नासा का डार्ट मिशन क्या है? क्या धरती टकराएगी एस्टेरॉयड से? NASA DART Mission in Hindi

नासा के द्वारा ऐस्‍टरॉइड को समझने के प्रयास लगातार किये जा रहे हैं। इसके लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा कईं सारे मिशन के साथ आगे बढ़ रही है। कईं मौकों पर ऐसा देखा गया है कि ऐस्‍टरॉइड धरती के बिलकुल नजदीक से गुजरा है।

ऐसा भी हो सकता है कि कभी यह धरती से भी टकरा जाए। इस बात को ध्यान में रखते हुए नासा इससे सम्बंधित कईं शोध कर रहा है। आइये जानते हैं ऐस्‍टरॉइड से सम्बंधित ऐसे ही नासा के डार्ट मिशन के बारे में

नासा का डार्ट मिशन क्या है? (NASA DART Mission in Hindi)

NASA DART mission kya hai hindi
pic credit: NASA

धरती को एस्टेरॉयड के हमले से बचाने के लिए नासा ने डार्ट मिशन को लांच किया है। DART यानी Double Asteroid Redirection Test जिसमें स्पेसएक्स का फैल्कन 9 रॉकेट शामिल है। इस मिशन की मदद से नासा धरती के नजदीक घूम रहे बाइनरी एस्टेरॉयड सिस्टम डिडिमोस (Didymos) से अपने अंतरिक्ष यान को टकराने की तैयारी कर रहा है।

एलन मस्क की स्पेसएक्स कंपनी का डार्ट मिशन में नासा का साथ

एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेसएक्स (SpaceX) कंपनी इस मिशन में नासा का साथ दे रही है।

डार्ट मिशन कब शुरू होगा?

नासा का डार्ट मिशन 24 नवंबर 2021 से 15 फरवरी 2022 के बीच पूरा किया जायेगा। इससे पहले इस मिशन को 21 जुलाई से 24 अगस्त के बीच लॉन्च किया जाना था। इसे स्पेस एक्स फाल्कन 9 (SpaceX Falcon 9) रॉकेट से स्थानीय समय के अनुसार 23 नवंबर को रात 10.20 बजे कैलिफोर्निया के वंदेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से लॉन्च किया जाएगा।

डार्ट मिशन को क्यों देर से शुरू किया गया?

NASA साइंस मिशन डायरेक्टोरेट (SMD) के द्वारा डार्ट मिशन को देर से शुरू करने का फैसला लिया गया है। इनके अनुसार DART प्रोजेक्ट शेड्यूल के रिस्क मैनेजमेंट का सही से अध्ययन कर लेना चाहिए। वहीं नासा ने दावा किया है कि 24 नवंबर 2021 से 15 फरवरी 2022 के बीच लॉन्च करने से भी उनका यान डिडिमोस (Didymos) एस्टेरॉयड्स से अक्टूबर 2022 में ही टकराएगा।

डिडिमोस क्या है? (What is Didymos)

डिडिमोस (Didymos) बाइनरी एस्टेरॉयड सिस्टम में दो एस्टेरॉयड हैं। बड़ा वाला एस्टेरॉयड 2540 फीट चौड़ा है, इसे डिडिमोस बुलाते हैं, जबकि छोटे एस्टेरॉयड को डाइमॉर्फोस (Dimorphos) बुलाते हैं, यह 540 फीट चौड़ा है।

डार्ट मिशन का उद्देश्य (Aim of DART Mission)

डार्ट मिशन का उद्देश्य धरती की ओर आ रहे एस्टेरॉयड्स से अंतरिक्षयान को टकरा कर उनकी दिशा में बदलाव करना है ताकि वह धरती के बगल से निकल जाए। नासा के वैज्ञानिकों के अनुसार 24 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उनका अंतरिक्षयान डिडिमोस एस्टेरॉयड से टकराएगा, लेकिन वह सितंबर में ही उस एस्टेरॉयड के आसपास पहुंच जाएगा। इससे उस एस्टेरॉयड की गति और टकराव के बाद के खतरे का आकलन किया जाएगा। वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि इस टक्कर से मूनलेट की गति में परिवर्तन होगा और इसी के साथ बड़े एस्टेरॉयड के चारों ओर ऑर्बिट पीरियड में कई मिनट तक का बदलाव भी दिखेगा

डार्ट मिशन का खर्च क्या है?

नासा का यह मिशन 69 मिलियन यूएस डॉलर्स यानी 499 करोड़ रुपए से ज्यादा का है। सितंबर और अक्टूबर के महीने में डिडिमोस और डाइमॉर्फोस, दोनों एस्टेरॉयड धरती से 1.10 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर होंगे। अंतरिक्षयान और दोनों एस्टेरॉयड्स की टक्कर पर नासा के अलावा जॉन हॉपकिंस एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी, प्लैनेटरी मिशन्स प्रोग्राम ऑफिस, मार्शल स्पेस फ्लाइट सेंटर और नासा का प्लेनेटरी डिफेंस कॉर्डिनेशन ऑफिस नजर रखेगा।

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