यूं तो दुनिया में अनेकों प्रकार के शोध कार्यों में अनेक वैज्ञानिकों का योगदान रहा है, परन्तु कुछ शोध अपनी महत्वता के कारण एक विशेष स्थान प्राप्त है साथ ही समाज में विशेष स्थान दिया जाता है शोधकर्ता को। ऐसे ही एक मनोचिकित्सक को समाज में एक विशेष स्थान प्राप्त है जिनका नाम है Dr Herbert Kleber (डॉ. हर्बर्ट क्लेबर).
मनोचिकित्सा को एक सुनहरा भविष्य साथ ही साथ नशे में लिप्त रोगियों के जीवन को सुधारने की नीतियों का गठन करने में डॉ.क्लेबर का मह्त्वपूर्ण योगदान है। डॉ हर्बर्ट क्लेबर मादक द्रव्यों के सेवन से सम्बंधित शोधकर्ता एवं एक अमेरिकी मनोचिकित्सक थे। डॉ हर्बर्ट क्लेबर का जन्म 19 जून 1934 को पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में हुआ था।
क्लेबर ने येल विश्विद्यालय से साइकोलॉजी प्रोफेसर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की जहां कुछ समय पश्चात उन्होंने ड्रग डिपेंडेंट यूनिट की स्थापना की जिसके वे संस्थापक एवं प्रमुख थे। क्लेबर ने अपनी रिसर्च के दौरान पारम्परिक तरीकों जैसे दंड, सज़ा आदि के स्थान पर वैज्ञानकि तरीकों को तवज्जो दी जिसमें एविडेंस-बेस ट्रीटमेंट पर ध्यान केंद्रित किया गया।
अपने करियर के दौरान उन्होंने इस बात पर पूरा ध्यान दिया की रोगियों को किसी भी प्रकार की असहजता ना हो और वे अपने आप को पूर्णतया स्वस्थ होने का पूरा समय दें।
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डॉ हर्बर्ट क्लेबर का प्रारम्भिक जीवन (Eary Life of Dr Herbert Kleber)
डॉ हर्बर्ट क्लेबर का जन्म 19 जून 1934 को पिट्सबर्ग में हुआ था। क्लेबर के माता-पिता ईस्टर्न-यूरोपियन, ज्यूइश स्थानांतरित नागरिक थे। इनके पिता, मैक्स क्लेबर एक शैक्षिक फार्मासिस्ट थे, जिन्होंने अपना करियर अपने पारम्परिक व्यवसाय “सामान उत्पादन” को बनाया तथा इनकी माता दोएथे क्लेबर इसराइल के लिए फंड्स एकत्रित करने का काम करती थी।
क्लेबर ने डार्टमाउथ कॉलेज से अपनी शिक्षा संपन्न की साथ ही साथ जेफ़र्सन मेडिकल कॉलेज, फ़िलेडैल्फ़िया से मेडिकल में योग्यता हासिल की। इसके पश्चात क्लेबर ने Yale-New Haven हॉस्पिटल को अपनी सेवा प्रदान की। 1964 में क्लेबर को यूनाइटेड स्टेट्स पब्लिक हेल्थ सर्विस को अपनी सेवा प्रदान प्रदान करने का अवसर प्राप्त हुआ, पंरतु वे निराश हुए जब उन्हें दो वर्ष के लिए हेल्थ सर्विस हॉस्पिटल लेक्सिंग्टन, केंटकी जाकर अपनी सेवाएं देने का अवसर प्राप्त हुआ।
लेक्सिंग्टन में रोगियों की एक बड़ी आबादी नशे की लत से ग्रसित थी जिस कारण क्लेबर का पूरा समय उनके शोध में ही निकल जाता था। क्लेबर नियमित अभ्याद करना चाहते थे और यही कारण था की शोध में व्यतीत होने वालासमय उन्हें अच्छा नहीं लगता था, हालांकि जब क्लेबर विश्विद्यालय वापिस आये तो उन्होंने अपने आप को केंटकी के रोगियों के बारे में सोचता हुआ पाया।
डॉ हर्बर्ट क्लेबर का निजी जीवन (Personal Life of Dr Herbert Kleber)
डॉ हर्बर्ट क्लेबर ने 1956 में जोआन फॉक्स से विवाह किया, जोआन क्लेबर की सहपाठी रह चुकी थी। जोआन और क्लेबर के 3 बच्चे थे, तीनों बच्चों की पढाई पूरी होने के साथ साथ जोआन और क्लेबर भी अलग हो गए। इसके बाद क्लेबर ने एक शोधकर्ता मारिआन फिस्च्मैं से विवाह किया जो नशे की लत में पड़े रोगियों की ही शोधकर्ता थी। क्लेबर का यह वैवाहिक जीवन भी 2001 में मारिआन की मृत्यु के साथ समाप्त हो गया।
