हरियाणा का भूगोल | Geography of Haryana

Geography of Haryana – हरियाणा राज्य का छेत्रफल 44212 वर्ग किलोमीटर है जो की भारत के छेत्रफल का 1.34 प्रतिशत है | और छेत्रफल की दृष्टी से हरियाणा का भारत में 21 वां स्थान है | हरियाणा के पूर्व में यमुना नदी , पश्चिम में घग्घर नदी ,उत्तर में शिवालिक की पहाड़ियाँ तथा दक्षिन में अरावली पर्वत श्रंखलाएं हैं | हरियाणा राज्य के पंचकुला, अम्बाला और यमुनानगर जिलो में शिवालिक की पर्वत श्रंखलाएं हैं जिनको गिरिपाद मैदान भी कहते हैं | भूगोलवेता डॉ जसबीर सिंह की पुस्तक ” An Agricultural Geography of Haryana “के अनुसार हरियाणा राज्य को 8 भू-आकर्तिक प्रदेशो में विभाजित किया जा सकता है ,जो इस प्रकार हैं –

1. शिवालिक
2. गिरिपाद मैदान
3. जलोढ़ मैदान
4. बाढ़ का मैदान
5. बालुका टिब्बे युक्त मैदान
6. तरंगित बालू का मैदान
7. अनकाई दलदल
8. अरावली का पथरीला प्रदेश

हरियाणा के अधिकांश क्षेत्र में शुष्क और अर्द्ध शुष्क परिस्थितियां हैं। केवल पुर्वोतर में थोड़ी आर्द्रता पाईन जाती है। यद्यपि राज्य में नहर सिंचाई प्रणाली और बड़े पैमाने पर नलकूप हैं। इसके बावजूद यहाँ कुछ अत्यधिक सूखाग्रस्त क्षेत्र हैं, ख़ासकर दक्षिणी और दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों में, तथापि यमुना व घग्घर नदी की सहायक नदीयों में कभी-कभी बाढ़ भी जाती है। गर्मियों में ख़ुब गर्मी पड़ती है और सर्दियों में ख़ूब सर्दी। गर्मियों में (मई-जून) अधिकतम तापमान 46 डिग्री से। तक पहुंच जाता है। जनवरी में कभी-कभी न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु तक पहुंच जाता है। राज्य के हिसार शहर में सबसे ज़्यादा गर्मी पड़ती है।

यह भी देखें ???????? हरियाणा राज्य के प्रतीक चिन्ह

पूर्वोतर में पहाड़ के तलहटी वाले क्षेत्र को छोड़कर पूरे राज्य में मिट्टी गहरी व उर्वर है और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान के मरुस्थल से सटे सीमावर्ती क्षेत्र में ज़मीन रेतीलि है। राज्य के कुल क्षेत्र के 4/5 भाग में खेती होती है और इसमें से लगभग तीन-चौथाई क्षेत्र सिंचित है। यद्यपि राज्य के उत्तरी, पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी भागों में सिंचाई नलकूपों के ज़रिये होती है, वहीं दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में अधिकांश सिंचाई नहर के ज़रिये होती है। राज्य में वन क्षेत्र नगण्य हैं। राजमार्गों के किनारे और ऊसर ज़मीनों पर यूकलिप्टस के पेड़ उगाए गए हैं। राज्य के उत्तरी भागों में सड़क किनारे आमतौर पर शीशम (डालबर्गिया सिस्सू) के पेड़ पाए जाते हैं, जबकी दक्षिण और दक्षिण-पश्चिमी हरियाणा में कीकर (अकेशिया अरेबिका) के पेड़ व झाड़ियां आमतौर पर मिलती हैं।

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