दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 2023 | Dada Saheb Phalke Puraskar

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार भारत सरकार के द्वारा हर वर्ष दिया जाता है। यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा में अपना अहम योगदान देने वाली हस्तियों को दिया जाता है। यह सिनेमा के क्षेत्र में भारत का सर्वोच्च पुरस्कार है जिसे प्रतिवर्ष राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में दिया जाता है।

दादा साहब फाल्के, जिन्हें भारतीय सिनेमा का पितामह कह जाता है, के नाम पर सिनेमा जगत का यह सर्वोच्च पुरस्कार दिया जाता है। यह केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा स्थापित संगठन फिल्म महोत्सव निदेशालय द्वारा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रतिवर्ष प्रस्तुत किया जाता है।

Dada Saheb Phalke Puraskar

दादा साहेब फाल्के कौन थे?

दादा साहेब फाल्के (Dada Saheb Phalke) भारतीय सिनेमा के पितामह के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने 1913 में भारत की पहली फुल लेंथ फीचर फिल्म “राजा हरिश्चन्द्र” का निर्माण किया, जिसका बजट लगभग 15 हजार रूपये था।

दादा साहेब फाल्के का जन्म 30 अप्रैल 1870 को नासिक के निकट त्र्यंबकेश्वर में हुआ था। वह सर जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट से प्रशिक्षित सृजनशील कलाकार थे।

दादा साहेब का असली नाम “धुन्दीराज गोविंद फाल्के” था। वो सिर्फ एक निर्देशक ही नहीं बल्कि एक जाने माने निर्माता और स्क्रीन राइटर भी थे। उन्होंने 19 साल के अपने फिल्मी करियर में 95 फिल्में और 27 शॉर्ट फिल्में बनाई थीं।

उनकी आखिरी मूक फिल्म ‘सेतुबंधन’ थी। दादा साहेब ने 16 फरवरी 1944 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। भारतीय सिनेमा में दादा साहब के ऐतिहासिक योगदान के चलते 1969 से भारत सरकार द्वारा उनके सम्मान में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की शुरुआत की गई।

दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च और प्रतिष्ठित पुरस्कार माना जाता है।

दादा साहेब फाल्के की प्रमुख फ़िल्में

  • राजा हरिश्चंद्र (1913)
  • मोहिनी भस्मासुर (1913)
  • सावित्री सत्यवान (1914)
  • लंका दहन (1917)
  • श्री कृष्ण जन्म (1918)
  • कालिया मर्दन (1919)
  • कंस वध (1920)
  • शकुंतला (1920)
  • संत तुकाराम (1921)
  • भक्त गोरा (1923)
  • भक्त प्रहलाद (1926)
  • भक्त सुदामा (1927)
  • हनुमान जन्म (1927)
  • सेतु बंधन (1932)
  • गंगावतरण (1937)

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार और दादा साहब फाल्के फिल्म फाउंडेशन अवॉर्ड में अंतर

सरकार द्वारा दिया जाने वाला दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता है। इसकी शुरुआत 1969 से हुई थी। यह पुरस्कार भारतीय फिल्म जगत के जनक कहे जाने वाले दादा साहब फाल्के के नाम पर शुरू हुआ था।

सिनेमा में आजीवन अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वालों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है, जो कि हर साल किसी एक व्यक्ति को ही दिया जाता है।

जबकि दादा साहब फाल्के फाउंडेशन अवॉर्ड एक ट्रस्ट के ज़रिए दिया जाता है, जो कि दादा साहब फाल्के पुरस्कार से बिलकुल अलग पुरस्कार है। फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी हुई बहुत सी कैटेगरी में यह फाउंडेशन अवॉर्ड दिए जाते हैं। इसमें एक्टर से लेकर मेकअप आर्टिस्ट तक की कैटेगरी भी शामिल होती है।

इसके अलावा इससे मिलते जुलते नाम दादा साहेब फाल्के एक्सलेन्स अवार्ड भी सिनेमा के जगत में ही दिया जाता है।

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार किस क्षेत्र में दिया जाता है?

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार सिनेमा के क्षेत्र में दिया जाने वाला भारत के फ़िल्मी जगत का सर्वोच्च पुरस्कार है जिसे प्रतिवर्ष राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में दिया जाता है। जो भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान के लिए भारत के केंद्र सरकार की ओर से दिया जाता है।

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार सर्वप्रथम कब दिया गया?

