खेती का काम कर पूरे देश की जनता को खाद्य सामग्री प्रदान करने का पूरा दायित्व किसान के कन्धों पर होता है। किसान के कामों में फसलों को उगाना, बागों में पौधे लगाना, मुर्गियों या इस तरह के अन्य पशुओं की देखभाल कर उन्हें बढ़ाना भी शामिल है।
किसान एक आम आदमी के जीवन यापन की सबसे मूलभूत आवश्यकता की पूर्ती करते हैं, उसके बाद भी देश में किसानों की स्थिति कुछ ज़्यादा बेहतर नहीं है। आये दिन हम किसानों की आत्महत्या करने की ख़बरों को सुनते रहते हैं। किसानों की इसी स्थिति को बेहतर बनाने हेतु मोदी सरकार द्वारा यह योजना “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना” चलायी गयी है।
मोदी सरकार द्वारा किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) का ऐलान किया गया था, जिसे सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में भी जारी रखा है।
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पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत कब हुई?
पीएम किसान सम्मान निधि योजना को मोदी सरकार ने 24 फरवरी 2019 को शुरू किया था और यह एक दिसंबर 2018 से ही प्रभावित हो गयी थी। इस योजना के तहत सरकार छोटे किसानों को हर साल 6000/- रुपये तीन किस्तों में देती है।
पहली किस्त एक दिसंबर से 31 मार्च के बीच आती हैं और दूसरी किस्त एक अप्रैल से 31 जुलाई और फिर तीसरी किस्त एक अगस्त से 30 नवंबर तक किसानों के खाते में डायरेक्ट ट्रांसफर कर दी जाती है।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत क्यों की गयी?
आइये जानते हैं भारत सरकार को आखिर क्यों उन किसानों के लिए योजना का संचालन करना पड़ा जिन्हें देश की रीढ़ की हड्डी माना जाता है? एक दृष्टि किसानों की वर्तमान दशा पर डालते हैं:
भारतीय किसानों में से 80% किसान गरीब वर्ग में आते हैं। उनकी गरीबी पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। भारतीय किसान को ठीक से दो वक्त का खाना भी नसीब नहीं हो पाता है, उन्हें मोटे कपड़े का एक टुकड़ा नसीब नही हो पाता है। भारतीय किसान अपने बच्चों को शिक्षा भी नहीं दे पाते ना ही वह अपने बेटे और बेटियों को अच्छे वस्त्र तक खरीद कर दे पाते हैं। वह अपनी पत्नी को गहने पहऩऩे का सुख नहीं दे पाते।
किसानों की पत्नी भी घर पर और क्षेत्र में काम करती हैं। वह गौशाला साफ करती हैं, गाय के गोबर से उपले बनाकर दीवारों पर चिपकाती हैं और उन्हें धूप में सूखाती हैं। वह गीले मानसून के महीनों के दौरान ईंधन के रूप में उपयोग होता है। भारतीय किसानों को गांव के साहूकारों और कर संग्राहकों द्वारा परेशान किया जाता है। वह साहूकार और कर संग्राहकों से परेशान रहते इसलिए वह अपने ही उपज का आनंद नहीं ले पाते हैं।
भारतीय किसान के पास उपयुक्त निवास करने के लिए एक छोटा सा घर भी नहीं होता। वह भूसे और घास-फूस की झोपड़ी में रहते है। बड़े किसानों के हालत में बहुत सुधार देखने को मिला है, छोटे भूमि धारकों और सीमांत किसानों की हालत अब भी संतोषजनक से भी कम है।
पुराने किसानों की पीढ़ी ज्यादा पढी-लिखी नहीं थी या उनमें से अधिकाँश अनपढ़ थे ये कहना ज़्यादा बेहतर होगा, लेकिन नई पीढ़ी के अधिकतर किसान शिक्षित हैं। उनके शिक्षित होने के कारण उन्हें बहुत मदद मिलती है। वे प्रयोगशाला में अपने खेतों की मिट्टी का परीक्षण करवा लेते है।
