मेटावर्स क्या है? फेसबुक का नया नाम “मेटा” क्यों पड़ा? | Metaverse meaning in Hindi, Kya Hai

जैसे जैसे समय आगे बढ़ रहा है वैसे वैसे हम एडवांस टेक्नोलॉजी से घिरते जा रहे हैं। एक समय था जब मैसेज को एक इंसान से दुसरे इंसान तक पहुँचने में महीने लग जाते थे, लेकिन आज सेकंडों में हम अपनी बात दुनिया के किसी भी कोने तक पहुंचा सकते हैं,

और यह सब मुमकिन हो पाया है लगातार टेक्नोलॉजी में शोध के चलते और टेक्नोलॉजी को और भी बेहतर करने के चलते। आने वाले समय में ऐसी कल्पना भी की जा रही है कि इंसान पलभर में आपके सामने आ जायेगा, और यह सब मुमकिन होगा मेटावर्स की दुनिया में।

एक ऐसी दुनिया जिसमे आप पास पास न होकर भी वर्चुअल तरीके से एक दूसरे से आमने सामने बात कर सकेंगे। आइये जानते हैं मेटावर्स (Metaverse) के बारे में।

मेटावर्स क्या है? (Metaverse Kya Hai Meaning in Hindi)

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मेटावर्स एक प्रकार का वर्चुअल वर्ल्ड एनवायरमेंट है यानी कि आभासी दुनिया, जिसको इंटरनेट के द्वारा एक्सेस कर इस डिजिटल वर्ल्ड में प्रवेश कर सकते हैं। Metaverse वर्ल्ड को गेमिंग वर्ल्ड के रूप में भी देखा जाता है, हांलाकि यह सिर्फ गेम तक ही सीमित नहीं है, दैनिक कार्यों में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। इसलिए मेटवेर्स से दुनिया के रहन सहन में बहुत ही बड़ा बदलाव आ जायेगा।

मेटावर्स शब्द कहां से आया? (Origin of Metaverse)

मेटावर्स शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले अमेरिकन लेखक नील स्टीफेंसन द्वारा अपनी लोकप्र‍िय साइंस फि‍क्‍शन नॉवेल ‘स्नो क्रैश’ में किया गया। यह नॉवेल 1992 में प्रकाशित हुआ था। इस नॉवेल की कहानी में वास्तविक दुनिया के लोग वर्चुअल वर्ल्ड (आभासी दुनिया) में प्रवेश करते हैं और कहानी आगे बढ़ती है।

इसी प्रकार के कई ऐसे शब्द हैं जो नॉवेल से लिए गए हैं जैसे कि साइबरस्पेस शब्द 1982 में विलियम गिब्सन की एक बुक से सामने आया। ऐसे ही रोबोट शब्द 1920 में कैरेल कापेक के एक नाटक से सामने आया।

फेसबुक द्वारा मेटावर्स की दिशा में शुरुआत कब हुई?

फेसबुक द्वारा मेटावर्स की दिशा में शुरुआत सन 2014 में ही हो गयी थी। उस समय फेसबुक द्वारा दो अरब डॉलर खर्च कर वीआर हैडसेट कंपनी ‘ओकुलस’ का अधिग्रहण किया था। इसके साथ ही कॉरपोरेट अधिग्रहण, निवेश और अनुसंधान का सिलसिला भी शुरू हो गया था।

फेसबुक का नया नाम “मेटा” क्यों पड़ा? (why facebook name changed to meta?)

मार्क जुकरबर्ग और मेटा प्लेटफॉर्म के पीछे के लोग प्रौद्योगिकी की क्षमता को पहचानते हैं ताकि लोग जुड़ सकें और खुद को अधिक स्वाभाविक रूप से व्यक्त कर सकें। लेकिन वर्तमान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे कि फेसबुक, ट्विटर और टिकटॉक के साथ-साथ जूम जैसे संचार प्लेटफॉर्म डिजिटल मानव संपर्क को प्रतिबंधित करते हैं।

आज के समय में सोशल मीडिया और संचार प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्ता केवल अपने कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन को देखने तक ही सीमित हैं। हालांकि, मेटावर्स (Metaverse) पर आधारित प्लेटफॉर्म से 3D अनुभव प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें उपयोगकर्ता डिजिटल अनुभव में है।

यही कारण है कि फेसबुक ने अपनी कंपनी का नाम मेटा प्लेटफॉर्म्स में बदल दिया और एक सोशल मीडिया कंपनी के रूप में पहचाने जाने से खुद को एक सोशल टेक्नोलॉजी कंपनी के रूप में ब्रांड करने की ओर अग्रसर हो गया। कंपनी अधिक यथार्थवादी डिजिटल संचार और बातचीत को सक्षम करने के लिए आभासी वास्तविकता और ऑगमेंटेड वास्तविकता को संयोजित करने का इरादा रखती है।

फेसबुक के अलावा अन्य कौन सी कंपनियां मेटावर्स पर काम कर रही हैं?

