल्डन क्रूसियन कार्प (Golden crucian carp)
जातिकैरासियस
औसत उम्र5 से 6 साल (अधिकतम 20 साल)
PH Range6.6 से 8.5
निवास स्थानमीठा पानी
औसत लम्बाई25 सेमी० तक
औसत वजन5 किग्रा० तक
भोजनशैवाल, कीट, लार्वा, आदि
मूल स्थानचीन
प्रजनन का समयअप्रैल-मई
पानी का तापमान10 से 20 डिग्री सेल्सिअस

गोल्डफिश को “गोल्ड”फिश कहा क्यों जाता है?

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गोल्डफिश का नाम तो हम सभी जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोल्डफिश को वास्तव में “गोल्ड” फिश क्यों कहा जाता है? इतिहास में, प्राचीन चीन में एशियाई कार्प की विभिन्न प्रजातियों को हजारों वर्षों से पालतू मछली के रूप में पाला जाता था। आम तौर पर इनमें से कुछ चांदी की प्रजातियों में लाल, नारंगी और पीले रंग के उत्परिवर्तन पैदा करने की प्रवृत्ति होती है।

तांग राजवंश (618-907) के दौरान, सजावटी तालाबों और जल उद्यानों में कार्प पालना लोकप्रिय था। एक प्राकृतिक आनुवंशिक उत्परिवर्तन ने चांदी के रंग के बजाय गोल्ड (वास्तव में पीला नारंगी) उत्पन्न किया। लोगों ने चांदी की किस्म के बजाय गोल्ड की किस्म को तालाबों या पानी के अन्य निकायों में रखकर प्रजनन करना शुरू कर दिया। विशेष अवसरों पर उन्हें प्रदर्शन के लिए बहुत छोटे कंटेनर में ले जाया जाता था।

शुरुआत में इन मछलियों को “रंगीन मछली” कहा जाता था, और धीरे धीरे अपने रंग के हिसाब से इसको “गोल्डफिश” कहा जाने लगा।

गोल्डफिश की उत्पत्ति (Origin of Goldfish)

गोल्डफिश (सुनहरी मछली) की उत्पत्ति चीन में लगभग 1700 वर्ष पुरानी मानी जाती है लेकिन कई जानकार इसकी खोज यूरोप में मानते हैं। यहाँ पर हम गोल्डफिश की खोज चीन में मानते हुए ही इसके बारे में जानकारी देंगे। चीन में लुशान पर्वत की झील पर पहली बार लाल चमड़ी वाली मछलियाँ देखी गयी। यह लाल चमड़ी वाली क्रूसियन कार्प सुनहरी मछली की सबसे पुरानी पूर्वज थी। इन मछलियों को सजावट के तौर पर रखा जाता था।

नए चीन की स्थापना के बाद से, चीनी वैज्ञानिकों ने गोल्डफिश के संरक्षण और प्रजनन में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया। गोल्डफिश को 1502 में जापान में पेश किया गया। गोल्डफिश को 17वीं सदी के अंत में यूनाइटेड किंगडम में, 18वीं सदी में यूरोप में और 1874 में संयुक्त राज्य अमेरिका में पेश किया गया। इस प्रकार यह पूरी दुनिया में फ़ैल गयी।

गोल्डफिश का आकार (Size of Goldfish)

गोल्डफिश की लगभग 200 किस्में पाई जाती हैं, जो रंग में और भौतिक विशेषताओं में अलग-अलग होती हैं। गोल्डफिश शरीर से लम्बी और छोटे पंख वाली होती हैं जो लगभग 8 इंच लंबी या लगभग 25 सेंटीमीटर तक लम्बी होती हैं। इनका वजन लगभग 5 किग्रा० तक होता है। गोल्डफिश के गले में ग्रसनी दांत होते हैं जिसका उपयोग वह भोजन कुचलने में करती हैं। यह अलग अलग रंग की होती हैं जैसे लाल, पीली, नीली, सफेद, बैंगनी, काली आदि। अपने इस चमकीले रंग के कारण इसको एक्वैरियम में रखा जाता है और इसको घर में रखना वास्तु शास्त्र के हिसाब से शुभ भी माना जाता है।

गोल्डफिश के लिए अनुकूल वातावरण (Favorable Environment for Goldfish)

