RPA यानी कि robotic process automation, जिसको बदलती दुनिया की दिशा में एक और कदम माना जा रहा है। RPA को बिज़नेस में लागू करते समय की काफी बचत हो सकती है और गलती की गुन्जाईस नही के बराबर होती है। इस टेक्नोलॉजी ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है, क्योंकि इस टेक्नोलॉजी का उपयोग करके काम को बिना गलती के काफी जल्दी पूरा किया जा सकता है। यहाँ पर हम RPA के बारे में detail में जानेंगे। RPA के इतिहास से लेकर इसके फायदे तक सब कुछ आपको जानने को मिलेगा।
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RPA क्या है?
RPA की फुल फॉर्म Robotic Process Automation है, जो कि एक Automated Software Tool या software technology है, जिसके द्वारा सॉफ्टवेयर रोबोट्स को तैयार कर सकते हैं। ये रोबोट्स विभिन्न प्रकार के कार्य करने में सक्षम हैं। यह एक advanced technology है जो कि आने वाले समय में इस दुनिया के रहन सहन को बदल कर रख देगा। RPA टेक्नोलॉजी से निर्मित ये रोबोट्स इंसानों की तरह ही कार्य को सीखने में सक्षम हैं। जिस प्रकार computer के द्वारा calculation करने में गलती नहीं होती है, ठीक उसी तरह रोबोट्स में भी गलती की गुंजाइश ना के बराबर होती है।
यह कर्मचारियों के काम करने के तरीके की नकल करता है। इस तरह इन रोबोट्स के द्वारा ज्यादा मेहनत वाले कामों को भी आसानी से किया जा सकता है, जिससे किसी कंपनी में कर्मचारी अन्य कामों पर ध्यान दे सकते हैं और इससे समय की भी बचत होती है। RPA का मुख्य उद्देश्य मनुष्यों द्वारा किये जाने वाले जटिल कार्यों को रोबोट्स के द्वारा करना है।
RPA का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इसके द्वारा कर्मचारियों द्वारा किये जाने वाले time consuming tasks को कम समय में आसानी से किया जा सकेगा। यह बिज़नेस प्रक्रियाओं को समझने में पूरी तरह से सक्षम है। इस प्रकार बहुत सारे डिजिटल कार्यों को बिना किसी गलती के किया जा सकता है।
RPA का इतिहास
RPA के निर्माण में ‘मशीन लर्निंग’ का अहम योगदान है।मशीन लर्निंग को 1959 में ‘आर्थर सैमुअल’ ने विकसित किया। मशीन लर्निंग के द्वारा कंप्यूटर ने कई महत्वपूर्ण जटिल कार्यों को आसानी से पूरा किया। हालाँकि, इसमें भी कुछ limitations थीं। इसके बाद ‘Natural Language Processing (NLP)’ का विकास हुआ, जिसने कंप्यूटर को मानव भाषा को अधिक सटीक रूप से समझने और संसाधित करने में मदद की।
1960 में, NLP ने कंप्यूटर और मानव भाषाओं के बीच संपर्क स्थापित करने के लिए ‘AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस)’ को संयोजित किया। फिर, प्रौद्योगिकी RPA (आरपीए) की स्थापना की दिशा में आगे बढ़ी, और 1990 के दशक में कुछ और विकास हुए। निरंतर विकास के कारण RPA तकनीक में सुधार होता गया। RPA का इतिहास बताता है कि Robotic Process Automation के तीन प्रमुख predecessors (पूर्ववर्ती) थे जो नीचे दिए गए हैं:
- Screen Scraping
- Workflow Automation and Management Tools
- Artificial Intelligence
Screen Scraping
स्क्रीन स्क्रैपिंग तकनीक को RPA के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है। इस तकनीक का उपयोग वेब, प्रोग्राम और दस्तावेज़ों से डेटा निकालने के लिए किया जाता है, जिसे आगे किसी अन्य एप्लिकेशन द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
Workflow Automation and Management Tools
वर्कफ़्लो ऑटोमेशन वह प्रक्रिया है जिसमें स्वचालित क्रियाओं की एक श्रृंखला शामिल होती है, जो मानव कार्य को कम करने में मदद करती है। ऐसी कार्रवाइयों को automated management tools का उपयोग करके स्वचालित किया जा सकता है।
Artificial Intelligence
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर मशीनों या रोबोटों की उन कार्यों को करने की क्षमता है जिनमें आमतौर पर मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है। एआई प्रोग्रामिंग तीन तकनीकों पर आधारित है: सीखना, तर्क करना और आत्म-सुधार।
RPA कैसे काम करता है?
RPA आपके मौजूदा IT सिस्टम से जानकारी प्राप्त करके काम करता है। रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन प्रोग्राम को फिजिकल या वर्चुअल कंप्यूटर पर इनस्टॉल करने के बाद इस सॉफ्टवेयर बॉट्स के द्वारा इंसानो द्वारा की जाने वाली जटिल प्रक्रियाओं को समझा जाता है। सॉफ्टवेयर बॉट के द्वारा वर्कफ़्लो को समझ जाने पर यह RPA प्रोग्राम में feed हो जाता है। इसके बाद यह रोबोट same task को दुबारा स्वतः ही कर लेता है।
Example:
किसी बिज़नेस में प्रक्रिया के लिए workflow sequence निम्न तरह से हो सकता है:
- ग्राहक मेल के माध्यम से invoice के लिए अनुरोध करता है।
- ऑपरेटर मेल की जांच करता है और relevant बिलिंग सॉफ्टवेयर खोलता है।
- जानकारी को ईमेल से बिलिंग सॉफ़्टवेयर में कॉपी किया जाता है।
- दी गई जानकारी का उपयोग करके invoice बनायी और save की जाती है।
- original sender को सूचित किया जाता है कि प्रक्रिया पूरी हो गई है।
इन सभी चरणों को RPA टूल की सहायता से स्वचालित किया जा सकता है।
RPA के फायदे
- कम समय में जटिल कार्यों को आसानी से किया जा सकता है।
- कर्मचारियों की जरूरत कम होने से धन की भी बचत होती है।
- इंसानो की तुलना में कम समय में ज्यादा काम किया जा सकता है।
- सॉफ्टवेयर रोबोट्स कभी थकते नहीं हैं, जिससे प्रोडक्टिविटी काफी ज्यादा हो जाती है।
- गलती की गुंजाइस काफी कम हो जाती है।
- Customer Experience बेहतर हो जाता है।
- Efficiency में सुधार देखने को मिलता है।
- RPA सॉफ्टवेयर काफी user friendly है।
RPA के साथ चुनौतियाँ
- भारत में लोग RPA के बारे में अधिक जागरूक नहीं हैं।
- विशेषज्ञों की कमी भी एक महत्वपूर्ण चुनौती है।
- संस्थागत प्रयासों में कमी देखी जा सकती है, प्राध्यापक और शिक्षक भी इन प्रणालियों से अधिक अवगत नहीं हैं।
- रोज़गार कम होने का भय भी साफ़ देखा जा सकता है।
RPA को कहाँ deploy किया जा सकता है?
- Banking and Finance Process Automation
- Mortgage and Lending Process
- Customer Care Automation
- eCommerce Merchandising Operation
- OCR Application
- Data Extraction Process
- Fixed automation process
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