मेटावर्स पर फेसबुक के अलावा गूगल, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, स्नैपचैट और एपिक गेम्स जैसी बड़ी कंपनियां सालों से काम कर रहीं हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 2035 तक मेटावर्स 74.8 लाख करोड़ रुपए की इंडस्ट्री हो सकती है।

मेटावर्स कैसे काम करता है?

मेटावर्स ऑगमेंटेड रियलिटी, वर्चुअल रियलिटी, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसी तकनीक के कॉम्बिनेशन पर काम करता है। फेसबुक द्वारा इस दिशा में जो कदम उठाया गया है तो ऐसा माना जा रहा है कि इसमें अवतार को क्रिएट करने की सुविधा होगी जो कि एक 3D टेक्नोलॉजी के रूप में काम करेगा और इसकी मदद से आप दूर होकर भी दुनिया के किसी भी कोने से एक दूसरे से वर्चुअली जुड़ पाएंगे।

मेटावर्स के उदाहरण (Examples of Metaverse)

मेटावर्स के उदाहरण इस प्रकार हैं:

उदाहरण 1:

अगर आप दिल्ली में रहते हैं और आपका दोस्त मुंबई में रहता है तो आप मुंबई में रहने वाले अपने उस दोस्त से आभासी वातावरण में अपने डिजिटल अवतार के माध्यम से कहीं भी जैसे कि कैफे में, रेस्टोरेंट में, किसी पार्टी में मिल सकते हैं, और ख़ास बात यह है कि यह सब वास्तविक समय में संभव हो जायेगा।

उदाहरण 2:

यदि आप नए COVID 19 टीकाकरण का परीक्षण करना चाहते हैं और देखना चाहते हैं कि यह मानव शरीर के अंदर कैसे प्रतिक्रिया करता है। ऐसे में, आप मानव शरीर पर एक नए टीके का परीक्षण नहीं कर सकते, क्योंकि यह खतरनाक हो सकता है। लेकिन मेटावर्स तकनीक की मदद से आप एक आभासी दुनिया के अंदर इंसानों को बना सकते हैं और वैक्सीन का परीक्षण कर सकते हैं।

उदाहरण 3:

आप https://decentraland.org/ वेबसाइट में जाकर वर्चुअल वर्ल्ड को समझ सकते हैं। इस वेबसाइट पर आपको अलग वर्चुअल वर्ल्ड मिलेगा, जिसकी अपनी करंसी, इकोनॉमी और जमीन भी है। आप यहां पर क्रिप्टोकरंसी से जमीन खरीद सकते हैं तथा उस पर घर बना सकते हैं। इस वर्चुअल वर्ल्ड में आप नौकरी भी कर सकते हैं। इस प्रकार यह वेबसाइट मेटावर्स के एलीमेंट पर ही काम करती है।

मेटावर्स के लाभ क्या हैं? (Advantages of Metaverse)

मेटावर्स यानी कि वर्चुअल वर्ल्ड हमारा देखने और सोचने का नजरिया बदल कर रख देगा। ऐसे बहुत से काम हैं जो आजतक सामान्य ज़िंदगी में संभव नहीं हैं, उन कार्यों को मेटावर्स की मदद से संभव किया जा सकेगा। आइये जानते हैं मेटावर्स के लाभ के बारे में

उत्पादों को खरीदने से पहले उनका परीक्षण कर सकते हैं

मेटावर्स का फायदा आपको उत्पादों को खरीदने से पहले उसका परीक्षण करने से मिल सकेगा। अगर आप अपनी कोई मनपसंद की चीज़ खरीदना चाहते हैं लेकिन आप संदेह में हैं कि यह चीज़ उपयोग में कैसी होगी? तो आप मेटावर्स की मदद से उस चीज़ के बारे में सामने जाकर जान सकते हैं।

फुटकर विक्रेताओं को मिलेगा लाभ

फुटकर विक्रेता दुनियाभर के दर्शकों से जुड़ने में सक्षम हो पाएंगे और अपने उत्पादों को बिना किसी प्रतिबंध के दर्शकों के सामने पेश कर पाएंगे। इससे लाभ फुटकर विक्रेताओं को तो है ही, साथ ही उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा जैसे कि उनके समय की बचत हो सकती है, जिससे अन्य काम पर भी फोकस कर सकते हैं।

