Climate of Madhya Pradesh – पूरे देश की तरह मध्य प्रदेश की जलवायु भी पूर्णतः मौसमी अर्थात मानसूनी है।
स्वरुप: उष्णकटिबंधीय शुष्क जलवायु
तापमान: औसत 42 डिग्री सेंटीग्रेट (ग्रीष्म ऋतु), 14 डिग्री सेंटीग्रेट (शीत ऋतु)
मध्य प्रदेश में तीन ऋतुएं होती हैं –
- शीत ऋतु
- ग्रीष्म ऋतु
- वर्षा ऋतु
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शीत ऋतु
- राज्य में नवम्बर से फरवरी तक शीत ऋतु रहती है।
- इस ऋतु में सूर्य की स्थिति भूमध्य रेखा के दक्षिण में होती है।
- अतः मानसूनी हवाएं उत्तर पूर्व से लौटने लगती हैं। जिससे मध्य प्रदेश का तापमान कम होने लगता है।
- इस ऋतु में मध्य प्रदेश का औसत तापमान 20.9 डिग्री सेंटीग्रेट से 26.6 डिग्री सेंटीग्रेट के बीच रहता है।
- इस ऋतु को ‘स्याला’ भी कहते हैं।
- शीत ऋतु में मध्य प्रदेश के उत्तरी भागों में तापमान 15 डिग्री सेंटीग्रेट से 18 डिग्री सेंटीग्रेट के बीच रहता है,
- जबकि दक्षिण भागों में 18 डिग्री सेंटीग्रेट से 21 डिग्री सेंटीग्रेट के मध्य रहता है।
- इस ऋतु में कुछ वर्षा भी होती है। इसे लोग “मावठ” भी कहते हैं ।
ग्रीष्म ऋतु
- इस ऋतु में तापमान मार्च से जून तक लगातार बढ़ता जाता है, जो दक्षिण और दक्षिण-पूर्व से उत्तर तक और उत्तर-पश्चिम की और बढ़ता जाता है।
- जून माह से राज्य के उत्तर एवं उत्तरी-पश्चिमी भागों में दिन का उच्चतम तापमान 42 डिग्री सेंटीग्रेट से अधिक हो जाता है।
- इस मौसम में मानसूनी हवाएं समुद्र से थल की ओर चलने लगती हैं।
- वायुमंडल में नमी कम होती है एवं धुल भरी गर्म हवाएं भी चलती हैं।
- इस ऋतु को ‘उनाला’ भी कहते हैं।
वर्षा ऋतु
- राज्य में मध्य जून से सितम्बर तक वर्षा ऋतु होती है।
- राज्य में मानसूनी वर्षा बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों ही शाखाओं से होती हैं।
- प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा जुलाई तथा अगस्त माह में होती है।
- प्रदेश में वर्षा की मात्रा सभी स्थानों पर सामान नहीं है।
- पश्चिम की अपेक्षा (औसत 75 सेमी) पूर्वी मध्य प्रदेश में वर्षा अधिक होती है (औसत 125 सेमी)
- पंचमढ़ी के महादेव पहाड़ी में सर्वाधिक वर्षा (187 सेमी) होती है।
- सबसे कम वर्षा ग्वालियर में होती है।
- इस ऋतु को “चौमासा” भी कहते हैं।
- राज्य में न्यूनतम तापमान वाला स्थान शिवपुरी तथा अधिकतम तापमान वाला स्थान विदिशा है।
- मध्य प्रदेश में ऋतु सम्बन्धी आंकड़ों को एकत्रित करने वाली ऋतु वेधशाला इंदौर में है।