Quick Links
गया –
गया पटना से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह हिन्दुओ के लिए पवित्र तीर्थ स्थान है। गया में विष्णुपद मंदिर प्रमुख है। दंतकथाओं के अनुसार भगवान विष्णु के पांव के निशान पर इस मंदिर का निर्माण कराया गया है। यहाँ का पितृपक्ष मेला तो देश और दुनिया में काफी मशहूर है। गया का प्रेतशिला पर्वत दर्शनीय है जो फाल्गु नदी के पास स्थित है। गया में बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध को बोधज्ञान प्राप्त हुआ था जो स्थान (बोधगया) गया से 17 किमी. की दूरी पर स्थित है।
पटना –
बिहार की राजधानी पटना गंगा व सोन नदी के तट पर स्थित है। इसका प्राचीन नाम पटलिपुत्र है। पटना में पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र संजय गाँधी जेविक उद्यान, बिहार संग्रहालय, गोलघर, बुद्ध स्मृति पार्क, हनुमान मंदिर, बड़ी पटन देवी, छोटी पटन देवी मंदिर, अगम कुआँ, कुम्हरार, क़िला हाउस, शहीद स्मारक, एको पार्क, तारामंडल आदि प्रमुख है। पटना सिख भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ है क्योंकि इसे अंतिम सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह का जन्मस्थान माना जाता है।
राजगीर –
राजगीर सात पहाड़ियों छठगिरि, रत्नागिरी, शैलगिरि, सोनगिरि, उदयगिरि, वैभरगिरि एवं विपुलगिरि से मिलकर बना है। यह पटना से 102 किमी और नालन्दा से 15 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहा हर पहाड़ी पर कोई न कोई धर्म जैसे जैन, बौद्ध या हिन्दू मंदिर है। राजगीर के प्रसिद्द पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र सोन भंडार, मगध राजा जरासंध का अखाड़ा, गर्म जल के कुण्ड (ब्रह्म कुण्ड और मखदूम कुण्ड), विश्व शांति स्तूप हैं।
नालंदा –
विश्व प्रसिद्ध नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना 450 ईसवीं में गुप्त शासक कुमारगुप्त ने की थी। नालंदा दुनिया भर में प्राचीन काल में सबसे बड़ा अध्ययन का केंद्र था दुनिया भर के छात्र यहाँ पढ़ाई करने आते थे। 12वीं शताब्दी में बख़्तियार ख़िलजी ने आक्रमण करके इस विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया।
वैशाली –
वैशाली भगवान महावीर की जन्म स्थली है। वैशाली में अशोक स्तम्भ, बौद्ध स्तूप, विश्व शांति स्तूप आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।
सीतामढ़ी –
सीतामढ़ी को सीता के जन्मस्थान के रूप में प्रसिद्द है। सीतामढ़ी के प्रमुख पर्यटन स्थल जानकी स्थान मंदिर, उर्बीजा कुंड, हलेश्वर स्थान, पंथ पाकड़, बगही मठ आदि है।
जल मंदिर, पावापुरी –
बिहार राज्य के पावापुरी गाँव में स्थित जैन धर्म का पवित्र मंदिर है जिसे जलमंदिर के नाम से जाना जाता है। यह जैन धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक है।