उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक स्थल | Religious Places of Uttarakhand

उत्तराखंड के प्रमुख धार्मिक स्थल (Religious Places of Uttarakhand) निम्नलिखित हैं:

चार धाम

1. केदारनाथ :

केदारनाथ धाम रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। केदारनाथ धाम लगभग 3581 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

2. बद्रीनाथ:

बद्रीनाथ धाम चमोली जिले में स्थित है। यह पंच बद्रियों में सबसे महत्वपूर्ण है। बद्रीनाथ धाम के कपाट मई के महीने में खुलते हैं और नवम्बर के अंत तक बंद हो जाते हैं। यहाँ पर गर्म पानी का श्रोत है जिसे “तप्त कुंड” कहा जाता है। इसकी समुद्री तल से ऊंचाई 3133 मीटर है।

3. गंगोत्री:

गंगोत्री धाम उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यह लगभग 3048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

4. यमुनोत्री:

यमुनोत्री धाम उत्तरकाशी से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह 3293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

कटारमल सूर्य मंदिर:

कटारमल सूर्य मंदिर अल्मोड़ा से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसका निर्माण राजा कटारमल द्वारा किया गया। यहां की मुख्या प्रतिमा सूर्य की है तथा यहां कुबेर, महिषासुरमर्दिनि, शिव-पार्वती, नरसिंह, लक्ष्मी-नारायण आदि की मूर्तियां स्थित हैं ।

चितई गोलू देवता मंदिर:

चितई गोलू देवता मंदिर अल्मोड़ा से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मनोकामना पूर्ण करने वाला यह मंदिर अत्यंत मान्यता प्राप्त है।

जागेश्वर धाम:

जागेश्वर धाम अल्मोड़ा से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जटागंगा के किनारे स्थित है तथा यहाँ 124 मंदिरों का समूह है। इन मंदिरों का निर्माण कत्यूरी राजा शालिवाहन देव द्वारा किया गया।

दूनागिरी:

दूनागिरी मंदिर द्वाराहाट से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित है। इसे माँ शक्ति के 51 उग्रपीठों में से एक माना जाता है ।

बागनाथ:

बागनाथ मंदिर बागेश्वर जिले में गोमती-सरयू नदी के संगम पर स्थित है। बागनाथ मंदिर का निर्माण सन 1602 में हुआ था।

पाताल भुवनेश्वर:

पाताल भुवनेश्वर गंगोलीहाट के पास स्थित है। यह मंदिर बहुत ही मान्यता प्राप्त है।

नंदादेवी:

नंदादेवी मंदिर अल्मोड़ा शहर में स्थित है।

नैनादेवी:

नैनादेवी मंदिर नैनीताल में स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 1882 में हुआ था।

तुंगनाथ:

तुंगनाथ मंदिर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह 3750 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

हाट कालिका:

हाट कालिका मंदिर गंगोलीहाट में स्थित है। यह महिषासुरमर्दिनि का सिद्ध पीठ है।

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