गोल्डफिश साधारणतया मीठे पानी में रहना पसंद करती हैं। इसकी कुछ प्रजातियाँ खारे पानी में भी जीवित रह सकती हैं। यह केवल एक विशिष्ट तापमान वाले पानी में ही जीवित रह सकती है। 10 से 20 डिग्री सेल्सिअस का तापमान इनके लिए अनुकूल रहता है। तापमान में भारी बदलाव इनकी मृत्यु का कारण बन सकता है। यह समुद्र के मध्य गहराई में पाई जा सकती है और शैवाल जैसे पोषक तत्वों से भरपूर वातावरण में रहना पसंद करती हैं।

गोल्डफिश का जीवनकाल (Goldfish Lifespan)

गोल्डफिश औसतन लगभग 6 साल तक जीवित रह सकती हैं। यह भी देखा गया है कि एक्वेरियम में यह 7-8 वर्ष तक भी जीवित रह जाती हैं। जानकाओं के अनुसार, अगर बहुत अनुकूल परिस्थिति हो तो गोल्डफिश 40 वर्ष तक भी जीवित रह सकती है।

गोल्डफिश के प्रकार (Types of Goldfish)

आकार, रंग, पैटर्न, सर, पूँछ के आधार पर कईं प्रकार की सामान्य और फैंसी गोल्डफिश पायी जाती है। कईं गोल्डफिश की नस्लों में तो काफी सूक्ष्म अंतर होता है जिसको ध्यान से पहचानना पड़ता है। इनकी पहचान अलग अलग तरीकों से कर सकते हैं। गोल्डफिश की कुछ नस्लें नीचे दी गयी हैं जो इस प्रकार हैं:

कॉमन गोल्डफिश

जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है यह एक आम सुनहरी मछली है जिसको आप आसानी से खोज सकते हैं। यह कईं रंगों में पाई जाती है जैसे कि लाल, नारंगी, सफ़ेद काली, नीली, हरी इत्यादि। ज्यादातर एक्वेरियम में आप कॉमन गोल्डफिश को देख सकते हैं और अपनी आकर्षक बनावट और रंग के कारण लोग इसको काफी पसंद करते हैं।

कॉमेट गोल्डफिश

कॉमेट गोल्डफिश का शरीर सामान्य नस्ल की तुलना में थोड़ा छोटा, दुबला-पतला होता है लेकिन इनकी पूँछ लम्बी होती है। अपनी इस लम्बी पूँछ के कारण कॉमन गोल्डफिश की तुलना में इनको थोड़ा ज्यादा जगह की जरूरत होती है। ये काफी सक्रिय और दिखने में काफी आकर्षक होती हैं। कॉमेट गोल्डफिश अपनी लोकप्रिय किस्मों में से एक है। यह आमतौर पर गहरे लाल या नारंगी रंग की होती हैं।

निम्फ गोल्डफिश

निम्फ गोल्डफिश अपने गोल्डफिश परिवार में सबसे बढ़िया तैराकों में से एक है। इनका शरीर अंडे के आकार का और पूँछ लम्बी होती है। इनमें से किसी के पास तो टेलीस्कोपिक आंखें भी होती हैं। निम्फ गोल्डफिश आकार में छोटी नहीं होती हैं और ये 12 इंच तक लम्बी हो सकती हैं। इनको तालाब में या एक्वेरियम में आसानी से रखा जा सकता है।

शुबंकिन गोल्डफिश

शुबंकिन गोल्डफिश कैलिको रंग की होती हैं। हांलाकि कॉमेट या निम्फ गोल्डफिश जो कैलिको रंग की होती हैं, उनको भी तकनीकी रूप से शुबंकिन गोल्डफिश कहा जाता है क्योंकि रंग रूप ही नस्ल को निर्धारित करता है। यहां तक कि कैलिको रंग रूप की फैंसी गोल्डफिश को भी शुबंकिन गोल्डफिश कहा जा सकता है। ये 10 से 12 इंच तक लम्बी हो सकती हैं। शुबंकिन गोल्डफिश तीन प्रकार की होती है और उनमें अंतर काफी सूक्ष्म होता है।

  1. अमेरिकी/जापानी शुबंकिन
  2. ब्रिस्टल शुबंकिन
  3. लंदन शुबंकिन

तमासाबा या सबाओ गोल्डफिश

यह जापानी गोल्डफिश काफी दुर्लभ है। यह चमकीली लाल या लाल-सफ़ेद रंग की होती है। इसका शरीर अंडे के आकार का और लम्बी पूँछ होती है। इनकी पूँछ मैकेरल मछली की पूंछ की तरह होती हैं। इनको तालाब के साथ साथ एक्वेरियम में भी रखा जा सकता है। ये 8 से 10 इंच तक लम्बी हो सकती हैं।

