महाभारत के युद्ध में उडुपी के राजा ने निरपेक्ष रहने का फैसला किया था। उडुपी का राजा ना तो पांडव की तरफ से था और ना ही कौरवों की तरफ से। उडुपी के राजा ने कृष्ण से कहा था कि कौरवों और पांडवों की इतनी बड़ी सेना को भोजन की जरूरत होगी और हम दोनों तरफ की सेनाओं को भोजन बनाकर खिलाएंगें। 18 दिन तक चलने वाले इस युद्ध में कभी भी खाना कम नहीं पड़ा। सेना ने जब राजा से इस बारे में पूछा तो उन्होंने इसका श्रेय कृष्ण को दिया। राजा ने कहा कि जब कृष्ण भोजन करते हैं तो उनके आहार से उन्हें पता चल जाता है कि कल कितने लोग मरने वाले हैं और खाना इसी हिसाब से बनाया जाता है।
यह भी देखें ???????? अर्जुन के बेटे इरावन ने अपने पिता की जीत के लिए खुद की बलि दी थी