विश्व कैंसर दिवस 2023, इतिहास, थीम | World Cancer Day 2023, History, Theme

यूं तो संपूर्ण विश्व में अनेकों प्रकार की बीमारियां अपना वर्चस्वा स्थापित कर रही हैं,और चिकित्सा प्रमुख आयुर्वेद एवं अन्य माध्यमों द्वारा उन रोगों के उपचार हेतु प्रयास कर रहे हैं और सफलता भी प्राप्त कर रहे हैं। रोगों का इलाज ढूंढने के पथ पैट चिकित्सा क्षेत्र में अपार सफलता प्राप्त हुयी है बावजूद इसके कुछ रोग ऐसे हैं जिनका वर्षों तक गहन अध्ययन करने के बाद भी चिकिसकों का हर प्रयास असफल रहा है। ऐसी ही एक लाइलाज बीमारी है ‘कैंसर”।

चिकित्सकों के अथक प्रयास के बाद भी कैंसर का का इलाज अभी तक संभव नहीं हो पाया है। देश में तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों के अत्यधिक सेवन की वजह से कैंसर के मरीजों की संख्या बहुत अधिक है और साल दर साल यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।

साल दर साल अनेकों लोग कैंसर से पीड़ित होकर मृत्यु  ग्रास हो रहे हैं, विश्व के सर्वाधिक लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। वर्तमान समय में कैंसर एक ऐसी लाइलाज बीमारी है जिससे सबसे अधिक लोगों की मृत्यु होती है। अथक प्रयासों के बावजूद भी विश्व भर में कैंसर के मरीजों की संख्या में किसी भी प्रकार से कोई कमी नहीं आ रही है। कैंसर के इस भयावह तथ्य को ध्यान में रखते हुए ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रत्येक वर्ष 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाने का निर्णय लिया जिसके माध्यम से लोगों को इस भयानक बीमारी कैंसर से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा सके और लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जा सके।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि इस बीमारी का इलाज नहीं खोजा गया तो 2030 तक कैंसर के कुल मरीजों की संख्या 1 करोड़ से भी अधिक हो सकती है। एक पत्रिका के आंकड़ों के अनुसार साल 2005 में 7.6 लाख लोग कैंसर की चपेट में आने से मौत के आगोश में समा गए थे। महज़ कुछ ही वर्षों में इस बीमारी के कारणइतनी बड़ी संख्या में लोगों के मरने से और विश्व स्तर पर इस बीमारी के फैलने से सभी चिंतित हैं।

कैंसर उन बीमारियों में से एक है जिसका इलाज तो अभी तक संभव नहीं हो पाया परन्तु इसे काबू करना और इससे बचाव काफी हद तक संभव है। कैंसर हो जाने पर प्रारम्भिक अवस्था में ही यदि इसका पता चल जाए तो रोगी का इलाज संभव है, भिन्न भिन्न प्रकार की तकनीकों का उपयोग कर रोगी के शरीर से कैंसर को विभक्त किया जा सकता है। कैंसर का यदि सही समय पर पता ना लगाया जाए और उसका उपचार ना किया जाए तो मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है।

कैंसर क्या होता है?

शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित तौर पर होने वाली वृद्धि से कैंसर होता है। इसमें कोशिकाएं शरीर में फैलने लगती हैं और यह शरीर की हिस्सों में नुकसान पहुंचाने लगती हैं। जिससे शरीर के उन हिस्सों पर ट्यूमर (गांठ) बन जाता है, इस अवस्था को कैंसर कहते हैं। कैंसर की कोई निश्चित समय सीमा नहीं है, यह किसी भी उम्र में हो सकता है।

समय पर कैंसर का पता लगने पर इससे बचा जा सकता है लेकिन यदि कैंसर का सही समय पर पता ना लगाया गया और सही समय पर उपचार नहीं हुआ तो यह मौत का कारण भी बन सकता है। कैंसर अलग अलग प्रकार के होते हैं जैसे कि लंग कैंसर, स्तन कैंसर, त्वचा कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, ब्रेन कैंसर, बोन कैंसर, ब्लैडर कैंसर, पेंक्रियाटिक कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, मुंह का कैंसर, गले का कैंसर, किडनी कैंसर, स्टमक कैंसर, थायरॉड कैंसर, गर्भाशय कैंसर इत्यादि।

विश्व कैंसर दिवस कब मनाया जाता है?

world cancer day

यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (UICC) द्वारा 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। विश्व कैंसर दिवस को सबसे पहले 1993 में स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में मनाया गया।

विश्व कैंसर दिवस का इतिहास (World Cancer Day History)

4 फरवरी 1933 में अंतर्राष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ द्वारा स्विट्जरलैंड के जिनेवा में पहली बार विश्व कैंसर दिवस मनाया गया। 1933 के बाद सम्पूर्ण विश्व में कैंसर रोग के प्रति जागरूकता वर्ष 2005 से आयी और तभी से इस दिन विश्व में कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु कैंसर दिवस मनाया जाता है। सम्पूर्ण विश्व के साथ साथ देश में भी इस दिन सभी चिकित्सकीय एवं स्वास्थ्य संगठन जागरुकता फैलाने का कार्य करते हैं और इन कार्यों को किसी ना किसी योजना के अंतर्गत पूर्ण किया जाता है।