चिकित्सा के क्षेत्र में लाभ

इस वर्चुअल रियलिटी की मदद से चिकित्सा पेशेवर अपने शोध के लिए बड़ी मात्रा में डेटा एकत्र कर सकते हैं। आभासी वास्तविकता द्वारा संचालित आधुनिक चिकित्सा उपकरण मेटावर्स प्रौद्योगिकी के एकीकरण के बाद विकसित हुए हैं। जैविक प्रक्रिया में विस्तारित दृश्यता के कारण डॉक्टर बहुत पहले स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगा सकते हैं और उनका निदान कर सकते हैं।

गेमिंग की दुनिया में और भी ज्यादा वास्तविकता

गेमिंग इंडस्ट्री आज के समय में काफी लोकप्रिय है और तेजी से आगे बढ़ रही है। दुनिया में कोई भी समस्या जैसे कि महामारी हो या कुछ और, लेकिन गेमिंग जगत कभी धीमा नहीं होता है। ज्यादातर लोग अकेलापन दूर करने के लिए गेमिंग को ज्यादा महत्त्व देते हैं। मेटावर्स के आने से गेमिंग की दुनिया में और भी ज्यादा वास्तविकता आ जाएगी। मेटावर्स ने वीआर स्पोर्ट्स ट्रेनिंग, प्रतियोगिता और पोस्ट-गेम लॉकर रूम से ईस्पोर्ट्स की लोकप्रियता में योगदान दिया है।

घर बैठे ही दुनिया घूम सकेंगे

आज के समय में लोग वीआर हेडसेट का उपयोग करके दुनिया भर के स्थानों का दौरा कर रहे हैं। मेटावर्स तकनीक के उपयोग से लोग अपने मनपसंद स्थान में जा सकते हैं। ऐसा करने से आप घर बैठे कम समय में ही ज्यादा स्थानों का भ्रमण कर सकते हैं। कईं लोगों को स्वास्थ्य कारणों से यात्रा करने की अनुमति नहीं होती है, तो वे भी अब मेटावर्स की मदद से अपने पसंदीदा स्थानों पर जा सकते हैं।

सीखने और शिक्षा के लिए

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करके ऑनलाइन सीखना काफी निष्क्रिय और अप्रत्यक्ष है। हालांकि, एक इमर्सिव वर्चुअल एनवायरमेंट के माध्यम से सीखने का अनुभव अधिक इंटरैक्टिव होता है। आप आसानी से किसी भी बात को और अधिक गहराई से समझ सकते हैं। इस प्रकार मेटावर्स के द्वारा चीज़ों को समझने की प्रक्रिया में आसानी हो जाती है।

मेटावर्स के नुकसान क्या हैं? (Disadvantages of Metaverse)

नई तकनीकों के विकास से जहां एक तरफ हमको सुविधाएं मिलती हैं, वहीँ दूसरी ओर इनके दुष्परिणाम भी देखने को मिलते हैं। आइये जानते हैं मेटावर्स के क्या नुकसान हैं

एडवांस्ड डिजिटल तकनीकों की आवश्यकता

मेटावर्स के कार्यान्वयन के लिए एडवांस्ड डिजिटल तकनीकों आवश्यकता होगी। हांलाकि कईं प्रकार की टेक्नोलॉजी और मानक या प्रोटोकॉल हैं जो व्यावसायिक रूप से लागू करने के लिए उपलब्ध हैं। लेकिन फिर भी इस अवधारणा के लिए नई तकनीकों के विकास में अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता होगी।

एक साझा वर्चुअल स्पेस में भाग लेने के लिए विश्वसनीय डेटा ट्रांसमिशन गति की आवश्यकता होगी क्योंकि यह ग्राफिक रूप से गहन है। वर्तमान फाइबर-आधारित ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी और 5G नेटवर्क प्रौद्योगिकियां, विशेष रूप से mmWave 5G नेटवर्क तकनीक, इस अवधारणा के लिए उपयोग हो सकती हैं।

लोगों को मेटावर्स में भाग लेने के लिए लुभाने के साथ-साथ इसके लाभों और अनुप्रयोगों का उपयोग करने के लिए सेवा प्रदाताओं और संबंधित सरकारी एजेंसियों द्वारा बेहतर या उन्नत डिजिटल संचार प्रौद्योगिकियों की व्यापक तैनाती की आवश्यकता होगी।

मानव संबंधों और समाज के लिए खतरा

Google के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक श्मिट ने मेटा प्लेटफ़ॉर्म की एक मेटावर्स पेश करने की योजना पर चिंता व्यक्त की है। द न्यू यॉर्क टाइम्स के साथ एक साक्षात्कार में, उन्होंने चेतावनी दी कि यह “जरूरी नहीं कि मानव समाज के लिए सबसे अच्छी चीज है।”

