भामाशाह योजना के नियम, आवेदन के लिए जरुरी दस्तावेज | Bhamashah yojana kya hai?

भारत सरकार के साथ साथ देश के कई राज्यों की सरकारें अपने-अपने स्तर पर भिन्न भिन्न प्रकार की योजनाओं का सञ्चालन कर रही हैं, जिनमें उस वर्ग के लिए योजनाओं का उद्घाटन किया जाता है जिन्हें समाज में किसी ना किसी प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसी ही एक योजना है “भामाशाह डिजिटल परिवार योजना” – भामाशाह योजना.

भामाशाह योजना का संचालन देश के राजस्थान राज्य से हुआ। राज्य की सीएम वसुंधरा राजे ने ‘भामाशाह परिवार योजना’ के अंतर्गत आने वाले परिवारों को इंटरनेट कनेक्शन और स्मार्टफोन देने के लिए आर्थिक मदद करने का ऐलान किया। योजना के तहत कुल एक हजार रुपये हर परिवार को दिए जाएंगे जिसमें 500/- रुपये की पहली किस्त स्मार्टफोन और दूसरी किस्त इंटरनेट कनेक्शन के लिए होगी। हालांकि योजना को 2018 तक ही संचालित करने का उद्देश्य था; फिलहाल योजना के सञ्चालन और समापन का ठोस प्रमाण नहीं है।

योजना के तहत राज्य सरकार “भामाशाह डिजिटल परिवार योजना” के अंदर 500/- रुपये की पहली क़िस्त अपने आप नियोजित परिवारों के खाते में जमा करवा देगी, इसके लिए किसी भी प्रकार के किसी आवेदन की कोई आवश्यकता नहीं है। भामाशाह योजना के अंतर्गत कुछ विशेष शिविर आयोजित किये जायेंगे,आप इन शिविरों में या फिर किसी भी दुकान से अपनी पसंद की कंपनी का स्मार्टफोन ले सकते हैं ठीक इसी प्रकार आप इंटरनेट सेवाएं भी अपनी इच्छा के अनुसार किसी भी ऑपरेटर से ले सकते हैं।

क़िस्त के लिए आप अपने पास मौजूद किसी भी फ़ोन पर राजस्थान राज्य सरकार की कोई भी मोबाइल ऐप ई-मित्र, Bhamashah Wallet, राजस्थान सम्पर्क, राज मेल डाउनलोड करें। इन सभी मोबाइल ऐप में स्मार्टफोन रजिस्टर करने की सुविधा उपलब्ध है। आपका स्मार्टफोन रजिस्टर होते ही 500/- रुपये की दूसरी क़िस्त खाते में जमा करवा दी जाएगी। इस बात का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है कि मोबाइल नम्बर आपके परिवार के किसी सदस्य के नाम से ही हो, योजना का लाभ लेने के लिए यह अनिवार्य है।

भामाशाह डिजिटल परिवार योजना के नियम (Bhamashah Yojana Rules)

bhamashah

भामाशाह योजना का लाभ लेने हेतु कुछ नियम निर्धारित किये गए हैं-

राज्य राजस्थान में वसुंधरा सरकार ने योजना हेतु भामाशाह card का शुभारम्भ किया, जिससे लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। योजना में सरकार का साथ देने हेतु अपने-अपने जिले में शिविर लगाकर आवेदकों की पहचान की जाती है। जिन परिवारों के पास एक से ज्यादा स्मार्ट फोन नहीं है उनके लिए फोन और डाटा कनेक्शन की व्यवस्था की जाती है।

भामाशाह योजना के संदर्भ में बहुत से सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि वसुंधरा सरकार ने समाज के पिछड़े वर्ग को आगे लाने और उनके विकास के लिए तत्कालीन बजट में 270 करोड़ रूपये की घोषणा की हैं, इससे सामजिक विकास होगा। इसके अलावा राज्य सरकार ने 2 लाख रूपये हेयर आर्टिस्ट,प्लम्बर,खाती,कुम्हार और मोची वर्ग के विकास के लिए देने की भी घोषणा की है।