विश्व कैंसर दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why World Cancer Day is celebrated)

चूंकि कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को आम लोगों द्वारा समाज में घृणा की दृष्टि से देखा जाता है और साथ ही लोग उन्हें स्पर्श करने से भी बचते हैं। इसका कारण लोगों के मन में कैंसर के बारे में गलत भ्रांतियों का होना है, जिसको दूर करना अति आवश्यक है। इस वजह से लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (UICC) का प्राथमिक उद्देश्य कैंसर पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में कमी करना और इसके कारण होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना है। इसके साथ ही इसका उद्देश्य लोगों को कैंसर से बचाव के उपाय और खतरों के बारे में जानकारी देना है।

विश्व कैंसर दिवस थीम (World Cancer Day Theme)

विश्व कैंसर दिवस हर वर्ष कुछ विशेष थीम पर मनाया जाता है; कुछ वर्षों के थीम को यहाँ नीचे दिया जा रहा है:

  • 2007 के विश्व कैंसर दिवस की थीम – “बच्चों का आज, दुनिया का कल”
  • 2008 के विश्व कैंसर दिवस की थीम – “बच्चों और युवाओं को एक धुआँ-मुक्त पर्यावरण दो”
  • 2009 के विश्व कैंसर दिवस की थीम – “मैं अपने स्वस्थ सक्रिय बचपन से प्यार करता हूँ”
  • 2010 के विश्व कैंसर दिवस की थीम – “कलेजे के कैंसर से संबंधित वायरस से रोकथाम के लिये टीकाकरण”
  • 2011 के विश्व कैंसर दिवस की थीम – “ धूप से बचने के उपाय के द्वारा बच्चों और युवाओं को शिक्षा”
  • 2012 के विश्व कैंसर दिवस की थीम – “एकसाथ ये मुमकिन है”
  • 2013 के विश्व कैंसर दिवस की थीम – “कैंसर- क्या आप जानते थे ?”
  • 2014 के विश्व कैंसर दिवस की थीम – “मिथकों का भंडाफोड़ करना”
  • 2015 के विश्व कैंसर दिवस की थीम – “हमारे सीमाओं के बाहर नहीं है”
  • 2016, 2017, 2018 के विश्व कैंसर दिवस की थीम – “हम कर सकते हैं। मै कर सकता हूँ”
  • 2019, 2020, 2021 के विश्व कैंसर दिवस की थीम – “मैं हूं और मैं रहूंगा – (I am and I will)”

वैज्ञानिक भाषा में कैंसर

मानव शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्धि को वैज्ञानकि भाषा में कैंसर कहा जाता है। कैंसर से युक्त ये कोशिकाएं जब शरीर में मौजूद टिश्यू को प्रभावित करती हैं तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में भी प्रसारित होने लगता है। कैंसर के अनेकों रूप हैं जैसे- ब्रेन कैंसर, लंग कैंसर, स्तन कैंसर,स्टमक कैंसर, थायरॉड कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, बोन कैंसर, ब्लैडर कैंसर, पेंक्रियाटिक कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, गर्भाशय कैंसर, किडनी कैंसर, मुंह का कैंसर आदि अनेकों रूप में कैंसर देखने को मिलता है और अभी भी इसकी गिनती निश्चित नहीं है।

भिन्न भिन्न प्रकार के कैंसर विभिन्न प्रकार के कारणों की वजह से होते हैं साथ ही साथ हर प्रकार के अपने कुछ विशेष लक्षण होते हैं, आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ विशेष लक्षण-

1. वजन का अनियमित रूप से बढ़ना- कैंसर की कुछ विशेष अवस्थाओं में वजन अनियमित रूप से बढ़ता है जैसे पेट का कैंसर इत्यादि।

2. बालों का अत्यधिक मात्रा में एक साथ टूटना।

3. लंबे समय तक गले में खराश होना

4. शरीर में किसी भी तरह की गांठ का अनियंत्रित बढना

5. किसी भी घाव का लंबे समय तक ठीक न होना

6. कैंसर के लक्षणों में सांस फूलना और हर वक्त थकान का बने रहना भी शामिल है।

7. पेट की समस्या का लंबे वक्त तक बने रहना और पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना गर्भाशय कैंसर का लक्षण हो सकता है।

कैंसर के कारण

यूं तो ऐसे बहुत से कारण हैं जिनसे कैंसर के होने का खतरा बढ़ जाता है, जिनमें से निम्न कारण प्रमुख हैं-

1. नशीले पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन- आधुनिक दौर में मानव द्वारा नशीले पदार्थों का सेवन अधिक मात्रा में किया जाता है जिनमें मदिरा पान का चलन सबसे अधिक है। चिकित्सकीय शोध में यह ज्ञात हुआ है “कैंसर से पीड़ित हर तीसरा व्यक्ति कैंसर की चपेट में नशीले पदार्थों के अधिक सेवन की वजह से ही आता है।

