Mecca Black Stone Mystery – मक्‍का में काबा के काले पत्‍थर की अद्भुत तस्‍वीर

मक्‍का में काबा का काला पत्थर पूरी दुनिया में प्रसिद्द है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हर साल इसको छूने और चूमने लाखों मुसलमान आते हैं। इस पवित्र पत्थर के बारे में कई कथाएँ प्रचलित हैं। इस्लाम के अनुसार ये काला पत्थर आदम और ईव (Adam-Eve) के समय का है। पत्थर वैसे काला नजर आता है, लेकिन नजदीक से असल में यह भूरा प्रतीत होता है।

Mecca Black Stone क्या है?

mecca black stone

Mecca Black Stone को “हज्र-ए-असवद” और “स्टोन ऑफ जन्नाह” के रूप में भी जाना जाता है। यह पवित्र Mecca Black Stone पवित्र काबा के पूर्वी कोने पर रखा गया है। मान्यताओं के अनुसार, यह पृथ्वी पर स्थित सबसे पवित्र पत्थर है। काबा में स्थित इस काले पत्थर को मुसलमान हर साल चूमते हैं क्योकि ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से मनुष्य के सारे पाप दूर हो जाते हैं। यह पवित्र पत्थर हर मुसलमान के लिए बहुत खास है और इसमें कोई शक नहीं कि हज्र-ए-असवद इस्लामिक दुनिया में एक बहुत ही पवित्र स्थान है।

Mecca Black Stone के बारे में ऐसा कहा जाता है: “काले पत्थर को जन्नाह से पृथ्वी में लाया गया था और यह दूध से भी काफी सफ़ेद था, लेकिन लोगों के पापों ने इसे काला कर दिया”

Mecca Black Stone का आकार

Mecca Black Stone काले अंडाकार आकार का 30 सेमी व्यास का है और काबा के दक्षिण-पूर्व कोने में स्थित है। पत्थर जमीन से 1.5 मीटर ऊपर स्थित है और सुरक्षा के लिए शुद्ध चांदी से बने फ्रेम के अंदर रखा गया है। यह परिधि का प्रारंभिक और परिष्करण बिंदु है।

Mecca Black Stone का इतिहास

ऐसा कहा जाता है कि इस पवित्र पत्थर को स्वर्ग से पृथ्वी पर लाया गया था और ज्यादातर लोग यही जानते हैं कि हज्र-ए-असवद का रंग काला है लेकिन इस हदीस के माध्यम से पता चलता है कि मूल रूप से इसका रंग सफेद है लेकिन मानव जाति के पापों ने इसे काला कर दिया। काले पत्थर के बारे में भी यह कहा जाता है कि इसको वेदी बनाने के लिए धरती पर उसके स्थान के बारे में मार्गदर्शन करने के लिए हज़रत आदम को भेजा गया।

अल्लाह के दूत के समय Mecca Black Stone रखने के मुद्दे पर विभिन्न जनजातियों के बीच विवाद था। जैसा कि प्रत्येक जनजाति इस नेक काम को करना चाहती थी और उनमें से प्रत्येक इस धन्य कार्य को करने के लिए सबसे पहले आगे आना चाहती थी और वे इस मुद्दे पर लड़ रहे थे। अंत में, यह निर्णय लिया गया कि जो कोई भी मस्जिद अल-हरम में प्रवेश करेगा, वह इस पवित्र पत्थर को रखेगा। मस्जिद में प्रवेश करने वाला पहला व्यक्ति पैगंबर था और उसने अपने धन्य हाथों से Mecca Black Stone को तैनात किया।

पवित्र पैगंबर ने इस प्रतिष्ठित कार्य में सभी को आवंटित करने का एक बहुत ही बुद्धिमानी भरा निर्णय लिया। इसलिए, वे सभी धन्य कार्य कर सकते हैं और इस मामले पर लड़ाई नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि पवित्र पत्थर को एक चादर पर रखा जायेगा और प्रत्येक जनजाति का एक सदस्य इस चादर के कोने को पकड़ेगा। इस प्रकार Mecca Black Stone को इसके स्थान में रखा गया और पैगम्बर ने इसको चूमा। तब से अल्लाह से क्षमा याचना के लिए इसको छुआ या चूमा जाने लगा। अगर कोई नज़दीक से इसको छु या चूम नहीं सकता तो वह दूर से ही ऐसा कर सकता है।