उन्होंने यह भी कहा कि “सभी लोग जो मेटावर्स के बारे में बात करते हैं, वे उस दुनिया के बारे में बात कर रहे हैं जो वर्तमान दुनिया की तुलना में अधिक संतोषजनक है।” श्मिट ने उल्लेख किया कि यह अस्वस्थ और पैरासोशल संबंध बना सकता है। टेस्ला के मुख्य कार्यकारी एलोन मस्क ने उल्लेख किया कि उनकी अपनी कंपनी के भीतर आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की पारदर्शिता और सुरक्षा में विश्वास “उच्च नहीं” है।

प्राइवेसी और सुरक्षा मुद्दे

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक और यूट्यूब के साथ-साथ अन्य ऑनलाइन संचार ऍप्लिकेशन्स जैसे कि जूम वीडियो कम्युनिकेशन सुरक्षा और गोपनीयता जोखिमों के कारण विवादों और आलोचनाओं से भरा हुआ है। इन प्लेटफार्मों और ऍप्लिकेशन्स की बहुत अधिक दखल देने के लिए आलोचना की गई है क्योंकि वे अपने उपयोगकर्ताओं से बहुत अधिक डेटा एकत्र करते हैं जो सुरक्षा और गोपनीयता जोखिम पैदा करते हैं। इस डाटा को कंपनियों को बेचा भी जाता है। एक साझा वर्चुअल स्पेस का विचार न केवल व्यक्तियों बल्कि संस्थानों की सुरक्षा और गोपनीयता से संबंधित नई समस्याएं पैदा करेगा।

मेटावर्स से बदलाव?

मेटावर्स के आने से लोगों की जिंदगी में बदलाव आना स्वाभाविक है। वास्तविक दुनिया से आभासी दुनिया में जाने से लोगों को एक अलग ही अनुभव प्राप्त होगा। कईं दैनिक कार्यों को पूरा करने में लोग मेटावर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। शॉपिंग से लेकर किसी से मिलने या किसी जगह जाने के लिए मेटावर्स का इस्तेमाल हो सकता है। आप वास्तव में उस जगह पर ना होकर भी खुद को वहां पर पाएंगे और वह सब कुछ महसूस करेंगे जैसे कि आप वहीँ पर हैं। इस प्रकार लोगों के रहन-सहन और सोच में बदलाव देखने को मिल सकता है।

गेमिंग की दुनिया में मौजूद मेटावर्स (Metaverse in Gaming World)

सिर्फ फेसबुक ही सबसे पहले मेटावर्स की शुरुआत नहीं कर रहा है, बल्कि गेमिंग की दुनिया में मेटावर्स पहले से मौजूद है। आज के समय में लोग घर बैठे ही एक वर्चुअल रिएलिटी हेडफोन के जरिये गेम की दुनिया में पहुंचकर उसका मजा ले रहे हैं। फेसबुक में भी इस तरह के बदलाव से इसकी लोकप्रियता और भी ज्यादा बढ़ जाएगी। वहीं फेसबुक के अलावा माइक्रोसोफ्ट, निविडिया, गूगल, एप्पल जैसी कई कंपनियां मेटावर्स पर काम कर रही हैं।

मेटावर्स से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)

क्या मेटावर्स से आभासी दुनिया में जमीन खरीद सकते हैं?

हाँ

क्या मेटावर्स में क्रिप्टोकरेन्सी का इस्तेमाल हो सकता है?

हाँ

मेटावर्स का इस्तेमाल सबसे पहले कब हुआ?

1992 में

मेटावर्स का इस्तेमाल सबसे पहले कहाँ हुआ?

लोकप्र‍िय साइंस फि‍क्‍शन नॉवेल ‘स्नो क्रैश’ में

फेसबुक का नाम “मेटा” कब रखा गया?

28 अक्टूबर 2021

निष्कर्ष

मेटावर्स आभासी और भौतिक स्थान का संयोजन है, जिसमें उन सीमाओं को पार करने की क्षमता है जिनका हम वास्तविक जीवन में सामना करते हैं। उपभोक्ताओं का व्यवहार और उनकी खरीदारी प्राथमिकताएं वास्तविक जीवन की तुलना में मेटावर्स में पूरी तरह से अलग हो सकती हैं।

मेटावर्स से लोगों की सोच में बदलाव देखने को मिल सकता है, साथ ही लोगों का रहन सहन भी बदल जायेगा। मेटावर्स से जहां हमें काफी कुछ मिल सकता है, वहीं हमें सिक्योरिटी से सम्बंधित समस्याएं भी हो सकती है। यदि मेटावर्स वास्तव में वास्तविक है, तो यह मानव जीवन को अगले स्तर तक ऊपर उठा सकती है।

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