ई-रुपी क्या है? ई-रुपी एप्प कैसे डाउनलोड करें | e-Rupi Launch Date, Download, Benefits

आज के समय में हम डिजिटल सेवाओं के प्रयोग की तरफ कदम बढ़ाते जा रहे हैं। हम सभी पेमेंट करने के लिए डिजिटल प्लेटफार्म जैसे गूगल पे, फोन पे, पेटीएम आदि का प्रयोग करते हैं। इसी की तरह ही ई-रूपी (e-Rupi) को लांच किया गया है जो डिजिटल भुगतान करने का नया तरीका है।

यह डिजिटल भुगतान प्रणाली की दिशा में अहम कदम है, क्योंकि इसके द्वारा डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा। ई-रूपी सामान्य भुगतान ऐप के रूप में नहीं है। यह यूपीआई ट्रांजैक्शन का एक नया रूप है जो गिफ्ट वाउचर की तरह काम करता है, जिसे रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा मान्यता प्राप्त है। 

ई-रुपी को डिजिटल इंडिया और कैशलेस इंडिया की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा सकता है। ई-रुपी डिजिटल पेमेंट मोड को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लॉन्च किया गया है। इस प्लेटफॉर्म को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज, मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी के द्वारा बनाया गया है।

इससे पहले भी पैसों के लेन देन से सम्बंधित कई सुविधायें दी जा चुकी हैं जैसे कि क्रेडिट/डेबिट कार्ड, डिजिटल पेमेंट एप्प इत्यादि. और अब ई-रुपी सुविधा को शुरू कर दिया गया है, जो कि पिछली भुगतान प्रणाली से थोड़ा अलग है, जिससे उपभोक्ताओं को पैसों के लेन देन में आसानी होने वाली है।

आज के लेख में हम आपको ई-रूपी क्या है” से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करेंगे, ताकि आपके मन में कोई भी दुविधा हो तो वह दूर हो जाए।

ई-रुपी क्या है? What is e-RUPI?

e rupi

ई-रुपी एक प्रीपेड वाउचर सर्विस है जिसका इस्तेमाल कईं तरह के भुगतान में कर सकते हैं। बैंक खाता या डिजिटल भुगतान ऐप या स्मार्टफोन ना होने के बावजूद ई-रुपी की मदद से भुगतान किया जा सकता है, यही इसकी ख़ास बात है। जैसे कि स्वास्थ्य संबंधी भुगतान के लिया इसका उपयोग कर सकते हैं, या कॉरपोरेट सेक्टर अपने कर्मचारियों के लिए इन वाउचर का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह वन टाइम पेमेंट वाउचर बिना किसी क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड व मोबाइल ऐप के द्वारा उपयोग किया जा सकता है।

इसके द्वारा क्यू-आर कोड व s.m.s. स्ट्रिंग आधारित ई-वाउचर लाभार्थियों के मोबाइल पर भेजे जाएंगे, जिनका उपयोग वह बिना बिचौलियों के भागीदारी के समय पर भुगतान के लिए कर पाएंगे। सरल शब्दों में कहा जाय तो यह एक प्रीपेड वाउचर या गिफ्ट कार्ड है जिसका उपयोग उपभोक्ता लेन देन सम्बन्धी सुविधाओं के लिए कर सकता है।

ई-रुपी की शुरुआत कब हुई?

ई-रुपी की शुरुआत 2 अगस्त 2021 को हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाम 4 बजे प्रेस कांफ्रेंस करके ई-रुपी एप्लीकेशन को लॉन्च किया। इसका उद्देश्य ऑनलाइन पेमेंट को ज्यादा आसान और सुरक्षित बनाना है।

ई-रूपी को किस की मदद से बनाया गया है?

ई-रूपी को विकसित करने का श्रेय नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एन.पी.सी.आई.) को जाता है, जिन्होंने इसे वित्तीय सेवा विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से विकसित किया है। इनके द्वारा ई-रूपी वाउचर प्रणाली को लाकर डिजिटल प्लेटफॉर्म को बढ़ावा दिया गया है।

ई-रुपी कैसे काम करता है?