फैनटेल गोल्डफिश

फैनटेल गोल्डफिश एक फैंसी गोल्डफिश है जो सामान्यतः लाल और सफ़ेद रंग की होती हैं। इसको आप एक्वेरियम में आसानी से रख सकते हैं। इनका शरीर अंडे के आकार का होता है। इनकी पूँछ काफी सुन्दर और लम्बी व दोहरी होती है जो इसको आम गोल्डफिश से अलग बनाते हैं। इनकी लम्बाई 6 से 8 इंच तक हो सकती है।

वैलटेल गोल्डफिश

इनका शरीर सामान्यतः थोड़ा छोटा और गोलाकार होता है। इनकी 4 इंच लंबी पूंछ और पृष्ठीय पंख इनको विशेष बनाते हैं। वैलटेल गोल्डफिश को पालना साधारण गोल्डफिश की तुलना में थोड़ा मुश्किल होता है, क्योंकि इनके पंख सजावट पर क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। ये भोजन के लिए अच्छी तरह शिकार नहीं कर सकते, इसलिए इनको तैरता हुआ आहार दिया जाता है जिसे वे देख सकते हैं और आसानी से पकड़ सकते हैं। इनको ज्यादा जगह की भी जरुरत होती है। ये 7 से 8 इंच तक लम्बी हो सकती हैं।

बटरफ्लाई टेल गोल्डफिश

जैसा कि नाम से ही पता चलता है, यह अपने फैंसी पंखों के लिए जानी जाती है। इनके पास लम्बी और व्यापक रूप से फैली हुई दोहरी पूँछ होती है जो ऊपर से देखने पर तितली की तरह दिखती है। बटरफ्लाई टेल गोल्डफिश अलग अलग पैटर्न और रंगों में पाई जाती है। यह 7 से 8 इंच तक लम्बी हो सकती है।

वाकिन गोल्डफिश

यह कॉमन या कमेंट गोल्डफिश और फैनटेल गोल्डफिश के हाइब्रिड की तरह दिखती है जिसको तालाब में या एक्वेरियम में आसानी से पाला जा सकता है। इनके पास फैनटेल गोल्डफिश की तुलना में छोटी लेकिन सुन्दर पूँछ है। इनको रहने के लिए थोड़ा ज्यादा जगह की आवश्यकता हो सकती है। कुछ वाकिन गोल्डफिश तो 19 इंच तक लम्बी हो सकती हैं और ये अलग अलग रंगों में पाई जाती है।

वातोनई गोल्डफिश

वातोनई गोल्डफिश रंग रूप में वाकिन गोल्डफिश की तरह होती है लेकिन इनकी पूँछ वाकिन गोल्डफिश की तुलना में लम्बी होती है। यह काफी फैंसी नस्लों में से एक हैं जो कि तालाब में आसानी से पाली जा सकती हैं और इनकी देखभाल करना भी ज्यादा मुश्किल नहीं है। ये 10 से 12 इंच तक लम्बी हो सकती हैं, लेकिन तालाबों में ये 19 इंच तक भी लम्बी हो सकती हैं। ये सामान्यतः लाल या लाल-सफ़ेद रंग की होती हैं।

रयुकिन गोल्डफिश

रयुकिन गोल्डफिश में एक ध्यान देने योग्य कूबड़ होता है जिस कारन ये दिखने में जितनी लम्बी होती हैं उतनी ही ऊँची भी दिखाई देती हैं। इनकी पूँछ सुन्दर दोहरी होती है। इनको उचित तापमान पर तालाबों में रखा जा सकता है। इनको एक्वेरियम में अन्य गोल्डफिश के साथ भी रख सकते हैं। अगर आप किसी छोटी गोल्डफिश की नस्ल को देख रहे हैं तो यह काफी अच्छा विकल्प हो सकता है। इनकी लम्बाई 6 से 10 इंच तक हो सकती है।

जिकिन या पीकॉक गोल्डफिश

जिकिन या पीकॉक गोल्डफिश जापान की दुर्लभ गोल्डफिश में से एक है। इनका शरीर सामान्य तौर पर लम्बा होता है और पूँछ चौड़ी व फैली हुई होती है जो ऊपर से काफी सुन्दर दिखाई देती है। जिकिन वास्तव में अपने अद्वितीय रंग पैटर्न के लिए जानी जाती है। यह लाल व सफ़ेद रंगों में पायी जाती है। ये 8 से 10 इंच तक लम्बी हो सकती हैं।

