एक बार की बात है, दुर्योधन से गुरु द्रोणाचार्य पर हमेशा अर्जुन का पक्ष लेने का आरोप लगाया, तब द्रोणाचार्य ने दुर्योधन के प्रश्न का जवाब देने के लिए सबसे एक परीक्षा लिया। द्रोणाचार्य ने एक लकड़ी की चिड़िया को एक पेड़ की डाली पर रख दिया। लक्ष्य साधने से पहले द्रोणाचार्य ने सभी से कुछ प्रश्न किये।
सबसे पहले द्रोणाचार्य ने जेष्ठ भाई युधिष्ठिर से प्रश्न किया – युधिष्ठिर तुम्हें पेड़ पर क्या दिखाई दे रहा है? युधिष्ठिर ने उत्तर दिया – गुरु जी मुझे पेड़ पर वह लकड़ी की चिड़िया, टहनियां, पत्ते और कुछ अन्य चिड़िया दिख रहे हैं। तभी द्रोणाचार्य जी ने युधिष्ठिर को निशाना लगाने के लिए मना कर दिया। इसी प्रकार द्रोणाचार्य जी ने एक-एक करके सबसे एक ही प्रश्न पूछा कि उन्हें पेड़ पर क्या दिखाई दे रहा है? परंतु किसी को फिर नजर आता तो किसी को डाली नजर आती या फिर किसी को पास में दूसरा पेड़।
जब द्रोणाचार्य ने अर्जुन से प्रश्न किया – अर्जुन तुम्हें क्या दिखाई दे रहा है? तभी अर्जुन ने उत्तर दिया गुरु जी मुझे तो बस चिड़िया की आंख दिखाई दे रही है, सिर्फ आंख। गुरुजी खुश हुए और उन्होंने अर्जुन को तीर चलाने के लिए कहा। अर्जुन ने धनुष से निशाना साधा और तीर छोड़ दिया। तीर सीधा जा कर उस लकड़ी की चिड़िया की आंख में जाकर लगी।
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