उत्तर प्रदेश की कला एवं संस्कृति | Art and Culture of Uttar Pradesh

Art and Culture of Uttar Pradesh – उत्तर प्रदेश की कला एवं संस्कृति

  • वर्ष 1911 में लखनऊ में राजकीय कला एवं शिल्प महाविद्यालय की स्थापना की गयी।
  • 8 फरवरी 1962 को एक स्वायत्त कला संस्थान उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी की स्थापना लखनऊ में की गयी।
  • डॉ० सम्पूर्णानन्द उत्तर प्रदेश ललित कला अकादमी के प्रथम अध्यक्ष थे।
  • 1997 में “गैलरी डी आर्ट” नाम से एक कला दीर्घा प्रारम्भ की गयी।
  • राज्य ललित कला अकादमी ने ‘कला त्रैमासिक’ नाम से पत्रिका निकाली।
  • चित्रकार अमृता शेरगिल गोरखपुर की थी।
  • भारत में उत्तर प्रदेश ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां फिल्मों का सबसे बड़ा बाजार है।
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 1998 में फिल्म उद्योग का दर्जा दिया गया।
  • उत्तर प्रदेश सरकार ने पहली फिल्म नीति वर्ष 1999 में घोषित की थी।
  • उत्तर प्रदेश राजकीय अभिलेखागार की स्थापना वर्ष 1949 में इलाहाबाद में सेंट्रल रिकॉर्ड ऑफिस के रूप में हुई थी।
  • 24 अक्टूबर 2000 को भातखण्डे हिन्दुस्तानी संगीत महाविद्यालय को विश्वविद्यालय घोषित कर देश में इस संस्थान को संगीत शिक्षा के क्षेत्र में अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय होने का गौरव प्रदान किया।
  • उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की स्थापना 13 नवंबर 1963 को लखनऊ में हुई थी।
  • 1975 में भारतेन्दु नाट्य अकादमी की स्थापना लखनऊ में हुई।
  • भारतेन्दु नाट्य अकादमी उत्तर प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग के अंतर्गत स्वायत्तशासी संस्थान के रूप में कार्य कर रहा है।
  • अयोध्या शोध संस्थान (अयोध्या,फैजाबाद) की स्थापना 18 अगस्त 1986 को संस्कृति विभाग की स्वायत्तशासी संस्था के रूप में की गयी।
  • उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान (लखनऊ) की स्थापना वर्ष 1990 में संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश के अधीन स्वायत्तशासी संस्था के रूप में की गयी।
  • राष्ट्रीय कत्थक संस्थान की स्थापना संस्कृति विभाग के अंतर्गत  स्वायत्तशासी संस्था के रूप में 1988-89 में हुई थी।

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संगीत

  • उत्तर प्रदेश के संगीत घराने इस प्रकार हैं –

आगरा घराना, फतेहपुर सीकरी घराना, बनारस घराना, सहारनपुर घराना, अतरौली घराना, किराना घराना।

  • शास्त्रीय संगीत एवं तबलावादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले बनारस घराने के प्रमुख संगीतकार थे –

कंठे महाराज, किशन महाराज, पं० सामता प्रसाद मिश्र तथा पं० राजन मिश्र एवं पं० साजन मिश्र।

  • वाजिद अलीशाह के समय में कत्थक नृत्य एवं ठुमरी को विशेष लोकप्रियता प्राप्त हुई।
  • उत्तर प्रदेश का एकमात्र शास्त्रीय नृत्य कत्थक है।
  • विख्यात अंतर्राष्ट्रीय सितार वादक पं० रविशंकर रामपुर घराने के सितार वादक उस्ताद अलाउद्दीन खां के शिष्य थे।
  • उत्तर प्रदेश के अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त शहनाई वादक एवं बासुरी वादक उस्ताद स्व० बिस्मिल्ला खां तथा हरी प्रसाद चौरसिया हैं।
  • तानसेन अकबर के दरबार में रहते थे तथा उन्हें ध्रुपद शैली की गायकी में महारथ हासिल थे।
  • अमीर खुसरो का जन्म उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के पटियाली गाँव में 1223 में हुआ।
  • अमीर खुसरो ने ईरानी संगीत रागों में प्रचलित भारतीय रागों का मिश्रण करके अनेक श्रुतिमधुर रागों का आविष्कार किया था।
  • खुसरो ने ईरानी शैली की तरह कव्वाली, तराना आदि शैलियों का प्रचलन किया था।
  • खुसरो ने ही तत्कालीन ध्रुपद गायन शैली में ईरानी संगीत का मिश्रण करके नई गायन शैली का निर्माण किया था जो आगे चलकर ख्याल गायन शैली के नाम से लोकप्रिय हुई।
  • जौनपुर के सुलतान हुसैन शाह शर्की ने ख्याल गायकी को व्यापक रूप से लोकप्रिय बनाने के साथ “टप्पा शैली” का प्रचलन किया।
  • तानसेन ने स्वामी हरिदास से वीणावादन की शिक्षा भी प्राप्त की थी।
  • गजल गायिका बेगम अख्तर फैजाबाद से सम्बंधित थी।

— Art and Culture of Uttar Pradesh —

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