श्रीमती देविका रानी रोरिक को वर्ष 1969 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया गया था। उस वर्ष 1969 में राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के लिए आयोजित 17वें समारोह में पहली बार यह सम्मान अभिनेत्री देविका रानी को प्रदान किया गया।

देविका रानी विख्यात कवि श्री रवीन्द्रनाथ टैगोर के वंश से सम्बंधित थीं, श्री टैगोर उनके चचेरे परदादा थे। देविका रानी के पिता कर्नल एम॰एन॰ चौधरी मद्रास (अब चेन्नई) के पहले ‘सर्जन जनरल’ थे। उनकी माता का नाम श्रीमती लीला चौधरी था।

देविका रानी की प्रमुख फिल्में

वर्षफ़िल्म
1943हमारी बात
1941अंजान
1937सावित्री
1937इज़्ज़त
1936अछूत कन्या
1936जन्मभूमि
1936जीवन नैया

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार क्यों दिया जाता है?

वर्ष 1969 में भारतीय सिनेमा की ओर फाल्के के अभूतपूर्व योगदान के सम्मान में दादा साहब फाल्के पुरस्कार शुरु हुआ। भारतीय सिनेमा के विकास में योगदान देने वाले फिल्मी हस्तियों को सम्मानित करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा 1969 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार का शुभारम्भ किया गया था। यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा के विकास में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है।

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार में कितनी राशि दी जाती है?

सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह के मौके पर दादासाहेब फाल्के पुरस्कार दिया जाता है। इस पुरस्‍कार में एक स्वर्ण कमल पदक, एक शॉल और 10 लाख रुपए दिए जाते हैं।

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित हस्तियों की सूची

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेताकलाक्षेत्रसंबंधित भाषावर्ष
देविका रानीअभिनेत्रीहिन्दी1969
बीरेंद्रनाथ सरकारनिर्माताबंगाली1970
पृथ्वीराज कपूर ( मरणोपरांत )अभिनेताहिन्दी1971
पंकज मलिकसंगीतकारबंगाली, हिंदी1972
रूबी मेयर्स ( सुलोचना )अभिनेत्रीहिन्दी1973
बोम्मीरेड्डी नरसिम्हा रेड्डीनिर्देशकतेलुगु1974
धीरेंद्रनाथ गांगुलीअभिनेता, निर्देशकबंगाली1975
कानन देवीअभिनेत्रीबंगाली1976
नितिन बोसछायाकार, निर्देशक, लेखकबंगाली, हिंदी1977
रायचंद बोरालसंगीतकार, निर्देशकबंगाली, हिंदी1978
सोहराब मोदीअभिनेता, निर्देशक, निर्माताहिन्दी1979
पी. जयराजअभिनेता, निर्देशकहिन्दी, तेलुगु1980
नौशाद अलीसंगीतकारहिन्दी1981
एल. वी. प्रसादअभिनेता, निर्माता, निर्देशकतेलुगु, तमिल, हिंदी1982
दुर्गा खोटेअभिनेत्रीहिंदी, मराठी1983
सत्यजीत रेनिर्देशकबंगाली1984
वी. शांतारामअभिनेता, निर्माता, निर्देशकहिंदी, मराठी1985
बी. नागि रेड्डीनिर्मातातेलुगु1986
राज कपूरअभिनेता, निर्देशकहिन्दी1987
अशोक कुमारअभिनेताहिन्दी1988
लता मंगेशकरपार्श्वगायिकाहिन्दी, मराठी1989
अक्किननी नागेश्वर रावअभिनेतातेलुगु1990
भालजी पेंढारकरनिर्देशक, निर्माता, लेखकमराठी1991
भूपेन हजारिकापार्श्वगायकआसामी1992
मजरूह सुल्तानपुरीगीतकारहिन्दी1993
दिलीप कुमारअभिनेताहिन्दी1994
डॉ. राजकुमारअभिनेताकन्नड़1995
शिवाजी गणेशनअभिनेतातमिल1996
कवि प्रदीपगीतकारहिन्दी1997
बलदेव राज चोपड़ानिर्माता, निर्देशकहिन्दी1998
ऋषिकेश मुखर्जीनिर्देशकहिन्दी1999
आशा भोसलेपार्श्वगायिकाहिन्दी, मराठी2000
यश चोपड़ानिर्माता, निर्देशकहिन्दी2001
देव आनंदअभिनेता, निर्माता, निर्देशकहिन्दी2002
मृणाल सेननिर्देशकबंगाली2003
अडूर गोपालकृष्णननिर्देशकमलयाली2004
श्याम बेनेगलनिर्देशकहिन्दी2005
तपन सिन्हानिर्देशकबंगाली, हिंदी2006
मन्ना डेगायकबंगाली, हिंदी2007
वी. के. मूर्तिछायाकारहिन्दी2008
डी. रामानायडूनिर्माता, निर्देशकतेलुगु2009
के. बालाचंदरनिर्देशकतमिल, तेलुगु2010
सौमित्र चटर्जीअभिनेताबंगाली2011
प्राणअभिनेताहिन्दी2012
गुलज़ारगीतकारहिन्दी2013
शशि कपूरअभिनेताहिन्दी2014
मनोज कुमारअभिनेताहिन्दी2015
कसीनथुनी विश्वनाथनिर्देशकतेलुगु2016
विनोद खन्ना ( मरणोपरांत )अभिनेताहिन्दी2017
अमिताभ बच्चनअभिनेताहिन्दी2018
रजनीकांतअभिनेतातमिल2019
रेखाअभिनेत्रीहिंदी2023