2. व्यायाम रुपी शारीरिक गतिविधि का अभाव भी कैंसर का एक प्रमुख कारण माना जाता है। शोध कर्ताओं के अनुसार व्यायाम की गति के अभाव के कारण कैंसर का खतरा ३०% तक बढ़ जाता है।

3. पौष्टिक आहार ना लेना- पौष्टिक आहार का सेवन दैनिक जीवन में अति आवश्यक है।

कैंसर के बारे में रोचक तथ्य – Amazing Facts About Cancer

  • दुनिया में हर रोज़ 20,000 से भी ज़्यादा मौतें कैंसर की वजह से होती हैं।
  • दुनिया में मलेरिया, TB और AIDS की वजह से जितनी मौते होती है उससे कई ज़्यादा मौते कैंसर की वजह से होती है।
  • कैंसर लगभग 100 प्रकार के होते हैं।
  • शरीर के किसी भी अंग में आप कैंसर से ग्रसित हो सकते हैं।
  • शराब और तंबाकू छोड़ने पर 30% कैंसर से बचा जा सकता है।
  • दुनिया में करीब 2.8 करोड़ लोग कैंसर से ग्रसित हैं।
  • हर रोज़ exercise करने से ब्रैस्ट(स्तन) कैंसर होने की सम्भावना 25% कम हो जाती है।
  • एक सिगरेट में करीब 48,000 केमिकल होते है जिसमे से 69 कैंसर का कारण बन सकते हैं।
  • आप जानते होंगे कि धूम्रपान करने से ही Lung Cancer होता है। लेकिन दुनिया के ज़्यादातर कर्मचारी ऑफिस के अंदर या घर के अंदर ही काम करते है जिसकी वजह से इन्हे Skin Cancer हो जाता है और इससे पीड़ित व्यक्तियों की संख्या Lung Cancer के पीड़ितों से ज़्यादा है।
  • एक स्टडी के अनुसार लंबी लड़कियों को कैंसर होने की सम्भावना ज़्यादा होती है।
  • सन् 1991 में कैंसर की मृत्यु दर करीब 215 मृत्यु प्रति 100000 व्यक्ति थी। जो सन् 2010 में घट कर 172 मृत्यु प्रति 100000 व्यक्ति हो गई है।
  • मशहूर हॉलीवुड अभिनेत्री “एंजेलिना जोली” के स्तन कैंसर की घोषणा के बाद अमेरिका की महिलाओं ने दुगनी संख्या में कैंसर टेस्ट कराया था।
  • Prediabetes से कैंसर के होने की 15% संभावना बढ़ जाती है।
  • पायलट और अधिकतर हवाई सफर करने वाले लोगो में Skin Cancer होने की संभावना दुगनी होती है।
  • अमेरिका में हर साल करीब 450 पुरुषों की मौत स्तन कैंसर की वजह से होती है।
  • प्रशिक्षित कुत्ते सिर्फ सूंघ कर ही कैंसर का पता लगा सकते हैं।
  • आप यह सुन कर हैरान रह जाएँगे कि पौधों को भी कैंसर हो सकता है।
  • सिर्फ अमेरिका में ही हर 13 मिनट में स्तन कैंसर की वजह से एक महिला की मौत होती है।
  • सिर्फ धूम्रपान से ही नही वायु प्रदूषण से भी Lung Cancer हो सकता है।
  • “Billy Owen” नाम के एक व्यक्ति ने कैंसर की वजह से उसकी एक आँख और आधे चेहरे को खो दिया था। लेकिन उसके बाद उसने अपना करियर एक Zombie Actor के रूप में बनाया और वह काफी प्रचलित भी हुआ था।
  • अमेरिका के कुल कैंसर पीड़ितों में से केवल 65% लोग ही जीवित रह पाते है।
  • हाथियों में कैंसर होने की संभावना बहुत कम होती है।
  • दुनिया में कैंसर से होने वाली कुल मृत्यु में से 3.5% मृत्यु सिर्फ शराब पीने से होती है।
  • Tattoos की वजह से Skin कैंसर का पता लगाना मुश्किल हो सकता है।
  • पिछले एक दशक में तंबाकू की वजह से करीब 5 करोड़ लोगो की जान जा चुकी है।
  • दुनिया की हर 8 में से 1 मौत का कारण कैंसर ही होता है।

निष्कर्ष

राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सरकारों द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों एवं योजनाओं का सञ्चालन किया जाता है जिससे विश्व भर में रहने वाली जनता को स्वस्थ्य के प्रति जागरूक कराया जा सके जिससे किसी भी व्यक्ति विशेष के जीवन में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का समायोजन न हो। विश्व कैंसर दिवस ऐसी ही एक योजना का चरण है जिसके माध्यम से जनता तक कैंसर से बचने के उपाय, कैंसर होने के कारण एवं अन्य कई प्रकार भी जानकारियां पहुंचाई जाती है जिनको ध्यान में रखकर कई जीवन इस गंभीर बीमारी से बचाये जा सकते हैं।

यह भी देखें

International Yoga day – अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस – आखिर 21 जून ही क्यों?