भामाशाह योजना का उद्देश्य

भामाशाह योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब परिवारों की सहायता करना हैं जिससे उन्हें आधुनिक तकनीक को जानने और समझने में आसानी हो और इसका उन्हें ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले।  इसमें लाभार्थियों कि राशि योजना के अनुसार सीधे उनके अकाउंट में ट्रान्सफर कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री का मानना है कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को स्मार्टफ़ोन उपलब्ध कराने से वो सरकार द्वारा घोषित की जाने वाली विभिन्न योजनाओं और उनसे मिलने वाले लाभ के बारे में आसानी से जान सकेंगे।

योजना के उद्देश्य के साथ साथ योजना की कुछ अन्य विशेषताएं भी थी-

1. भामाशाह डिजिटल योजना के तहत सभी गरीब श्रेणी के लोगों को फ्री मोबाइल फ़ोन दिए जाएंगे,जो बीपीएल की श्रेणी में आते हैं। उनके भामाशाह से जुड़े एकाउंट्स में 2 किश्तों में 500/- रूपये ट्रांसफर किये जाएंगे।

2. पहली किस्त में उन्हें 500/- रूपये दिए जायेंगे जिससे कि वो फ़ोन खरीद सके। दूसरी किस्त में उन्हें पुनः 500/- रूपये दिए जायेंगे जिससे कि वो इन्टरनेट कनेक्शन ले सके या रिचार्ज करवा सके।

3. इस प्रकार फ्री मोबाइल फ़ोन से महिलाओं एवं समस्त पिछड़े वर्ग को सरकार की सभी आर्थिक और गैर-आर्थिक स्कीम के बार में पता चल जाएगा, जिसका वे लाभ उठा सकेंगे।

4. इस योजना से डिजिटल इंडिया कैम्पेन में भी तेजी आयी,इससे डिजिटल इंडिया की पारदर्शिता में भी निरंतर तेजी देखने को मिली।

5. राजस्थान राज्य के सभी निम्न वर्ग के नागरिकों तक सरकार की ओर से चलने वाली सभी योजनाओं का ज्ञान  पहुँचने लगा है। सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है की कुछ नयी मोबाइल एप्लीकेशन्स को भी तैयार किया जाये जिससे सभी नागरिक एक मोबाइल एप्लीकेशन की सहायता से सरकार की सभी योजनाओं से जुड़ सकें।

6. भामाशाह योजना से जुडी महिलाएं बायोमैट्रिक पद्धति से राशन की दुकानों से सामग्री भी खरीद सकेंगी। राज्य में कुछ राशन की दुकानों पर यह सुविधा दे दी गई है। आने वाले समय में प्रदेश की सभी राशन दुकानों पर यह सुविधा उपलब्ध करवायी जायेंगी। जब तक राशन दुकानदार बायोमैट्रिक पद्धति से राशन सामग्री का वितरण नहीं करेगा तब तक उसको सरकार की ओर से दिये जाने वाले कमीशन का भुगतान नहीं होगा।

7. पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर हर प्रकार के लेन-देन की सूचना उपलब्ध कराई जाती है। जब भी किसी प्रकार की लाभ राशि खाते में ट्रांसफर होगी या निकाली जायेगी, तो इसकी सूचना मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से  मिलेगी जिससे कार्डधारी महिला को हर लेन-देन की पूर्ण जानकारी रहेगी।

8. राजस्थान राज्य सरकार भामाशाह कार्ड के माध्यम से गरीबों और वंचित व्यक्तियों के इलाज के लिए ३० हजार से ३ लाख रुपये तक का मेडिकल बीमा भी करवाए जाने के विचार में भी निरंतर मग्न है, हालांकि विचार पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।

9. इस योजना से राज्य  की नारी शक्ति को एकता के सूत्र में बांधकर आर्थिक अधिकार देने का प्रयास इस योजना का अबसे मुख्य पहलू है।