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 2023 में विजेताओं की लिस्ट

केटेगरीविजेता
बेस्ट फिल्मद कश्मीर फाइल्स
फिल्म ऑफ़ द इयरआर आर आर
बेस्ट एक्टररणबीर कपूर (ब्रह्मास्त्र पार्ट वन: शिवा)
बेस्ट एक्ट्रेसआलिया भट्ट (गंगूभाई खटियावाड़ी)
क्रिटिक्स बेस्ट एक्टरवरुण धवन (भेड़िया)
क्रिटिक्स बेस्ट एक्ट्रेसविद्या बालन (जलसा)
बेस्ट डायरेक्टरआर बाल्की (चुप)
वेस्ट सिनेमेटोग्राफरपीएस विनोद (विक्रम वेधा)
मोस्ट  प्रोमिसिंग  एक्टरऋषभ शेट्टी (कंटारा)
बेस्ट एक्टर इन अ सपोर्टिंग रोलमनीष पॉल (जुगजुग जियो)
बेस्ट प्लेबैक सिंगर  (मेल )सचेत टंडन (मैय्या मैनू – जर्सी)
बेस्ट प्लेबैक सिंगर (फीमेल)नीति मोहन (मेरी जान – गंगूभाई खटियावाड़ी)
बेस्ट वेब सीरीजरूद्र : द  एज ऑफ़  डार्कनेस  (हिंदी )
मोस्ट  वर्सटाइल  एक्टरअनुपम खेर (द कश्मीर फाइल्स)
टेलीविज़न सीरीज ऑफ़ द  इयरअनुपमा
बेस्ट एक्टर इन अ टेलीविज़न सीरीजफना के लिए ज़ैन इमाम (इश्क में मरजावां)
बेस्ट एक्ट्रेस  इन अ टेलीविज़न सीरीजतेजस्वी प्रकाश (नागिन)
दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स 2023 फॉर आउटस्टैंडिंग  कॉन्ट्रिब्यूशन इन द फिल्म इंडस्ट्रीरेखा
दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड्स 2023 फॉर आउटस्टैंडिंग  कॉन्ट्रिब्यूशन इन द म्यूजिक इंडस्ट्रीहरिहरन

51वें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार विजेता रजनीकांत

रजनीकांत एक प्रतिष्ठित अभिनेता हैं जिन्होंने पचास वर्षों से भारतीयों के दिलों पर राज किया है। 51वें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के रूप में दिग्गज अभिनेता श्री रजनीकांत को यह पुरस्कार दिया जायेगा। बतौर एक्टर, प्रोड्यूसर और स्क्रीनराइटर उनका योगदान आइकॉनिक रहा है। इसे 3 मई को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के साथ प्रस्तुत किया जाएगा।

रजनीकांत का असली नाम शिवाजी है, जिनका जन्म 12 दिसंबर 1950 को बेंगलुरू में एक मराठी परिवार में हुआ था। रजनीकांत की पहली तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागनगाल’ थी। उन्होंने सन 1978 में लीड रोल में पहली तमिल फिल्म ‘भैरवी’ में शानदार अभिनय किया, जिसको दर्शकों के द्वारा काफी पसंद किया गया।

रजनीकांत को 2014 में 6 तमिलनाड़ु स्टेट फिल्म अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा उनको साल 2000 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था।

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