ई-रुपी वाउचर को 11 बैंको की ओर से जारी किया जायेगा, जिनमें से कुछ बैंक हैं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, HDFC बैंक, पंजाब नेशनल बैंक इत्यादि। वाउचर के इश्यू हो जाने पर लाभार्थी को एक QR कोड और SMS के जरिए ई-रुपी वाउचर जारी किया जाएगा। एक व्यक्ति को एक बार ही QR कोड और SMS वाउचर जारी किया जाएगा। जैसे कि प्रोडक्ट की खरीददारी करने पर वाउचर मिलता है। ई-रुपी वाउचर की हार्डकॉपी ले जाने की जरूरत नहीं है, वाउचर मोबाइल फोन पर QR कोड या एसएमएस के रूप में भेजा जाता है। ई-रुपी वाउचर को जारी करने वाले बैंक इस प्रकार हैं:

  1. एक्सिस बैंक
  2. बैंक ऑफ़ बड़ौदा
  3. केनरा बैंक
  4. एचडीएफसी बैंक
  5. आईसीआईसीआई बैंक
  6. इंडसइंड बैंक
  7. इंडियन बैंक
  8. कोटक बैंक
  9. पंजाब नेशनल बैंक
  10. स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया
  11. यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया

ई-रूपी वाउचर कैसे जारी होंगे?

ई-रूपी सिस्टम एन.पी.सी.आई. के द्वारा अपने यूपीआई प्लेटफार्म पर तैयार किया गया है, जिसके अंतर्गत बैंकों को शामिल किया है जो इन वाउचर को जारी करेंगे। इसके लिए लाभार्थियों को अपना एक मोबाइल नंबर रजिस्टर करना होगा। यह मोबाइल नंबर ही उनकी यूनीक आईडी होगी जोकि वाउचर जारी करने के काम आएगा।

ई-रुपी अन्य पेमेंट सिस्टम से कैसे अलग है?

ई-रुपी अन्य पेमेंट सिस्टम जैसे कि फोनपे, गूगलपे, पेटीएम, भारतपे से काफी अलग है; इनके द्वारा व्यक्ति अपने पास मौजूद पैसों को कहीं भी खर्च कर सकता है लेकिन ई-रुपी एक वाउचर की तरह है जिसको किसी निश्चित मौके पर ही रिडीम किया जायेगा, जैसे कि सरकारी योजना में दिया गया पैसा उसी योजना के लिए रिडीम किया जा सकेगा।

ई-रुपी एप्प कैसे डाउनलोड करें?

ई-रुपी एप्प को गूगल प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर से डाउनलोड और इन्स्टाल कर सकते हैं; हांलाकि अभी हमारे आर्टिकल लिखने तक गूगल प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर की लिंक मौजूद नही है। भविष्य में ई-रुपी एप्प को डाउनलोड करने की लिंक मौजूद होते ही हम लिंक को उपलब्ध करा लेंगे और आपको इस बारे में अपडेट कर देंगे।

ई-रुपी के फायदे

ई-रुपी का इस्तेमाल कई योजनाओं के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा निजी क्षेत्र में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। ई-रुपी के कई फायदे हैं जो निम्नलिखित हैं:

  • e-RUPI वाउचर के इस्तेमाल के लिए लाभार्थियों को बैंक अकाउंट की जरूरत नहीं होगी।
  • यह संपर्क रहित भुगतान करने की आसान प्रक्रिया है।
  • e-RUPI के द्वारा योजनाओं के पैसे का इस्तेमाल गलत तरीके से नहीं हो सकेगा।
  • इसका उपयोग करने के लिए व्यक्तिगत विवरण की भी आवश्यकता नहीं है। 
  • यह बेसिक फोन के द्वारा भी उपयोग किया जा सकता है, इसके लिए स्मार्टफोन होना आवश्यक नहीं है।
  • e-RUPI से ज्यादा से ज्यादा लोगों तक सरकारी और कॉरपोरेट योजनाओं को पहुंचाने में मदद मिलेगी।
  • जिन जगहों पर इंटरनेट कनेक्शन कमजोर है, वहां पर भी इसे आसानी से उपयोग किया जा सकता है।
  • e-RUPI से गरीब और जरूरतमंद तक लोगों तक मदद पहुंचाने में मदद मिलेगी।
  • इसका खास फायदा यह है कि आपकी कभी भी पेमेंट खारिज नहीं होगी। 
  • ई-रूपी रीडिम किये वाउचर की गोपनीयता बनाए रखता है।
  • e-RUPI वाउचर को कोई भी संस्था जारी कर सकती है।
  • e-RUPI वाउचर को कोई भी प्राइवेट कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए जारी कर सकती है।

ई-रूपी वाउचर जारी करने पर बैंको को क्या फायदा है?