इस प्रकार, वे समझ जाते की उनके क्षेत्रों में सबसे ज्यादा फसल किसकी होगी। भारतीय किसान सरल संभव तरीके से सामाजिक समारोह मनाता है। वह हर साल त्योहार धूम से मनाते है। वह अपने बेटे और बेटियों की शादी का जश्न भी धूम से मनाते हैं।
वह अपने परिजनों और दोस्तों और पड़ोसियों के मनोरंजन भी करने में कसर नहीं छोडते। इन सबसे परे अगर बीते कुछ वर्षों के आंकड़े देखे जाएं तो किसानों की आत्महत्या के सबसे ज़्यादा केस दर्ज हुए हैं
किसान आत्महत्या वर्ष 1990 के बाद पैदा हुई एक ऐसी स्थिति है जिसमें प्रतिवर्ष दस हज़ार से अधिक किसानों के द्वारा आत्महत्या की रपटें दर्ज की गई है। 1997 से 2006 के बीच 166304 किसानों ने आत्महत्या की।
ऐसा देखने को मिला है की भारतीय कृषि बहुत हद तक मानसून पर निर्भर है और इसी वजह से मानसून की असफलता के कारण नकदी फसलें नष्ट होना किसानों द्वारा की गई आत्महत्याओं का मुख्य कारण माना जाता रहा है।
न सिर्फ मानसून की विफलता अपितु सूखा, कीमतों में वृद्धि, ऋण का अत्यधिक बोझ आदि परिस्तिथियाँ, समस्याओं के एक चक्र की शुरुआत करती हैं। बैंकों, महाजनों, बिचौलियों आदि के चक्र में फँसकर भारत के विभिन्न हिस्सों के किसानों ने आत्महत्याएँ की है।
भारतीय किसानों को आत्महत्या की दशा तक पहुँचा देने के मुख्य कारणों में खेती का आर्थिक दृष्टि से नुकसानदायक होना तथा किसानों के भरण-पोषण में असमर्थ होना है और यही कारण है की भारत में मोदी सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि योजना का श्री गणेश किया गया।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवेदन कैसे करें? (Registration for Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana)
आइये जानते हैं की कैसे इस योजना से मिलने वाले लाभ के लिए आवेदन किया जा सकता है-
- सबसे पहले हमें किसान सम्मान निधि योजना की ऑफिसियल वेबसाइट (PM Kisan Samman Nidhi Yojana Official Website) पर जाना होगा।
- उसके बाद न्यू रजिस्ट्रेशन का विकल्प मिलेगा, उस पर क्लिक करना होगा और एक नया पेज खुल जाएगा।
- नए पेज पर अपना आधार नंबर डालने के बाद एक रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुल जाएगा।
- अब हमें रजिस्ट्रेशन फॉर्म में पूरी जानकारी देनी होगी, जैसे आप किस राज्य से हैं, कौनसा जिला है, ब्लॉक या गांव की जानकारी देनी होगी।
इसके अलावा किसानों को अपना नाम, जेंडर, वर्ग, आधार कार्ड की जानकारी, बैंक अकाउंट नंबर जिस पर पैसे ट्रांसफर किए जाएंगे, उसका IFSC कोड, पता, मोबाइल नंबर, जन्मतिथि आदि की जानकारी देनी होगी साथ ही साथ आपको अपने खेत की जानकारी देनी होगी। इसमें सर्वे या खाता नंबर, खसरा नंबर, कितनी जमीन है, ये सारी जानकारी देनी होगी।
- उपर बताई गयी साड़ी जानकारी भरने के बाद सेव करना होगा। सभी जानकारी देने के बाद रजिस्ट्रेशन के लिए फॉर्म को सबमिट करना होगा।
- ये सभी जानकारी भविष्य में जानने के लिए आप सुरक्षित भी कर सकते हैं।
‘फार्मर कार्नर’ टैब में दी गई कई सुविधाएं
- किसानों को इसके लिए pmkisan.gov.in बेवसाइट को लॉग इन करना होगा. इसमें दिये गए ”फार्मर कार्नर” वाले टैब में क्लिक करना होगा. इस टैब में किसानों को खुद को पीएम किसान योजना में पंजीकृत करने का विकल्प दिया गया है.
- अगर आपने पहले आवेदन किया है और आपका आधार ठीक से अपलोड नहीं हुआ है या किसी वजह से आधार नंबर गलत दर्ज हो गया है तो भी इसकी जानकारी भी इसमें मिल जाएगी.
