अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस यानी कि International Women’s Day (IWD) विशेष रूप से महिलाओं के द्वारा बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। आधुनिक समाज में महिलाओं के लिए लोगो की सोच में पहले की तुलना में काफी परिवर्तन आया है, जो कि काफी खुशी की बात है; क्योकि इन सब चीज़ों से ही एक सशक्त समाज का विकास होता है, और हम एक साथ मिलकर देश और विश्व के विकास में भागीदारी कर सकते हैं। महिलाएं घर परिवार का अभिन्न अंग होती हैं, और हमें उनका अति सम्मान करने की आवश्यकता है।
पहले के समय में स्त्रियां और मासूम बच्चियां तमाम तरह के शोषण का शिकार होती रही हैं। हांलाकि यह सब अभी भी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन देशों और विश्व की सरकारों द्वारा इस दिशा में कईं महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं और काफी हद तक अपने इस मिशन में कामयाब भी हुए हैं। आज के समय में कईं ऐसे क्षेत्र हैं जैसे कि राजनीति, खेल, विज्ञान इत्यादि जहां पर महिलाएं पुरुषों से काफी आगे है।
अगर बात भारतीय समाज की हो तो यहां महिला को देवी का स्वरुप माना गया है, और महिलाओं का अपमान देवी के अपमान के बराबर है। लेकिन इसके बावजूद अभी भी कईं ऐसे पिछड़े क्षेत्र हैं जहां महिलाओं को अलग दृष्टि से देखा जाता है और उनके साथ पुरुषों के सामान व्यवहार नहीं किया जाता है। तो हमे अब इस मिशन को देश और विश्व के हर एक नागरिक तक पहुंचाकर महिलाओं को अलग तरह से देखने का नजरिया दूर करने के लिए एक साथ आगे आना चाहिए, इसी से एक देश का सम्पूर्ण विकास संभव है।
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है? (when women’s day celebrated)
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को पूरे विश्व में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं एकजुट होकर बड़े ही हर्षोल्लास से महिला दिवस मनाती हैं। महिलाओं के द्वारा आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक क्रियाओं में निभाने वाली भूमिका को हमें भूलना नहीं चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? (why women’s day celebrated)
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं को सम्मान देने के लिए और उनके द्वारा किये गए कार्यों की सराहना करने के लिए मनाया जाता है। मूल रूप से इस कार्यक्रम को मनाने की घोषणा सभी महिलाओं के लिये समानता के अधिकार को बढ़ावा देने के लिये हुई। इस दिन दुनिया भर में महिलाओं के जीवन में सुधार लाने और उनमें जागरुकता बढ़ाने के लिए कई विषयों पर जोर दिया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास (international women’s day history)
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के आयोजन की शुरुआत का सन 1908 में हुई, उस समय न्यूयॉर्क शहर में 15 हज़ार महिलाओं ने काम के घंटे कम करने, बेहतर वेतन और वोट देने की माँग के साथ विरोध प्रदर्शन निकाला था। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को पहली बार अमेरिका में सोशलिस्ट पार्टी के आह्वान पर 28 फरवरी 1909 में मनाया गया। इसके बाद 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल के कोपेनहेगन सम्मेलन में इसे अन्तर्राष्ट्रीय दर्जा दिया गया। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पहली बार 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी, स्विट्जरलैंड में बनाया गया।
1917 में सोवियत संघ ने इस दिन को एक राष्ट्रीय अवकाश के तौर घोषित किया था। रूस की महिलाओं ने “ब्रेड एंड पीस” (खाना और शांति) की मांग को लेकर 1917 में हड़ताल की, जिसके फलस्वरूप रूस में महिलाओं को वोट का अधिकार प्राप्त हुआ। उस समय रूस में जूलियन कैलेंडर के अनुसार 23 फरवरी का दिन था और ग्रेगेरियन कैलेंडर में इस दिन 8 मार्च था। इसके बाद से ही अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाने लगा।
इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता 1975 में मिली। संयुक्त राष्ट्र ने 1996 में पहली बार इसके आयोजन में एक थीम को चुना गया – ‘अतीत का जश्न मनाओ, भविष्य की योजना बनाओ’. इस बार 2023 में दुनिया में 112वां अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जायेगा।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को कौन-कौन से रंग प्रदर्शित करते हैं?