मक्का के काले पत्थर का रहस्य (Mecca Black Stone Mystery)

Mecca Black Stone के बारे में हमने ऊपर उल्लेख किया है कि हदीसों के अनुसार यह कैसे धरती पर आया? इस पत्थर की उत्पत्ति को लेकर बहुत सी इस्लामिक हदीसें हैं। एक हदीस कहती है कि पैगंबर इब्राहीम जब काबा बना रहे थे तो दीवार में एक जगह खाली रह गयी थी। उसको भरने के लिए उन्होंने अपने बेटे इस्माईल को बोला कि कोई पत्थर ढूंढ के लाओ। इस्माईल जब ढूंढने गए, तो कोई पत्थर न मिला। मगर जब वो वापस आए तो देखा कि ये काला पत्थर दीवार के उस ख़ाली कोने में लगा है।

इस्माईल ने जब अपने पिता से पूछा कि ये पत्थर कहां से आया, तो इब्राहीम ने कहा कि जन्नत से जिब्राईल नाम के फ़रिश्ते ने इसे लाकर दिया है। बस उसी दिन से ये काबा में लगा है और पूज्य हो गया। पवित्र पत्थर के कई चमत्कार हैं कि वह कभी पानी में नहीं डूबता है और न ही आग में गर्म होता है। इस पत्थर के बारे में ही कहा जाता है कि यह शिवलिंग था। जो इस्लाम के वहां आने से पुराना है। हालांकि, मुस्लिम मानते हैं कि इस पत्थर को आदम और ईव के साथ जन्नत से भेजा गया था। इस पत्थर के आसपास अब चांदी की फ्रेमिंग कर दी गई है।

मक्का में ही एक कुआ भी है जिसका पानी कभी नहीं सूखता। जायरीनों के लिए चौबीसों घंटे इस कुएं से पानी निकाला जाता है। इस पानी को पवित्र मान कर इसे विभिन्नय उपयोगों में लिया जाता है।

Mecca Black Stone का धार्मिक महत्त्व

हज्र-ए-असवद का बड़ा धार्मिक महत्व है क्योंकि यह पत्थर स्वर्ग से उतारा गया था और पैगंबर ने अपने हदीस में इसका उल्लेख किया है। हज और उम्रह के दौरान मुसलमान इस काले पत्थर को एक बार अवश्य छूते और चूमते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस काले पत्थर को चूमने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इस कारण से, तीर्थयात्रियों को अधीर नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें भीड़ में अपनी बारी का इंतजार करना चाहिए। ब्लैक स्टोन का महत्व पैगंबर की हदीस में वर्णित है, जिसके अनुसार हज्र-ए-असवद इस धरती पर अल्लाह का दाहिना हाथ है।

मक्‍का में काबा के काले पत्‍थर की अद्भुत तस्‍वीर (Mecca Black Stone Pictures)

सऊदी अरब सरकार के द्वारा दुनियाभर के मुस्लिमों के पवित्र धर्मस्‍थल मक्‍का के प्राचीन काले पत्‍थरों की अद्भुत तस्‍वीरें दुनिया के सामने पेश की गयी है। अल-हजर अल-असवाद या काले पत्‍थर की ये तस्‍वीरें 49 हजार मेगाप‍िक्‍सल की हैं। सऊदी अरब की शाही मस्जिद और पैगंबर मस्जिद की ओर से जारी इन तस्‍वीरों को खींचने और बनाने में 50 घंटे लगे। इस दौरान कुल 1050 फोटो क्लिक किये गए। पत्‍थर की फोटो खींचने में ही 7 घंटे लग गए।