- जिन किसानों को इस योजना का लाभ सरकार की तरफ से दिया गया है उनके भी नाम राज्य/जिलेवार/तहसील/गांव के हिसाब से देखे जा सकते हैं.
- इसमें सरकार ने सभी लाभार्थियों की पूरी सूची अपलोड कर दी है.
- इतना ही नहीं आपके आवेदन की स्थिति क्या है . इसकी जानकारी किसान आधार संख्या/ बैंक खाता/ मोबाइल नंबर के जरिये भी मालूम कर सकते हैं.
- इसके अलावा पीएम किसान योजना के बारे में खुद को अपडेट रखना चाहते हैं तो इसका लिंक भी दिया गया है. इस लिंक के जरिये आप गूगल प्ले स्टोर में जाकर PM Kisan Mobile App Download कर सकते हैं.
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents for Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana)
जैसा कि हम जानते ही हैं किसी भी योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी को अपनी कुछ दस्तावेज जमा करने होते हैं, जिससे की सरकार के पास हर प्रकार की जानकारी रहे और किसी भी प्रकार की धांधली से बचा जा सके। इस योजना के दो सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज खसरा और खतौनी है, यानी राजस्व रिकॉर्ड, जिससे पता चलेगा कि आप किसान हैं।
- खसरा पटवारी बनाता है। इसमें खेती की जमीन की पूरी जानकारी होती है। इससे पूरी तरह स्पष्ट होता है कि जमीन पर अभी क्या हो रहा है और वह खेती के लिए कितनी उपयोगी है या फिर वह आबादी के बीच में तो नहीं है।
- दूसरा सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है “खतौनी”। इसमें जमीन किसके नाम है उसकी पूरी जानकारी होती है। अगर जमीन एक से ज्यादा के नाम पर हैं तो उसके लिए शेयर सर्टिफिकेट बनवाना होता है। इस सर्टिफिकेट पर तहसीलदार के हस्ताक्षर होते हैं।
- मोदी सरकार के आने के बाद से आधार कार्ड हर भारतीय नागरिक की पहचान है। इस योजना के तहत सालाना ६ हजार रुपए पाने के लिए आधार कार्ड देना आवश्यक है।
- बैंक अकाउंट नंबर- योजना की किस्त पाने के लिए आपके पास बैंक अकाउंट नंबर जरूरी हैं क्योंकि सरकार डीबीटी के जरिए किसानों को पैसे ट्रांसफर कर रही है।
किसान सम्मान निधि योजना का फार्म भरने के बाद जो भी लाभकारी किसान हैं, उनके नामों की एक सूची पंचायत पर लगाई जाती है। इसके अतिरिक्त जिन किसानों को उसका लाभ मिलना है यदि उनका मोबाइल नंबर उपयोग में है तो उनके मोबाइल पर भी एसएसएस भेजा जाता है।
पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में किसानों की लागत में बहुत तेज़ी से वृद्धि हुई है। इसमें सबसे अधिक बढ़ोतरी सिंचाई सुविधाओं पर होने वाले ख़र्च में हुई है।भूमि जल स्तर में भारी गिरावट के चलते ब्लैक स्पॉट में शुमार इन इलाक़ों में बोरवेल की लागत कई गुना बढ़ गई है और इसके लिए कर्ज़ का आकार बढ़ता ही जा रहा है। तेलंगाना में जब किसान आत्महत्या के आंकड़े बढ़े तो बोरवैल पर कर्ज़ इनकी एक बड़ी वजह थी।
जल स्तर नीचे गिरने के चलते वहां बोरवैल पर प्रतिबंध लग गया था और इसके लिए बैंकों से कर्ज़ नहीं मिलने से किसान साहूकारों के पास जा रहे थे। विगत वर्ष उत्तर प्रदेश से किसानों की आत्महत्यों की खबरें आई तो उसकी वजह वहां किसानों का चीनी मिलों पर हज़ारों करोड़ रुपए का बकाया होना था। उसके बाद हालात और बदतर हुए हैं,अभी भी उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर किसानों का करीब आठ हज़ार करोड़ रुपए का बकाया है।
बड़ी तादाद में ऐसे किसान हैं जिनकी जोत दो एकड़ या इससे भी कम है, लेकिन उनको दो साल से गन्ना मूल्य का आंशिक भुगतान ही हो सका है। चीनी पर किसान समुदाय के फ़र्स्ट चार्ज के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ जब चीनी मिलें सुप्रीम कोर्ट गईं थीं तो सुप्रीम कोर्ट ने किसानों के पक्ष में फ़ैसला दिया था।
