संज्ञा से सम्बंधित शब्दों का उपयोग दैनिक जीवन में बहुत किया जाता है, जैसे कि अगर किसी भी शब्द का नाम हम सुनते हैं, और उसकी तस्वीर हमारे मन में बन जाती है तो समझ जाइए कि वह संज्ञा है और अगर तस्वीर ना बने तो वह संज्ञा नही है। आप उस शब्द की जगह आप “what” लगाकर भी पता कर सकते हैं।
यहाँ पर आपको संज्ञा की परिभाषा के साथ साथ, संज्ञा के भेद उदाहरण सहित बताये गये हैं। इसके अलावा क्या आप जानते हैं कि अंग्रेजी में संज्ञा 5 प्रकार की होती है, लेकिन हिंदी में संज्ञा के 3 प्रकार हैं। इसके बारे में भी नीचे बताया गया है। प्रत्यय लगाकर भाववाचक संज्ञा कैसे बना सकते हैं, यह भी आप जानेंगे।
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संज्ञा की परिभाषा
संज्ञा का शाब्दिक अर्थ – नाम होता है। जो सम्+ज्ञान दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ सम्यक प्रकार से ज्ञान होता है। किसी वस्तु, व्यक्ति, स्थान, घटना या पदार्थ के नाम को संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा के भेद
संज्ञा के मूल रूप से तीन भेद होते हैं:
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
नोट: अंग्रेजी में संज्ञा के 5 भेद होते हैं:
- व्यक्तिवाचक संज्ञा
- जातिवाचक संज्ञा
- भाववाचक संज्ञा
- द्रव्यवाचक संज्ञा
- समूहवाचक संज्ञा
लेकिन हिंदी में अंग्रेजी के अंतिम दो भेद द्रव्यवाचक और समूहवाचक को जातिवाचक संज्ञा का ही भेद माना जाता है। अर्थात यह दोनों संज्ञाएँ जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत आती हैं। संस्कृत में भी संज्ञा के तीन ही भेद माने गये हैं, तो संस्कृत के अनुरूप हिंदी में भी मूलरूप से संज्ञा के 3 ही भेद होते हैं।
व्यक्तिवाचक संज्ञा
किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, घटना या पदार्थ विशेष के नाम को व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे – राम, मोहन, सीता, रामायण, महाभारत, हिमालय, सतपुड़ा, गंगा, जलियावाला बाग़ हत्याकांड, खानवा का युद्ध, ताजमहल, कुतुबमीनार आदि।
व्यक्तियों के नाम: महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस, सीता, राधा, राम, कृष्ण, कुसुम, रेखा, पूनम, सौरभ, सचेत, अपर्णा, अपराजिता
प्राणियों के नाम: कपिला-गाय, गौरा, सोना-हिरनी, ऐरावत-हाथी
स्थानों के नाम: दिल्ली, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, बरेली, मद्रास, देहरादून, शिमला, बिजौली, अम्बाला, गुडगाँव, जापान
वस्तुओं के नाम: रामचरितमानस, रामायण, गीता, कुरान, कावेरी, नीलगिरी, गांडीव, हल्दी, नमक, चीनी
उदाहरण:
- खानवा का युद्ध राणा सांगा और बाबर के मध्य हुआ।
- हिमालय भारत का मुकुट है।
- गंगा हिमालय से निकलती है।
- ताजमहल सुन्दर है।
- गीता रामायण पढ़ती है।
नोट: देशों के नाम, विद्यालय व कोचिंग संस्थानों के नाम, नदियों व पर्वतों के नाम, दिन, माह, गृहों के नाम, समाचार पत्रों व पुस्तकों के नाम, युद्धों के नाम आदि व्यक्तिवाचक संज्ञा में आते हैं। लेकिन कभी-कभी बहुत व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि के नाम जातिवाचक संज्ञा होने पर भी व्यक्तिवाचक संज्ञा बन जाते हैं अर्थात बहुत में से एक को ही विशेष बताया जाय।
जैसे –
- जानवरों में शेर ताकतवर होता है। (इस वाक्य में शेर शब्द व्यक्तिवाचक होगा)
- शेर ताकतवर होता है। (इस वाक्य में शेर शब्द जातिवाचक है)
- फलों में आम रसीला है। (इस वाक्य में आम शब्द व्यक्तिवाचक है)
जातिवाचक संज्ञा
जब किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या पदार्थ की जाती का बोध होता है अथवा समूह का बोध होता है अथवा द्रव पदार्थों का बोध होता है, तो वह जातिवाचक संज्ञा कहलाती है। जैसे – जानवर, फल-फूल, पेड़-पौधे, मनुष्य, औरत, आम, चीकू, केला, खरबूजा, तरबूज, पपीता, पुस्तक, शेर, चीता इत्यादि।
उदाहरण:
- सर्दियों में गर्म दूध पीना चाहिए।
- आज शिक्षकगण की आम हड़ताल है।
- शेर ताकतवर है।
- आम रसीला है।
नोट: जब एकवचन गुणवाचक शब्द बहुवचन के रूप में प्रयुक्त किये जाते हैं, तब एकवचन गुणवाचक शब्द भी जातिवाचक बन जाते हैं। जैसे – ताजा मिठाइयों की दुकान खुली है।
जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत ही द्रव्यवाचक और समूहवाचक संज्ञा आती हैं, अर्थात जातिवाचक संज्ञा के दो उपभेद हैं जो निम्न प्रकार है:
द्रव्यवाचक:- जिन शब्दों से किसी धातु अथवा द्रव्य का बोध हो, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे – सोना, चांदी, लोहा, पानी, तेल आदि।
समूहवाचक:- जिन शब्दों से व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि के समूह अथवा समुदाय का बोध हो, उन्हें समूहवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे – कक्षा, संघ, गाँव, सेना, टीम आदि।
भाववाचक संज्ञा
जब किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, पदार्थ के गुण धर्म, दोष, अवस्था, भाव, संकल्पना आदि का बोध होता है, तो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं। आई, आव, आवा, आहट, आवट, ता, त्व, पन, आपा, आना, आनी, गी, य इत्यादि प्रत्ययों से बनने वाले शब्द भी भाववाचक संज्ञा के अंतर्गत आते हैं। जैसे –
गुण-दोष: लम्बाई, चौड़ाई, सुन्दरता, कुरूपता, चतुरता, ऊंचाई, नीचाई
दशा: बचपन, बुढ़ापा, यौवन, भूख, प्यास
भाव: आशा, निराशा, क्रोध, बैर, युद्ध, भ्रान्ति, मित्रता, शत्रुता, भय, प्रेम
कार्य: सहायता, निंदा, प्रशंसा, सलाह
उदाहरण:
- राम की लिखाई सुन्दर है।
- मीरा की लिखावट सुन्दर है।
- सविता को आज घबराहट हो रही है।
- बुढ़ापा अनेक बीमारियों की जड़ है।
- जवानी में अनेक भूलें होती हैं।
- सुन्दरता से व्यक्ति का मन खुश होता है।
- मनुष्यता देवत्व की निशानी है।
- बचपन बड़ा सुहावना होता है।
भाववाचक संज्ञाएँ बनाना
भाववाचक संज्ञा शब्दों की रचना किसी जातिवाचक संज्ञा / सर्वनाम / विशेषण / क्रिया तथा कुछ अव्यय पदों के साथ प्रत्यय के मेल से होती हैं।
जातिवाचक संज्ञा से निर्मित भाववाचक संज्ञा शब्द
जातिवाचक संज्ञा + | प्रत्यय ⟶ | भाववाचक संज्ञा शब्द |
---|---|---|
बच्चा + | पन ⟶ | बचपन |
युवा + | अन ⟶ | यौवन |
बालक + | पन ⟶ | बालकपन |
मित्र + | ता ⟶ | मित्रता |
पुरुष + | अ/त्व ⟶ | पौरुष/पुरुषत्व |
स्त्री + | त्व ⟶ | स्त्रीत्व |
सर्वनाम से निर्मित भाववाचक संज्ञा शब्द
सर्वनाम शब्द + | प्रत्यय ⟶ | भाववाचक संज्ञा शब्द |
---|---|---|
अपना + | पन ⟶ | अपनापन |
अपना + | त्व ⟶ | अपनत्व |
मम (मेरा) + | ता ⟶ | ममता |
मम (मेरा) + | त्व ⟶ | ममत्व |
अहम (मैं) + | कार ⟶ | अहंकार |
सर्व (सभी) + | स्व ⟶ | सर्वस्व |
विशेषण से निर्मित भाववाचक संज्ञा शब्द
विशेषण शब्द + | प्रत्यय ⟶ | भाववाचक संज्ञा शब्द |
---|---|---|
छोटा + | पन ⟶ | छुटपन |
बड़ा + | पन/आई ⟶ | बड़प्पन/बड़ाई |
सुन्दर + | ता/य ⟶ | सुन्दरता/सौन्दर्य |
अच्छा + | आई ⟶ | अच्छाई |
मीठा + | आस ⟶ | मिठास |
एक + | ता/त्व ⟶ | एकता/एकत्व |
क्रिया से निर्मित भाववाचक संज्ञा शब्द
क्रियावाचक शब्द + | प्रत्यय ⟶ | भाववाचक संज्ञा शब्द |
---|---|---|
घबरा (ना) + | आहट ⟶ | घबराहट |
मिल (ना) + | आवट ⟶ | मिलावट |
मिल (ना) + | आप ⟶ | मिलाप |
चढ़ (ना) + | आव/आई ⟶ | चढ़ाव/चढ़ाई |
काट (ना) + | आई ⟶ | कटाई |
लिख (ना) + | आवट ⟶ | लिखावट |
अव्यय शब्द से निर्मित भाववाचक संज्ञा शब्द
अव्यय शब्द + | प्रत्यय ⟶ | भाववाचक संज्ञा शब्द |
---|---|---|
दूर + | ई ⟶ | दूरी |
समीप + | ता ⟶ | समीपता |
समीप + | य ⟶ | सामीप्य |
निकट + | ता ⟶ | निकटता |
नजदीक + | ई ⟶ | नजदीकी |
स्वतंत्र भाववाचक संज्ञा शब्द किसे कहते हैं?
कुछ भाववाचक संज्ञा शब्द ऐसे भी होते हैं जिनमे कोई प्रत्यय नही जुदा रहता है, फिर भी वे शब्द किसी न किसी भाव विशेष को प्रकट करते हैं, वे स्वतंत्र भाववाचक संज्ञा शब्द माने जाते हैं; जैसे- सुख, दुःख, प्रेम, स्नेह, प्यार, दुलार, रोग, नींद, संसार इत्यादि।
नोट: स्वतंत्र भाववाचक संज्ञा शब्दों में यदि कोई प्रत्यय जोड़ दिया जाता है तो उससे बना हुआ शब्द विशेषण शब्द माना जाता है।
स्वतंत्र भाववाचक संज्ञा शब्द + | प्रत्यय ⟶ | विशेषण शब्द |
---|---|---|
सुख + | ई ⟶ | सुखी |
दुःख + | ई ⟶ | दुखी |
प्रेम/स्नेह + | ई ⟶ | प्रेमी/स्नेही |
प्यार/दुलार + | आ ⟶ | प्यारा/दुलारा |
रोग + | ई ⟶ | रोगी |
संसार + | इक ⟶ | सांसारिक |
यह भी देखें