ऑक्सीजन का संकट आज के समय में महत्वपूर्ण विषय बना हुआ है, क्योंकि बहुत सी बीमारियों में से एक कोरोनावायरस ने हमारी जिंदगी जीने का तरीका पूरी तरह बदल कर रख दिया है और इस बीमारी से अधिकतम संक्रमित लोगों के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
लेकिन हर किसी को तय समय पर हॉस्पिटल तक पहुँच पाना और उन्हें ऑक्सीजन उपलब्ध कराना संभव नही है। इस कमी को दूर करने के लिए ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर एक बहुत ही उपयोगी मशीन है, जिसको आप अपने घर में ही उपयोग कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको चिकित्सक परामर्श की आवश्यकता होती है।
ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए इस आर्टिकल को जरूर पढ़ें, हमने कोशिश की है कि आपके सभी सवालों के जवाब आपको मिल जाएँ।
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ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर क्या होता है?
ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर एक पोर्टेबल मशीन है जिसमे से केन्युला (प्रवेशनी), नजल ट्यूब या मास्क के जरिए शुद्ध ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है। इससे मिलने वाली ऑक्सीजन 90 से 95 फीसदी तक शुद्ध होती है। ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर “Pressure swing adsorption” टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं।
ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर का इस्तेमाल उन जगहों पर अधिक होता है, जहां प्रेशराइज्ड ऑक्सीजन और लिक्विड ऑक्सीजन प्रयोग करने में असुविधा होती है। डॉक्टराें के क्लीनिक या घरों में इसका इस्तेमाल अधिक किया जाता है।
छोटे पोर्टेबल ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर एक मिनट में दो लीटर तक ऑक्सीजन उपलब्ध करवाते हैं। जबकि बड़े कंसंट्रेटर पांच से दस लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उपलब्ध करा सकते हैं। एक स्वस्थ्य व्यक्ति को हर मिनट में 5 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है।
गंभीर मरीजों को प्रति मिनट 40-50 लीटर ऑक्सीजन की जरूरत होती है, जिसके लिए ऑक्सीजन सिलिंडर की जरूरत पड़ती है।
ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर कैसे काम करता है?
हमारे वातावरण में मौजूद हवा में 78 प्रतिशत नाइट्रोजन, 21 प्रतिशत ऑक्सीजन और 1 प्रतिशत अन्य गैसें होती है। ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर के द्वारा वायुमंडल से हवा को खींचा जाता है और इस हवा में उपलब्ध नाइट्रोजन, कार्बन सहित अन्य गैसों को बाहर निकाल दिया जाता है और नजल ट्यूब या मास्क के जरिए शुद्ध ऑक्सीजन की सप्लाई की जाती है।
यह पूरी प्रक्रिया साथ-साथ चलती है। इसको इस तरह से डिजाइन किया जाता है जिससे ये लंबे समय तक मरीज को ऑक्सीजन दे सके। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को जरूरत पड़ने पर कई ट्यूब के साथ अटैच किया जा सकता है, ताकि इससे एक साथ दो या अधिक मरीजों को ऑक्सीजन मिल सके।
लेकिन जानकारों के मुताबिक, कोरोना के मामलों में ऐसा नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे क्रॉस-इन्फेक्शन का खतरा रहता है।
ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर और ऑक्सीजन सिलिंडर में अंतर (Oxygen Concentrator vs Oxygen Cylinder)
ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर बिजली से चलता है इसलिए बिजली की सप्लाई जब तक है ऑक्सीजन की सप्लाई तब तक होती रहेगी जबकि ऑक्सीजन सिलिंडर में ऑक्सीजन खत्म होने के बाद इसे फिर से रिफिल करना होता है, जिसके लिए ऑक्सीजन सिलिंडर को ऑक्सीजन प्लांट पर ले जाकर उसमें फिर से ऑक्सीजन भरनी होती है।
ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर के प्रकार
ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर दो तरह के होते हैं –
1. Continuous Flow Oxygen Concentrator (लगातार फ्लो वाला कंसेंट्रेटर) – लगातार बहाव वाले कंसेंट्रेटर को जब तक बंद नहीं किया जाए तब तक एक ही फ्लो में ऑक्सीजन की सप्लाई करता रहता है।