टोसाकिन गोल्डफिश

यह नस्ल लगभग विलुप्त हो चुकी है। भूकंप, सुनामी और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान में जहां ये पायी जाती थी, वह क्षेत्र नष्ट हो गया। जहां से कुछ गोल्डफिश को बचाया जा सका। यह एक कूबड़ वाले रयुकिन की तरह दिखती हैं और इनके पास सुन्दर और चौड़ी दोहरी पूँछ होती है। ये लाल, काली या लाल-सफ़ेद रंग की होती है और लम्बाई में 4 से 8 इंच तक लम्बी हो सकती हैं।

रैनचु गोल्डफिश

यह सबसे पुरानी नस्लों में से एक है और इनको जापान में “गोल्डफिश के राजा” के रूप में जाना जाता है क्योंकि ये बहुत मूल्यवान हैं। इनके पास पृष्ठीय पंख नहीं होते हैं जिस कारण यह अन्य गोल्डफिश की तुलना में पानी में पैंतरेबाज़ी करने या भोजन के लिए शिकार करने में थोड़ा पीछे हैं। इनको सामान्य गोल्डफिश वाले तापमान वाले एक्वेरियम में आसानी से रखा जा सकता है। ये 5 से 8 इंच तक लम्बी हो सकती हैं।

लायनहेड गोल्डफिश

यह पृष्ठीय रहित सुनहरी मछली की सबसे लोकप्रिय नस्ल में से एक है। यह नाजुक फैंसी मछली रैनचु की तरह दिखाई देती है लेकिन इनकी दोहरी पूँछ होती है। उनके पास अक्सर एक प्रमुख हुड होता है जो उनके पूरे सिर और चेहरे को ढक सकता है। इनको एक्वेरियम में अन्य नस्लों के साथ रखा जा सकता है।

गोल्डफिश का पालन/देखभाल कैसे करें?

कॉमन गोल्डफिश मनुष्यों द्वारा पालतू जानवरों के रूप में रखी जाने वाली पहली मछली प्रजातियों में से एक है। कईं लोग गोल्डफिश को न्यूनतम आवश्यकताओं और कम रखरखाव वाले पालतू जानवर के रूप में देखते हैं। लेकिन गोल्डफिश को बुनियादी मछली पालन की समझ की आवश्यकता होती है। गोल्डफिश की देखभाल कैसे की जाये इस बारे में नीचे दिया गया है।

गोल्डफिश को कांच के बाउल (कटोरे) में नहीं रखना चाहिए

आप में से कईं ने गोल्डफिश को बाउल में देखा होगा और अगर आप भी मानते हैं कि इनको बाउल में रख सकते हैं तो इससे पहले यह जान लें कि प्रारंभिक शताब्दियों में उपयोग किए जाने वाले बाउल उस तरह के बाउल नहीं थे जैसे आज के बाउल हैं। ये आकार में काफी बड़े थे। संक्षेप में कहा जाय तो मछली को छोटे बर्तन में रखना उपयुक्त नहीं है, आप किसी बड़े और ज्यादा जगह वाले एक्वेरियम का उपयोग करेंगे तो ज्यादा सही रहेगा। किसी बड़े तालाब में उपयुक्त तापमान में भी गोल्डफिश को रख सकते हैं।

गोल्डफिश के टैंक का आकार

वैसे तो टैंक का आकार गोल्डफिश की नस्ल पर निर्भर करता है, लेकिन फिर भी आप लगभग 200 से 300 लीटर वाले टैंक से शुरुआत कर सकते हैं। आपको समय समय पर गोल्डफिश की लम्बाई पर नज़र रखनी होगी, और आवश्यकतानुसार टैंक को अपग्रेड करना होगा अर्थात टैंक का आकार बढ़ाना होगा।

गोल्डफिश के टैंक का तापमान

हांलाकि गोल्डफिश लगभग ठंड से लेकर उष्णकटिबंधीय तक के पानी में कम से कम थोड़े समय के लिए भी जीवित रह सकती हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि प्रतिदिन तापमान परिवर्तन को सह सकती हैं। गोल्डफिश के लिए लगभग 20 डिग्री सेल्सियस का तापमान अनुकूल रहता है।