जब कोई भी बैंक ई-रूपी वाउचर जारी करेंगे तो वह प्रत्येक वाउचर पर शुल्क चार्ज करेगा।

केटेगरीवाउचर शुल्क
1000 रुपए तक2 रुपए
1000 से 5000 तक10 रुपए
5000 से 10000 तक20 रुपए

ई-रुपी से गरीबों को कोविड-19 वैक्सीन लगवाने में कैसे मदद मिलेगी?

ई-रुपी गरीबों के लिए वैक्सीनेशन में काफी मददगार साबित होगा क्योंकि आर्थिक रूप से सक्षम लोग किसी भी गरीब की मदद ई-रुपी को जारी करके कर सकेंगे और उसके वैक्सिनेशन का खर्च उठा सकेंगे। चूंकि यह नॉन-ट्रांसफरेबल इलेक्ट्रॉनिक वाउचर है और इसका इस्तेमाल वही कर सकता है जिसके लिए इसको जारी किया गया है व जिस उद्देश्य के लिए जारी किया गया है।

जैसे कि अगर आप किसी जरूरतमंद को वैक्सिनेशन के लिए ई-रुपी भेजते हैं तो e-RUPI लाभार्थी के मोबाइल पर QR कोड या SMS के रूप में मिलेगा, जिसको प्राइवेट वैक्सिनेशन सेंटर्स पर स्कैन किया जायेगा। इसके बाद वेरिफिकेशन के लिए लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर कोड आएगा। वेरिफिकेशन हो जाने पर वाउचर रिडीम हो जाएगा और तुरंत भुगतान हो जाएगा। इस प्रकार आप भी चाहें तो ई-रुपी से किसी जरूरतमंद की मदद कर सकते हैं।

ई-रुपी का उपयोग कैसे करें?

ई-रुपी का उपयोग करने के लिए किसी भी प्रकार की इंटरनेट बैंकिंग या अन्य इंटरनेट पेमेंट मोड्स की आवश्यकता नही है। इसका इस्तेमाल करने के लिए सिर्फ वाउचर की आवश्यकता होती है, जो कि डिजिटल रूप में होता है। इस वाउचर का इस्तेमाल आप पेमेंट के समय कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर आपके पास कोविड-19 वैक्सीन का वाउचर उपलब्ध है, तो इस वाउचर का इस्तेमाल आप कोरोना वैक्सीन के लिए ही कर सकते हैं।

ई-रूपी वाउचर का इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है जिसके लिए निम्न स्टेप्स फॉलो करने होंगे: 

  • लाभार्थी के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर बैंक द्वारा ई-रूपी वाउचर जारी होंगे, जो क्यू-आर कोड या s.m.s. के जरिए लाभार्थी के पास पहुंचेंगे ।
  • इसके बाद लाभार्थी को क्यू-आर कोड या s.m.s. सेंटर पर ले जाना होगा, वहां पर सर्विस प्रोवाइडर द्वारा यह स्कैन किया जाएगा। 
  • वेरिफिकेशन के बाद लाभार्थी के मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा।
  • ओटीपी जमा करने के बाद भुगतान हो जाएगा। 
  • भुगतान होने के बाद दोनों पार्टियों को कंफर्मेशन मैसेज प्राप्त होगा। 

इस प्रकार से ई-वाउचर का इस्तेमाल किया जाएगा, जो कि बहुत सरल प्रक्रिया है।

ई-रुपी कितना सुरक्षित है?

ई-रुपी उपयोग करने में जितना आसान है उतना ही ज्यादा यह सुरक्षित भी है। ई-रूपी नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एन.पी.सी.आई.) के द्वारा संचालित है, जो यह जानकारी देते हैं कि यह पूरी तरह से सुरक्षित व आसान है। इसमें लभार्थियों का विवरण पूरी तरह से गोपनीय रहता है। इस वाउचर के माध्यम से पूरी लेनदेन प्रक्रिया अपेक्षाकृत तेज और विश्वसनीय है, क्योंकि वाउचर में आवश्यक राशि पहले से ही संग्रहीत रहती है। इस वाउचर के द्वारा लेनदेन तेजी व भरोसे के साथ होगा, इसका कारण है कि पेमेंट के लिए दी जाने वाली रकम वाउचर में स्टोर होगी। यह लाभार्थी व सर्विस प्रोवाइडर को एक दूसरे के साथ डायरेक्ट जोड़ेगा जिससे बिचौलियों की भागीदारी खत्म होगी।

ई-रूपी डिजिटल करेंसी से कैसे अलग है?