किसान समुदाय के बिना एक आम व्यक्ति का जीवा कल्पनाहीन है, इसीलिए हम सभी को किसान समुदाय के लिए छोटा ही सही लेकिन प्रयास करना चाहिए।
किसान सम्मान निधि योजना का लाभ (PM Kisan Samman Nidhi Yojana Benefits)
किसान सम्मान निधि योजना का लाभ देश के प्रत्येक किसान को मिलेगा चाहे उनके पास कितनी भी जमीन हो। इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों के खाते में सालाना 6000/-रुपए जमा करेगी। ये 6000/- रूपये तीन किस्तों में किसानों के खाते में जमा होंगे।
इस योजना के तहत देश के 14.5 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। किसान सम्मान निधि योजना का लाभ सभी किसानों को देने का फैसला 31 मई को हुई नई राजग सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में किया गया गया था। इससे पहले इस योजना में 5 एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को ही रखा गया था। लेकिन बैठक के बाद इस सीमा को हटा दिया गया था।
हालांकि कुछ ऐसी किसान श्रेणी भी हैं जिन्हें इस योजना से वांछित रखा जायेगा, जैसे “इस योजना का लाभ जिन लोगों को नहीं दिया जायेगा उनमें संस्थागत भूमि धारक, संवैधानिक पद संभालने वाले किसान परिवार, राज्य एवं केंद्र सरकार के साथ-साथ पीएसयू और सरकारी स्वायत्त निकायों के सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।
डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक और वकील के साथ-साथ 10000/- रुपए से अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त पेंशनभोगियों और अंतिम मूल्यांकन वर्ष में आयकर का भुगतान करने वाले पेशेवरों को भी योजना के दायरे से बाहर रखा गया है।”
योजना का लाभ लेने वाले किसानों को सरकार द्वारा ये रकम इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सीधे खातों में ट्रांसफर की जाती है। बीते महीने मोदी सरकार ने इसकी छठवीं किस्त के तहत 2000/- रुपये किसानो के खाते में सीधे ट्रांसफर किए थे और अब इसकी अगली किस्त भी मोदी सरकार किसानों के खातों में नवंबर तक ट्रांसफर करेगी।
Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana FAQs
क्या एक ही जोत पर 1 से ज्यादा को मिलेगा लाभ?
यदि सिंगल जोत वाली जमीन पर कई किसान के परिवारों के नाम हैं, तो क्या उनको इस स्कीम का लाभ मिलेगा? अगर ऐसा है तो स्कीम के अंतर्गत प्रत्येक परिवार को न्यूनतम कितना आर्थिक लाभ मिलेगा? यह सवाल अभी भी बहुत से लोगों के मन में होगा। स्कीम की गाइडलाइन के तहत पात्र ऐसे प्रत्येक किसान परिवार को अलग-अलग 6000 रुपये तक का लाभ उपलब्ध होगा।
क्या पिता के नाम पर मौजूद खेत जोतने पर मिलेगा लाभ?
अगर कोई व्यक्ति जिसके नाम पर खुद का खेत नहीं है लेकिन वह अपने पिता के नाम पर मौजूद खेत को जोतता है तो उसे पीएम किसान का लाभ नहीं मिलेगा। उसे वह जमीन अपने नाम से कराने के बाद ही इसका लाभ मिलेगा।
क्या किराए पर खेती करने वालों को मिलेगा लाभ?
अगर कोई किसान खेती करता है लेकिन उसके नाम पर खेती नहीं है। यानी वह किराए पर खेत लेकर किसरनी करता है तो वह इसका लाभ नहीं ले सकेगा। खेती योग्य जमीन उसके नाम पर होना ही अंतिम क्राइटेरिया है।
पीएम किसान फैमिली का क्या मतलब है?
लैंडहोल्डर फार्मर्स फैमिली का यहां मतलब हस्बैंड, वाइफ और उनके बच्चे से है। जो लैंड रिकॉर्ड के हिसाब से किसी खेती योग्य जमीन पर खेती करते हैं।
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