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को बैंगनी, हरा और सफेद रंग प्रदर्शित करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कैंपेन के मुताबिक़, “बैंगनी रंग न्याय और गरिमा का सूचक है। हरा रंग उम्मीद का सूचक है और सफेद रंग शुद्धता का सूचक है। इन तीनों बैंगनी, हरा और सफेद रंग को 1908 में ब्रिटेन की वीमेंस सोशल एंड पॉलिटिकल यूनियन (WSPU) के द्वारा तय किया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 की थीम क्या है? (International Women’s Day Theme 2023)
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 की थीम है – “डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी” (DigitALL: Innovation and technology for gender equality). इस थीम के पीछे यह विचार है: लैंगिक समानता प्राप्त करने और सभी महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए डिजिटल युग में नवाचार और तकनीकी परिवर्तन और शिक्षा।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम (1996-2023) | International Women’s Day Theme (1996-2023)
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम (1996-2023) | International Women’s Day Theme (1996-2023)
- 1996 – “भूतकाल का जश्न, भविष्य की योजना”
- 1997 – “महिला और शांति की मेज”
- 1998 – “महिला और मानव अधिकार”
- 1999 – “महिलाओं के खिलाफ हिंसा मुक्त विश्व”
- 2000 – “शांति के लिये महिला संसक्ति”
- 2001 – “महिला और शांति: विरोध का प्रबंधन करती महिला”
- 2002 – “आज की अफगानी महिला: वास्तविकता और मौके”
- 2003 – “लैंगिक समानता और शताब्दी विकास लक्ष्य”
- 2004 – “महिला और एचआईवी/एड्स”
- 2005 – “2005 के बाद लैंगिक समानता; एक ज्यादा सुरक्षित भविष्य का निर्माण कर रहा है”
- 2006 – “निर्णय निर्माण में महिला”
- 2007 – “लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लिये दंडाभाव का अंत ”
- 2008 – “महिलाओं और लड़कियों में निवेश”
- 2009 – “महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को खत्म करने के लिये महिला और पुरुष का एकजुट होना”
- 2010 – “बराबर का अधिकार, बराबर के मौके: सभी के लिये प्रगति”
- 2011 – “शिक्षा, प्रशिक्षण और विज्ञान और तकनीक तक बराबरी की पहुँच: महिलाओं के लिये अच्छे काम के लिये रास्ता”
- 2012 – “ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण, गरीबी और भूखमरी का अंत”
- 2013 – “वादा, वादा होता है: महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करने का अंत आ गया है”
- 2014 – “वादा, वादा होता है: महिलाओं के समानता सभी के लिये प्रगति है”
- 2015 – “महिला सशक्तिकरण- सशक्तिकरण इंसानियत: इसकी तस्वीर बनाओ! (यूएन के द्वारा),महिला सशक्तिकरण पर पुनर्विचार और 2015 में लैंगिक समानता और उससे आगे” (यूनेस्को के द्वारा) और “तोड़ने के द्वारा” (मैनचेस्टर शहर परिषद के द्वार)
- 2016 – “2030 तक, ग्रह में सभी 50-50: लैंगिक समानता के लिए आगे आये”
- 2017 – “कार्य की बदलती दुनिया में महिलाएं: 2030 तक, ग्रह में सभी 50-50”
- 2018 – “अब समय है: महिलाओं और महिलाओं के जीवन को बदलने वाले ग्रामीण और शहरी कार्यकर्ता अब हैं: ग्रामीण और शहरी कार्यकर्ता महिलाओं के जीवन को बदल रहे हैं”
- 2019 – “समान सोचें, बिल्ड स्मार्ट, बदलाव के लिए नया करें”
- 2020 – “मैं जनरेशन इक्वेलिटी: महिलाओं के अधिकारों को महसूस कर रही हूं”
- 2021 – “चुनौती के लिए चुनें”
- 2022 – “स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता”
- 2023 – “लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी”
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कैसे मनाया जाता है? (how women’s day is celebrated)
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पूरे विश्व में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन विश्व के कईं देशों में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। इसे महिलाओं के अधिकार, योगदान, शिक्षा की महत्ता, आजीविका आदि के लिये जागरुकता बढ़ाने के लिये मनाया जाता है। विद्यालयों में महिला शिक्षकों को विद्यार्थियों के द्वारा उपहार दिए जाते हैं। इसके अलावा बहनो को भाई के द्वारा, पुत्री को पिता के द्वारा, माता-पिता को अपने बच्चों के द्वारा उपहार दिए जाते हैं।
भारत में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कैसे मनाया जाता है? (how women’s day is celebrated in India)
भारत में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं के सम्मान में अलग अलग प्रकार के समारोह का आयोजन किया जाता है। समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए महिलाओं को सम्मानित भी किया जाता है। इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है। इस दिन शक्तिशाली कला का भी प्रदर्शन किया जाता है। इसके अलावा कई संस्थाओं के द्वारा गरीब महिलाओं को आर्थिक मदद भी दी जाती है।
भारतीय संविधान में महिलाओं के 10 महत्वपूर्ण अधिकार
भारतीय संविधान में महिलाओं के 10 महत्वपूर्ण अधिकार नीचे दिए गए हैं:
- संपत्ति का अधिकार
- समान वेतन का अधिकार
- गुजारा भत्ता का अधिकार
- उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार
- नाम न छापने का अधिकार
- कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार
- घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार
- मातृत्व संबंधी लाभ के लिए अधिकार
- मुफ्त कानूनी मदद के लिए अधिकार
- रात में गिरफ्तार न होने का अधिकार
Mahila Diwas FAQs
2023 महिला दिवस की थीम क्या है?
2023 महिला दिवस की थीम है: “लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी”
भारत में महिला दिवस कब मनाया जाता है?
12 फ़रवरी
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है?
8 मार्च
पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया गया था ?
1908 में
पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कहाँ मनाया गया था ?
न्यूयॉर्क में
निष्कर्ष
आज के समय में महिला सुरक्षा और महिला अधिकार एक गंभीर विषय है। सरकार के द्वारा महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इससे सम्बंधित विभिन्न क़ानून बनाये गए हैं। हांलाकि महिलाओं के सम्मान के लिए बनाये गए विभिन्न नियमों के बावजूद हमको अभी भी पूरे समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है। समाज के विकास और देश को आगे बढ़ाने में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। इसलिए हम सभी को एक साथ आगे आकर महिलाओं को उनके अधिकार के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए।
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