ई-रूपी डिजिटल मुद्रा नहीं है बल्कि एक सामाजिक सेवा वाउचर प्रणाली है, जो बिना किसी देरी के लाभार्थियों को लाभ प्रदान करती है। यह सरकार के द्वारा संचालित है।

वहीं डिजिटल करेंसी ई-रूपी से अलग है क्योंकि डिजिटल करेंसी जैसे बिटकॉइन, क्रिप्टोकरेंसी आदि के द्वारा हम सेवाएं खरीद व व्यापार कर सकते हैं जिसमें लाभ होना सुनिश्चित नहीं है, साथ ही यह सरकार द्वारा भी संचालित नहीं की जाती है।

ई-रुपी का इस्तेमाल कहाँ किया जा सकता है?

ई-रुपी का उपयोग मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्कीमों के तहत दवाएं और निदान, उर्वरक सब्सिडी, इत्यादि देने की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है। निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व कार्यक्रमों के तहत डिजिटल वाउचर दे सकता है। ख़ास बात यह है कि इसका उपयोग करना पूरी तरह से सुरक्षित है, इसलिए सभी इसका उपयोग बिना किसी संदेह के कर सकते हैं।

निष्कर्ष

भारत बदलते वक्त के साथ बदल रहा है। दूसरे देशों की तुलना में भले ही हम अभी भी पीछे हैं, परंतु अब डिजिटल वर्ल्ड में कदम जमाना संभव हुआ है जोकि एक गेम-चेंजिंग प्रयास है। इस प्रकार डिजिटल इंडिया की मुहिम में ई-रुपी के आ जाने से और भी ज्यादा तेज़ी आ जाएगी। आप भी ई-रुपी का इस्तेमाल करके किसी जरुरतमंद की मदद कर सकते हैं।

इस लेख के माध्यम से हमने आपको ई-रूपी डिजिटल भुगतान के संबंध में सभी महत्वपूर्ण विवरण प्रदान किए हैं। यदि आप अभी भी किसी भी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आप अपनी समस्या के समाधान के लिए विभाग के हेल्पलाइन नंबर-18001201740 के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं।

ई-रुपी से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)

ई-रुपी क्या है?

ई-रुपी एक प्रीपेड वाउचर सर्विस है जिसका उपयोग उपभोक्ता लेन देन सम्बन्धी सुविधाओं के लिए कर सकते हैं। इसमें लाभार्थी को एक QR कोड और SMS के जरिए ई-रुपी वाउचर जारी किया जाता है।

ई-रुपी के फायदे क्या हैं?

ई-रुपी के द्वारा पारदर्शी और आसान तरीके से लेन-देन होता है जिससे योजनाओं के पैसे का इस्तेमाल गलत तरीके से नहीं हो सकेगा।

ई-रुपी का इस्तेमाल कहाँ हो सकता है?

ई-रुपी का इस्तेमाल मातृ और बाल कल्याण योजनाओं के तहत दवाएं और पोषण संबंधी सहायता, टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसी स्कीमों के तहत दवाएं और निदान, उर्वरक सब्सिडी, इत्यादि देने की योजनाओं के तहत सेवाएं उपलब्ध कराने में किया जा सकता है। निजी क्षेत्र भी अपने कर्मचारी कल्याण और कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व कार्यक्रमों के तहत डिजिटल वाउचर का लाभ उठा सकता है।

ई-रुपी का उपयोग कैसे करना है?

ई-रुपी का इस्तेमाल करने के लिए वाउचर की आवश्यकता होती है, जो कि डिजिटल रूप में संग्रहित होता है। इस वाउचर का इस्तेमाल पेमेंट के समय किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, कोविड-19 वैक्सीन के वाउचर का इस्तेमाल आप कोरोना वैक्सीन के लिए ही कर सकते हैं।

ई-रुपी को किस प्लेटफ़ॉर्म पर विकसित किया गया है?

ई-रुपी को यूपीआई प्लेटफ़ॉर्म पर विकसित किया गया है।

ई-रुपी वाउचर को जारी करने वाले बैंक कौन हैं?

एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, केनरा बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, इंडियन बैंक, कोटक बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया

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