भामाशाह योजना का इतिहास (History of Bhamashah Yojana)

राजस्थान राज्य सरकार ने वर्ष 2008 में भामाशाह योजना प्रारंभ की थी। योजना के मुख्य उद्देश्य कुछ निम्न प्रकार से थे –

  • यह सुनिश्चित करना कि राज्य के सभी परिवारों के नाम कम से कम एक बैंक खाता हो और उपरोक्त बैंक खाते महिलाओं के नाम से हो। इस योजना से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया गया साथ ही महिलाओं को यह अवसर दिया गया की वह यह तय कर सकेंगी परिवार के लिए खर्च किन चीजों के लिए आवश्यक है।
  • राजस्थान सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे इन बैंक खतों  में जमा कराया जाए ताकि लाभार्थी को लाभ सीधा एवं शीघ्र मिले परंतु 2009 से आगे इस योजना की क्रियान्विति नहीं की गई।
  • राजस्थान राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि भामाशाह परिवार योजना का क्रियान्वयन पुनः हाथ में लिया जाए और इस योजना में आवश्यक बदलाव कर इसे विस्तृत रूप में लागू किया जाए।
  • राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत नकद एवं गैर नकद सेवाओं के पारदर्शी एवं वितरण हेतु राज्य में विद्यमान तकनीकी तथा भामाशाह प्लेटफार्म का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।
  • सेवाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु प्रत्येक लाभार्थी को कोर बैंकिंग की सुविधा युक्त किसी भी बैंक में आधार पहचान संख्या से जोड़ा खाता खोलना आवश्यक होगा पारिवारिक लाभ को आवश्यक रूप से परिवार की महिला मुखिया के बैंक खाते में हस्तांतरित किया जाएगा ।
  • योजना को स्वतंत्रता दिवस के उत्सव पर  मेवाड़ की पवित्र  भूमि से शुरू करने का निर्णय लिया, ताकि आजादी की सालगिरह के दिन को महिला स्वाभिमान दिवस के रूप में भी मनाया जाता रहे।
  • राजस्थान जनकल्याण और राजकीय सेवाओं के लाभ के प्रभावी वितरण की योजना * भामाशाह योजना में प्रदेश में निवास कर रहे परिवारों का पूर्ण रूप से त्रुटि रहित डाटा एकत्रित किया जाएगा जिसके अन्तर्गत राशन कार्ड, आधार कार्ड, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, खाद्य सुरक्षा, बी.पी.एल. इत्यादि को सम्मलित कर इन योजनाओं के सभी लाभ भामाशाह कार्ड के द्वारा दिये जायेंगें जिससे की अलग-अलग विभागों और स्कीमों के लिए अलग-अलग कार्ड की आवश्यकता नहीं रहेगी।
  • इस योजना के माध्यम से राज्य के सभी परिवारों और परिवार के सभी लोग चाहे वे किसी भी आयु के हो उन सबका पूर्ण रूप से डाटाबेस तैयार किया जायेगा। विभिन्न तरह की सरकारी योजनाओं में व्यक्तिगत और परिवार से सम्बन्धित डाटा की आवश्यकता होती है। इस योजना के अन्तर्गत ”आधार” नामांकन के लिए आवश्यक सूचना के आलावा परिवार और परिवार के सदस्यों की विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत पात्रता निर्धारित करने हेतु अन्य सूचना जैसे वैवाहिक स्थिति, परिवार की श्रेणी, व्यवसाय, आय, पहचान सत्यापन दस्तावेज आदि चीज़ों अथवा जानकारियों का भी संग्रहण किया जायेगा।