पानी और निस्पंदन (फ़िल्टर) की आवश्यकता

गोल्डफिश भारी मात्रा में अपशिष्ट उत्पन्न कर सकती है, इसलिए आपको एक शक्तिशाली एक्वेरियम वाटर फिल्टर की आवश्यकता होगी और समय समय पर उनके टैंक की सफाई करनी होगी। गोल्डफिश के लिए 7.0-7.4 के बीच पीएच वाला पानी सबसे अच्छा होता है। ध्यान रहे ऑक्सीजन उपकरणों को जरूर चेक करते रहें, यह भी ध्यान में रखें कि पर्याप्त ऑक्सीजन मिल रही है या नहीं।

गोल्डफिश के टैंक की सजावट

गोल्डफिश के टैंक की सजावट के लिए असाधारण ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। कंकड़युक्त बजरी (Pea gravel) (रेत या महीन बजरी के विपरीत) सबसे अच्छी मानी जाती है, क्योंकि मछली अधिक आसानी से इसे निगलने से बच सकती है। सजावटी पत्थर, कृत्रिम पौधे भी लगाने चाहिए लेकिन गोल्डफिश के लिए तैरने का स्थान अधिक होना चाहिए इसलिए इनका उपयोग कम से कम किया जाना चाहिए।

गोल्डफिश का आहार

गोल्डफिश के लिए आहार भी महत्वपूर्ण है। इसके लिए आप नीचे पढ़ सकते हैं:-

गोल्डफिश या सुनहरी मछली के लिए भोजन (Goldfish Food)

गोल्डफिश तकनीकी रूप से सर्वाहारी होती हैं। आप जो कुछ भी फेकते हैं वह लगभग सब खा लेती हैं। उच्च कार्ब-प्रोटीन खाने की सामग्री वाले भोजन से गोल्डफिश को सबसे अधिक लाभ होता है। समय समय पर आप गोल्डफिश को कुछ विशेष आहार भी दे सकते हैं। बहुत ज्यादा भी आहार देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ज्यादा भोजन देने से वे खुद को नुकसान पहुंचाएंगी। आपको सुनहरी मछलियों को केवल वही खिलाना चाहिए जो वे दिन में एक या दो बार 2-3 मिनट में खा सकती हैं।

गोल्डफिश के लिए क्या कहता है वास्तु शास्त्र?

वास्तु शास्त्र में गोल्डफिश को रखना शुभ माना जाता है। घर के सौभाग्य को बढ़ाने में सुनहरी मछली बहुत ही सहायक होती है। गोल्डफिश को सबसे अधिक पवित्र और संपन्नता देने वाली माना जाता है। आप किसी उपयुक्त एक्वेरियम में अपने घर के ड्राइंगरूम की पूर्व या उत्तर दिशा में गोल्डफिश को रख सकते हैं।

इसके अलावा एरोवाना मछली को भी बहुत अच्छा व शुभ माना जाता है। ये मछली अच्छे स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि, धन और शक्ति का प्रतीक है और बुरी शक्तियों को दूर करती है। अगर आप घर में जिंदा मछली नहीं पाल सकते या नहीं पालना चाहते तो आप मुंह में सिक्का लिए हुए सुनहरी एरोवाना मछली की मूर्ति घर में रख सकते हैं।

गोल्ड फिश का बौद्ध धर्म से संबंध

आखिर गोल्डफिश बौद्ध धर्म में इतनी खास क्यों है? खास संबंध आज का नहीं बल्कि कई सदियों पहले का है, जब गोल्डफिश की पूर्वज जिन्हें ‘चाई’ कहा जाता था, अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही थी। आज भले ही घर की शोभा बढ़ाने के लिए गोल्ड फिश को रखा जाता है लेकिन पूर्वी एशिया में प्रचुर मात्रा में पाई जाने वाली यह मछली प्राचीन समय में एक बेहतरीन खाद्य पदार्थ के तौर पर प्रयोग की जाती थी। वर्तमान में ये नारंगी और सुनहरे रंग की है लेकिन इनके पूर्वज सिल्वर-ग्रे रंग के होते थे, जिन्हें चीन में भोजन करते थे।