2. Pulse Dose Oxygen Concentrator (पल्स वाला कंसेंट्रेटर) – पल्स वाला कंसेंट्रेटर मरीज के ब्रीदिंग पैटर्न को समझकर जितनी जरूरत होती है, उतनी ही ऑक्सीजन की सप्लाई करता है।
ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर के फायदे
- ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर पोर्टेबल होते हैं जिसे ऑक्सीजन सिलेंडर के मुकाबले कहीं भी ले जाने में आसानी होती है।
- कम लागत पर ऑक्सीजन उपलब्ध हो जाती है।
- अगर बिजली की आपूर्ति निरंतर है तो ऑक्सीजन की सप्लाई होती रहती है।
- यह औद्योगिक प्रक्रियाओं में भी ऑक्सीजन का सस्ता स्त्रोत है।
- इन्हें कम लागत पर बेहद मामूली मेंटीनेंस की जरूरत होती है।
- मरीज ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर का इस्तेमाल अपनी सुविधानुसार घर पर डाॅक्टर या हेल्थकेयर वर्कर्स की निगरानी में कर सकते हैं।
- ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स Long term use के लिए हैं।
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के साथ में किसी और डिवाइस की जरूरत नहीं होती है।
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को बिजली नहीं रहने पर इनवर्टर से चलाया जा सकता है।
ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की Limitation
- ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर से प्रति मिनट 5-10 लीटर ऑक्सीजन की सप्लाई होती है जो कि गंभीर मरीजों के लिए पर्याप्त नहीं है। गंभीर मरीजों लिए प्रति मिनट इससे ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत होती है।
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ऐसे मरीजों के लिए लाभकारी है जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 80 या 85 फीसदी के बीच में है, लेकिन गंभीर स्थिति वाले कोरोना के मरीजों के लिए यह कारगर नहीं है।
- इन्हें 8 से लेकर 24 घंटे तक ही लगातार इस्तेमाल किया जा सकता है।
- इन्हें कूलिंग के लिए 30 मिनट के लिए बंद रखना जरूरी है।
- बिजली जाने पर इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की कीमत
ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की कीमत 30,000 रुपये से लेकर 3.50 लाख रुपये तक है। ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर का किराया 3000 रुपये प्रतिमाह से लेकर 10000 रुपये प्रतिमाह हो सकता है। हांलाकि ऑक्सीजन सिलिंडर की कीमत 8000 से 20000 रूपये तक होती है लेकिन कॉन्सेंट्रेटर में मेंटेनेंस की लागत बहुत कम होती है और इसे ऑक्सीजन सिलेंडर की तरह रिफिल नहीं कराना पड़ता है।
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर | कीमत |
5 एलपीएम स्टेशनरी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर | 30,000 रुपये से 65,000 रुपये |
8 एलपीएम स्टेशनरी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर | 66,000 रुपये से 95,000 रुपये |
10 एलपीएम स्टेशनरी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर | 70,000 रुपये से 1.30 लाख रुपये |
पल्स फ्लो पोर्टेबल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर | 1.60 लाख रुपये से 2.25 लाख रुपये |
पल्स एंड कॉन्टिनुअस फ्लो पोर्टेबल | 1.80 लाख रुपये से 3.50 लाख रुपये |
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को इस्तेमाल करने के सेफ्टी टिप्स
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स को गैस स्टोव से कम से कम 10 फुट दूर रखें।
- इसके पास माचिस, लाइटर्स, जलती मोमबत्ती और डिफ्यूजर ना रखें।
- आसपास धूम्रपान न करें।
- इसके पास कोई भी ज्वलनशील चीज इस्तेमाल ना करें।
- लगातार उपयोग करते समय बीच में कूलिंग के लिए कुछ समय बंद रखना आवश्यक है।
- हमेशा अग्निशमन यंत्र पास में रखें।
Disclaimer
ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर के इस्तेमाल से पहले आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। बिना चिकित्सीय मार्गदर्शन के ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर का उपयोग करना अत्यंत हानिकारक हो सकता है।
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