नरेगा (NREGA) का पूरा नाम National Rural Employment Guarantee Act है। नरेगा का हिंदी में पूरा नाम राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम है। लेकिन वर्तमान समय में इसका नाम नरेगा (NREGA) से MGNREGA रख दिया गया है।
यह नाम 2 – अक्टूबर 2009 में बदला गया था। जिसका पूरा नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम है। भारत में अधिकांश जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त नहीं होता है,
इसलिए ग्रामीण जनसख्यां रोजगार के लिए शहर की ओर पलायन कर रही है, केंद्र सरकार ने इस पलायन को रोकने के लिए लोगों को ग्रामीण क्षेत्र में ही रोजगार प्रदान करने का निर्णय लिया है। यह मनरेगा योजना के माध्यम से ही सम्भव हो पाया है।
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मनरेगा का पूरा नाम क्या है?
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मनरेगा (MGNREGA) का पूरा नाम महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना है। इससे पूर्व इस योजना को राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना (NREGA) नरेगा के नाम से जाना जाता था।
नरेगा (NREGA) योजना की शुरुआत
नरेगा योजना को 2 अक्टूबर 2005 को पारित किया गया था। भारत में इसकी शुरुआत सबसे पहले 2 फरवरी 2006 को आंध्र प्रदेश के बांदावाली जिले के अनंतपुर नामक गाँव में हुआ था। शुरुआत में इस योजना को लगभग 200 जिलों में लागू किया गया था| बाद में इसे 1 अप्रेल 2008 को पूरे भारत में लागू कर दिया गया।
मनरेगा नाम परिवर्तन
31 दिसंबर 2009 को इस योजना के नाम में परिवर्तन करके इसे महात्मा गाँधी राष्ट्रीय रोजगार गारण्टी योजना कर दिया गया।
MGNREGA का उद्देश्य
इसका मुख्य उद्देश्य गाँव में रहने वाले लोगो को गाँव में ही रोजगार प्रदान करना और उनकी कार्यशक्ति को बढ़ाना है। जिससे कि गाँव में रहने वाले लोग शहर में न जाकर गाँव में ही रोजगार प्राप्त कर सके।
मनरेगा योजना के अंतर्गत कार्य
इस योजना के अंतर्गत विभिन्न कार्य कराये जाते है, जिसमे से प्रमुख कार्य इस प्रकार से है |
- जल संरक्षण
- सूखे की रोकथाम के अंतर्गत वृक्षारोपण
- बाढ़ नियंत्रण
- भूमि विकास
- विभिन्न तरह के आवास निर्माण
- लघु सिंचाई
- बागवानी
- ग्रामीण सम्पर्क मार्ग निर्माण
- कोई भी ऐसा कार्य जिसे केन्द्र सरकार राज्य सरकारों से सलाह लेकर अधिसूचित करती है |
मनरेगा योजना से लाभ
- मनरेगा योजना में ग्रामीण लोगों को अपने परिवेश में ही रोजगार प्राप्त हो जाता है,
- केंद्र सरकार ने इस योजना के अंतर्गत 100 कार्य दिवस के रोजगार की गारंटी दी है |
- छत्तीसगढ़ राज्य में महात्मा मनरेगा योजना के अंतर्गत 100 कार्य दिवस को बढ़ा कर 150 कार्यदिवस की रोजगार गारंटी दी है
- 50 कार्य दिवस के व्यय का वहन राज्य सरकार के द्वारा किया जायेगा |
- इस योजना के अंतर्गत परिवार के वयस्क सदस्य के द्वारा आवेदन किया जाता है, आवेदन होने के 15 दिन के अंदर रोजगार प्रदान किया जाता है,
- यदि किसी कारणवश 15 दिन के अंदर रोजगार प्राप्त नहीं होता है, तो सरकार के द्वारा उसे बेरोजगारी भत्ता प्रदान किया जाता है, यह भत्ता पहले 30 दिन का एक चौथार्इ होता है, 30 दिन के बाद यह न्यूनतम मजदूरी दर का पचास प्रतिशत प्रदान किया जाता है |
- इस योजना में मजदूरी का भुगतान बैंक, डाकघर के बचत खातों के माध्यम से किया जाता है,
- आवश्यकता पड़ने पर नगद भुगतान की व्यस्था विशेष अनुमति लेकर की जा सकती है |
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