चमकीले रंग की वजह से मछुआरों की नजर इन पर पड़ने लगी। नौंवी शताब्दी के दौरान इन मछलियों की रक्षा करने के लिए चीनी और बौद्ध धर्म गुरुओं ने इन मछलियों को अपने तालाबों में पालना शुरू किया। दुर्लभ हो रहे जनवरों को सुरक्षित करना एक पुण्य का काम माना जाता है। यही वजह थी कि बौद्ध धर्म के अनुयायी गोल्डफिश यानि ‘चाई’ को दयालुता का तालाब के नाम से बने एक विशिष्ट तालाब में डालने लगे। लेकिन ये मछलियां इंसानों से बहुत डरती थीं इसलिए वे इंसानों द्वारा तालाब में डाली गई कोई भी खाद्य वस्तु नहीं खाती थीं।

सन 1240 तक आते-आते बौद्ध धर्म के लगभग सभी अनुयायियों ने इन मछलियों को अपने-अपने घरों में पालना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे यह उनसे भिन्न नजर आने लगीं, जो कि सिल्वर ग्रे रंग की थीं। तब इन मछलियों ने इंसानों पर भरोसा करना शुरू कर दिया। बल्कि ये कछुओं और अन्य मछलियों के साथ भी आसानी से रहने लगीं।

बौद्ध धर्म के अष्टमंगल सिद्धांत में 8 प्रतीक हैं और प्रत्येक प्रतीक का अपना एक खास महत्व है। गोल्डन फिश का प्रतीक दो गोल्ड फिश से मिलकर बना है, जो संसार के किसी भी भय से मुक्त व्यक्ति को दर्शाता है और साथ ही साथ अन्य लोगों के लिए सांत्वना और सहानुभूति का प्रतीक है।

बौद्ध धर्म के अंतर्गत पवित्र माने जाने वाली गोल्ड फिश को खुशहाली का प्रतीक भी माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पानी के भीतर इन मछलियों को पूरी स्वतंत्रता होती है। इन मछलियों की प्रजनन क्षमता भी बहुत होती हैं, इसलिए इन मछलियों को घर में रखने से घर में नए मेहमान की किलकारी गूंजने की संभावना बढ़ती है।

गोल्डफिश के कुछ रोचक तथ्य (Interesting facts about Goldfish)

तथ्य 1: गोल्डफिश इंसानों का चेहरा पहचान सकती है

गोल्डफिश अलग-अलग चेहरों को अलग-अलग पढ़ सकती है और विभिन्न आकृतियों, रंगों और ध्वनियों के बीच अंतर करने में सक्षम होती है।

तथ्य 2: गोल्डफिश की याददाश्त कम से कम तीन महीने की होती है

बहुत से लोग कहते हैं कि गोल्डफिश की याददाश्त कुछ ही सेकंड की होती है, लेकिन यह एक मिथक है। सुनहरी मछली की याददाश्त कम से कम तीन महीने की होती है।

तथ्य 3: सुनहरी मछली इंसानों से ज्यादा रंग देख सकती है

गोल्डफिश अंधेरे में रहना पसंद नहीं करतीं और मनुष्यों के विपरीत, वे अल्ट्रा-वायलेट और इन्फ्रा-रेड लाइट देखने में सक्षम होती हैं।

तथ्य 4: सुनहरी मछली को 2000 से अधिक वर्षों से पालतू जानवर के रूप में रखा गया है और इसे भाग्य के रूप में दर्शाया गया है

मिंग राजवंश (1368-1644) के दौरान, सुनहरी मछली को भी घर के अंदर पाला जाने लगा, जिसके कारण ऐसे उत्परिवर्तन हुए जो तालाबों में रहने के लिए अनुकूल नहीं थे। मिंग राजवंश में फैंसी-पूंछ वाली सुनहरी मछली की पहली घटना दर्ज की गई थी।

तथ्य 5: सुनहरी मछली का पेट नहीं होता

सुनहरीमछली का पेट नहीं होता है इसलिए उसे एक बार में ढेर सारा खाना परोसने के बजाय बहुत से छोटे सत्रों में आसानी से पचने योग्य भोजन दिया जाना चाहिए। यही कारण है कि सुनहरी मछलियां इतना कचरा पैदा करती हैं और आपको उनके पानी को साफ रखने के लिए एक फिल्टर की आवश्यकता होती है।

तथ्य 6: सुनहरी मछली अपनी आँखें बंद नहीं कर सकती

सुनहरीमछली की पलकें नहीं होती हैं, इसलिए उन्हें आंखें खोलकर सोना पड़ता है

गोल्डफिश से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)

गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है?

कैरासियस औराटस

गोल्ड फिश कहां पाई जाती है?

सबसे अधिक चीन में

गोल्डफिश क्या क्या खाती है?

उच्च कार्ब-प्रोटीन युक्त आहार

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