वे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, विशेषण कहलाते हैं। विशेषण चार प्रकार के होते हैं:
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गुणवाचक विशेषण
वे विशेषण शब्द जो रंग, रूप, गंध, स्पर्श, आकार, प्रकार, दोष, दशा, दिशा, अवस्था आदि का बोध करवाए, गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं। जैसे- मुलायम, खुरदुरा, नीला, पीला, हरा, लंगड़ा, पूर्वी, दक्षिणी, नर्म, कठोर, सर्दी, गर्मी इत्यादि।
उदाहरण:
- मेहनत करने से हाथ कठोर हो जाते हैं।
- काली बकरी मीठा दूध देती है।
- सर्दी में लोग बाहर नहीं निकलते हैं।
- गर्मियों में लोग शीतल पेय पीते हैं।
- बीकानेरी नमकीन में मुल्तानी मिट्टी मिलाई जाती है।
नोट: आई, ई, आ, इय, इमा, इल, ईला, आलू, आलु, ईय, अ, इयल आदि प्रत्यय गुणवाचक विशेषण होते हैं।
- मेरा मित्र झगड़ालू है।
- पूजा दयालु है।
- हम भारतीय सीधे-साधे हैं।
प्रविशेषण: वे शब्द जो विशेषण की भी विशेषता बताते हैं, प्रविशेषण कहलाते हैं।
उदाहरण:
- मेरी माताजी कम मीठा भोजन करती है।
- मेरा भाई झगड़ालू है।
- मेरा मित्र बहुत झगड़ालू व्यक्ति है।
संख्यावाची विशेषण
वे विशेषण शब्द जो संज्ञा का बोध करवाते हैं, संख्यावाची विशेषण कहलाते हैं। जैसे- 10 आदमी, 5 पुलिसकर्मी, सैकड़ों लोग, करोड़ों आदमी आदि। संख्यावाची विशेषण के दो भेद होते हैं:
1. निश्चित संख्यावाची विशेषण: वे शब्द जो निश्चित संख्या का बोध करवाते हैं, निश्चित संख्यावाची विशेषण कहलाते हैं। जैसे- दस आदमी, पांच केले, पांच पुस्तकें आदि।
उदाहरण:
- पांच पुलिस कर्मियों ने 500 आदमियों को दौड़ा-दौड़ा कर मारा।
2. अनिश्चित संख्यावाची विशेषण: वे शब्द जो निश्चित संख्या का बोध नहीं करवाते हैं, अनिश्चित संख्यावाची विशेषण कहलाते हैं। जैसे- सैकड़ों लोग, हजारों आम, लाखों पुस्तकें, 4-5 पेन आदि।
उदाहरण:
- सैकड़ों आदमी बाहर खड़े हैं।
परिमाणवाचक विशेषण
वे विशेषण शब्द जिनमें नाप, तौल व मात्रा संबंधी विशेषताओं का बोध होता है। जैसे- दो मीटर कपड़ा, दो किलो चीनी, दो गज जमीन, सैकड़ों हेक्टेयर आदि।
इसके दो भेद होते हैं:
1. निश्चित परिमाणवाचक विशेषण: वे विशेषण शब्द जिनमें निश्चित नाप, तोल, मात्रा संबंधी विशेषताओं का बोध होता है , निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
उदाहरण:
- रिलायंस फ्रेश में दो किलो चीनी खरीदने पर दस ग्राम हरा धनियाँ मुफ्त मिलता है।
- दो किलो आम खरीदने पर एक किलो पपीता मुफ्त मिलेगा।
2. अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण: वे विशेषण शब्द जो अनिश्चित नाप, तोल, मात्रा संबंधी विशेषताओं का बोध होता है, अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
उदाहरण:
- मोतीलाल की मील में आग लगने पर सैकड़ों मीटर कपड़ा जल गया।
- तेल टेंकर के पलट जाने से हजारों लीटर तेल बह गया।
- पहलवान व्यायाम करने के पश्चात सैकड़ों लीटर दूध पी जाता है।
सार्वनामिक/संकेतवाची विशेषण
वे विशेषण शब्द जो वाक्य के दूसरे संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, अर्थात संकेत का बोध करवाते हैं, सार्वनामिक या संकेतवाची विशेषण कहलाते हैं। जैसे- जो, सो, जैसा, वैसा, जिसे, जिसने, यह, वह आदि।
उदाहरण:
- उस पंखे को उतारकर लाओ जो बरसों से खराब पड़ा है।
- जैसा बोओगे वैसा पाओगे।
- जो करता है वो भरता है।
- उसे आज फांसी लग गयी जो कल टीवी पर बोल रहा था।
- उस लड़के को इधर लाओ जिसने कल चोरी की थी।
यह भी देखें
सर्वनाम की परिभाषा, भेद और उदाहरण
संज्ञा किसे कहते हैं? संज्ञा के भेद और उदहारण