भामाशाह योजना का महिला सशक्तिकरण एवं महिलाओं के जीवन में योगदान

राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने 25 दिसम्बर को देश के पहले ऐसे भामाशाह योजना कार्ड का वितरण शुरू किया जिसमें परिवार की महिला मुखिया के साथ-साथ परिवार के अन्य सदस्यों की भी पहचान है। यह योजना राज्य की महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार की दृढ़-इच्छाशक्ति और संकल्प का प्रतीक है।सांस्कृतिक रूप में हमने नारी को भले ही मां सरस्वती का रूप माना है, परन्तु कई जगह शिक्षा में अभी भी महिलाएं पिछड़ी हुई है। देश में हम नारी को मां लक्ष्मी का स्वरुप भी मानते हैं लेकिन लक्ष्मी स्वरुप नारी आज भी आर्थिक रूप से सशक्त नहीं है। यह भामाशाह योजना महिला सशक्तीकरण के प्रति पूर्णतया समर्पित है।

योजना से जुडी कुछ मुख्य जानकारियां-

योजना का नामभामाशाह डिजिटल परिवार योजना
घोषणा का स्थानजयपुर
घोषणा की तिथि4 सितम्बर 2018
योजना की घोषणा के लिए कार्यक्रम का नामजनसंवाद
योजना के लिए नियत समय1 सितम्बर 2018 से 30 सितम्बर 2018 तक
घोषित किया गयावसुंधरा राजे द्वारा
योजना में मिलने वाली कुल राशि1000/- रूपये
इन्सटॉलमेंट की संख्यादो
इन्सटॉलमेंट में मिलने वाली राशि500/- रूपये
लाभार्थी की योग्यताबीपीएल परिवार और नेशनल फ़ूड सिक्योरिटी एक्ट के लाभार्थी

आवेदन के लिए जरुरी दस्तावेज

  1. मतदाता पहचान पत्र
  2. आधार कार्ड
  3. राशन पत्रिका
  4. पैन कार्ड
  5. पानी के बिल, बिजली बिल, टेलीफोन बिल
  6. आवेदक का पासपोर्ट आकार का फोटो
  7. बैंक खाता विवरण
  8. चालू मोबाइल नंबर

भामाशाह योजना में नामांकन कैसे करें? (How to apply for Bhamashah Yojana)

भामाशाह परिवार योजना में नामांकन दो मुख्य तरीके से होता है –

1. ऑफलाइन भामाशाह  नामांकन (Offline) – इसमें सरकार द्वारा ग्राम पंचायत एवं शहरों में वार्ड स्तर पर  पर शिविरों का आयोजन किया जाता है जहाँ नामांकन की प्रक्रिया को चलाया जाता है।

2. ऑनलाइन भामाशाह नामांकन (Online):  इसमें भामाशाह पोर्टल एवं ई-मित्र सेवा केंद्र के द्वारा नमांकन की सुविधा प्रदान की जा रही है।

  • आप सबसे पहले भामाशाह एनरोलमेंट पेज पर चले जाइये
  • अब “Citizen Registration” पर click करें
  • अब new page में required सारी जानकारी fill करें
  • इसके बाद “Submit” पर click करें
  • अब आपको एक रजिस्ट्रेशन संख्या आवंटित की जायेगी, इस रजिस्ट्रेशन संख्या की मदद से आप भामाशाह नामांकन कर पाएंगे
  • रजिस्ट्रेशन संख्या के नीचे नामांकन करने का लिंक दिया होगा, आपको उस पर click करना है
  • नए पेज में रजिस्ट्रेशन संख्या अंकित करें और खोजें (search) पर click करें
  • अब नामांकन विवरण पेज खुलेगा जिसमे सबसे पहले परिवार के मुखिया को अपनी जानकारी देनी होगी और उसके बाद सदस्य जोड़ने होंगे
  • मुखिया और परिवार की सही जानकारी भर देने के बाद नामांकन दर्ज कर दें।
  • अब आपको भामाशाह रसीद संख्या मिलेगी जो आपको संभाल के रखनी चाहिए
  • अब अगला काम है जरुरी दस्तावेज अपलोड करना। अपनी भामाशाह रसीद संख्या डालकर आप अपने एनरोलमेंट एप्लीकेशन में जरुरी दस्तावेज जोड़ पाएंगे