इस दुखद घटना के कुछ समय पश्चात डॉ. क्लेबर ने ऐनी बुर्लोक नामक एक फोटोग्राफर से 2004 में विवाह किया, और इस वैवाहिक जीवन का अंत डॉ. क्लेबर की मृत्यु के साथ हुआ। 5 अक्टूबर 2018 को ग्रीस में परिवारिक समारोह के समय ह्रदय गति में अवरोध आने के कारण डॉ. क्लेबर की मृत्यु हुयी।
डॉ हर्बर्ट क्लेबर का करियर (Dr Herbert Kleber Career)
डॉ हर्बर्ट क्लेबर ने अपने करियर की शुरुआत येल विश्वविद्यालय से एक साइकोलॉजी प्रोफेसर के तौर में की थी। विश्विद्यालय में 1968 में क्लेबर ने एक ड्रग डिपेंडेंस यूनिट के नाम से संगठन बनाया जिसके वे स्वयं संस्थापक थे और 1989 तक दल के प्रमुख भी रहे। इसके पश्चात क्लेबर ने तीस महीनों तक वाइट हाउस के “ऑफिस ऑफ़ नेशनल ड्रग कण्ट्रोल पॉलिसी” में बतौर डिप्टी डायरेक्टर अपना सहयोग प्रदान किया।
क्लेबर ने पारम्परिक तरीकों को त्याग नए वैज्ञानिक तरीकों को अपने शोध का आधार बनाया। किसी भी प्रकार की सजा या दंड देने के स्थान पर क्लेबर ने रोगियों की मानसिक स्थितिको समझे का प्रयास किया और पाया की रोगियों की मानसिक स्थिति खराब होने की स्थिति में ही उनका झुकाव नशे की ओर होता है।
1992 में डॉ हर्बर्ट क्लेबर ने अपनी जीवन-साथी मारिआन फिस्च्मैं के साथ मिलकर कोलंबिया विश्विद्यालय के साइकोलॉजी विभाग में एक संस्था की स्थापना की जिसका मुख्या उद्देश्य नशे में लिप्त रोगियों की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उनका उपचार करना था। क्लेबर इस संथा के संस्थापक होने के साथ साथ डायरेक्टर भी थे, संस्था में अपना योगदान देते हुए क्लेबर ने अनेक प्रकार से नशे में लिप्त रोगियों पर अध्ययन किया जिसमें निम्न प्रकार के ड्रग्स का विशेष समारूप पाया गया, कोकेन, हीरोइन,मारिजुआना, मदिरा-पान आदि।
क्लेबर जानते थे की एक ही प्रकार से सभी रोगियों की मानसिक स्थिति को सुधार पाना असंभव है यही कारण था की रोगियों को ठीक करने के साथ साथ क्लेबर ने शोध पर भी अपना पूरा ध्यान केंद्रित रखा। कोलंबिया में ही क्लेबर ने एक और संस्था का उद्घाटन किया जिसका नाम ” नेशनल सेण्टर ऑफ़ एडिक्शन एंड सब्सटांस एब्यूज” था जिसमें उनके सह-संथापक जोसफ कलिफानो थे। क्लेबर एक साइकोलोजिस्ट और शोधकर्ता होने के साथ साथ दवाई बनाने वाली औद्योगिक संस्थानों के सलाहकार भी थे और इस बार का खुलासा 2014 में हुआ।
डॉ हर्बर्ट क्लेबर ने अपने शोध के आधार पर अनेक पत्रिकाओं का उत्पादन किया जिनमें वे बतौर लेखक अपना सारा अभ्याद, अनुभव और विशेष प्रकार के शोधों का वर्णन करते थे, लेखक होने के साथ साथ क्लेबर ने अनेक पत्रिकाओं में बतौर सह-लेखक भी सम्पादन किया।
इस प्रकार एक लेखक और सह-लेखक के तौर पर क्लेबर ने तीन सौ से ज़्यादा पत्रिकाओं का सम्पादन किया साथ ही साथ उन्होंने बतौर सह-सम्पादक “अमेरिकन साइकियाट्रिक प्रेस टेक्स्टबुक ऑफ़ सब्सटांस एब्यूज ट्रीटमेंट” में भी काम किया, जिसमें 4 पुटकों का सम्पादन किया गया। क्लेबर को बूत से पुरस्कारों से नवाज़ा गया साथ ही साथ उन्हें दो विशेष उपाधियाँ भी प्रदान की गयी।
1996 में डॉ हर्बर्ट क्लेबर का चयन Institute of Medicine of the National Academy of Sciences में हुआ। क्लेबर बेस से ज़्यादा संथाओं पे डायरेक्टर की भूमिका निर्वाह कर रहे थे जिसमें Partnership for a Drug-Free America, the Treatment Research Institute at the University of Pennsylvania और The Betty Ford Center प्रमुख हैं।
1 अक्टूबर 2019 को Google ने डॉ हर्बर्ट क्लेबर को एक विशेष श्रद्धांजलि दी, जिसे 23वीं जयंती के रूप में मनाया गया, 23 वर्ष पूर्व इसी दिन डी. क्लेबर का चयन National Academy of Medicine में हुआ था।
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