साथ ही साथ राज्य की सरकार द्वारा ग्राम पंचायत पर खोले गए अटल सेवा केन्द्रों पर ई मित्रो के द्वारा भामाशाह परिवार नामांकन निशुल्क किया जा रहा है। साधारण जनता में से जिसे भामाशाह योजना में नामांकन कराना है वह इन ई मित्र केंद्र पर जाता है अपने परिवार का नाम, पता, आधार कार्ड, विभिन्न सरकारी योजनाओं की पात्रता दर्ज कराता है। इसके अतिरिक्त बैंक खाते की जानकारी राशन कार्ड की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाती है।

ई मित्र संचालक इन सूचनाओं का भामाशाह के सॉफ्टवेर में अंकित किया जाता है और ई-मित्र संचालक द्वारा ही नामांकन से संबंद्धित परिवार को भामाशाह नामांकन की रसीद उपलव्ध करा दी जाती है। राज्य के नागरिकों द्वारा दर्ज सूचना वाले फार्म का सत्यापन ग्राम सचिव या पटवारी  दारा प्रथम स्तर पर सत्यापित किया जाता है और दितीय स्तर का ऑनलाइन सत्यापन तहसीलदार  द्वारा किया जाता है।

भामाशाह पोर्टल पर नागरिक स्वयं भी अपना नामांकन कर सकते हैं लेकिन सब का सत्यापन तहसीलदार के द्वारा ही किया जाता है। इसके पश्चात टेक्नीकल दल द्वारा अंकित किये गए डाटा की जांच की जाती है जो यह जाँचती है कि नामांकन में कोई त्रुटि तो नहीं  और कोई डाटा डुप्लीकेट तो नहीं है। इस तरह गलत डाटा को हटा दिया जाता है इसके पश्चात सम्बंधित परिवार की फॅमिली आई डी जारी हो जाती है।

इसके पश्चात  भामाशाह कार्ड प्रिंट होने चला जाता है जिसे संवंधित नागरिक तक पहुचने की जिम्मेदारी विकास अधिकारी और उपखंड अधिकारी की होती । इस तरह भामाशाह डाटा नागरिकों का एक एकीकृत डाटा बेस है इसके द्वारा ही आम जन को दिए जाने वाले लाभों को दिया जायेगा। 

बैंक नीति – 15 दिसम्बर 2014 से मनरेगा, पेंशन, छात्रवृत्ति तथा राशन दुकानों को इस योजना के साथ जोड़ दिया गया है। जिन लोगों को भामाशाह कार्ड नहीं मिले हैं उन्हें वर्तमान में मिलने वाली सभी सुविधाएं पहले की तरह देते रहने का ही फैसला लिया गया है, हालांकि डाटा बेस को पूर्ण रूप से संचालित करने के बाद सिर्फ नए नामांकन ही कार्ड से वंचित हैं। कार्ड को बैंक प्रणाली के साथ जोड़ा गया है।

स्टेट बैंक ऑफ़ बीकानेर एण्ड जयपुर, आईसीआईसीआई, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा, काॅपोर्रेशन तथा इण्डियन ओवरसीज बैंक का आभार योजना प्रारम्भ से ही प्रकट करती रही है, जिन्होंने बैंक प्रणाली के साथ भामाशाह योजना को जोड़कर इसकी काॅ-ब्राडिंग की।

घर के पास रकम निकालने की व्यवस्था

  • भामाशाह योजना के माध्यम से प्राप्त रकम निकालने के लिए लाभार्थियों को रुपे कार्ड की सुविधा दी जाती है।
  • सरकारी योजना के लाभार्थी रुपे कार्ड की मदद से पास के बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) केन्द्र से आसानी से पैसे निकाल सकते हैं।
  • बैंक व एटीएम की सीमित संख्या होने की वजह से राज्य सरकार ने राजस्थान में 35,000 बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) बनाये हैं।

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