दुनिया के सात अजूबे (2023) | Seven Wonders of the World in Hindi

Duniya ke saat ajoobe – दुनिया बहुत ही खूबसूरत हैं। हमारी इस गोल दुनिया में कई ऐसी जगह हैं जो काफी पुरानी हैं और इसके साथ ही वे वर्तमान में दुनिया के अजूबों की सूची में शामिल हो चुकी हैं। ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में आपको इस लेख के माध्यम से बताने जा रहे हैं जिसे दुनिया में 7 अजूबों के नाम से जाना जाता हैं।

दुनिया के सात अजूबे (Seven Wonders of the World in Hindi)

duniya ke saat ajoobe

दुनिया में ऐसे कई स्थान हैं जहा पर हम घूमने जाते हैं और प्रकृति का आनंद लेते हैं। इन 7 अजूबों के हमारे देश का ताजमहल भी शामिल हैं। ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा में आया हुआ हैं। न्यू 7 वंडर फाउंडेशन के अनुसार लगभग 100 मिलियन लोगों ने इंटरनेट एवं फोन के द्वारा 7 अजूबे चुनने के लिए अपना वोट दिया।

इन्टरनेट के द्वारा एक इन्सान एक ही बार 7 अजूबे चुन कर वोट कर सकता था, लेकिन फ़ोन के द्वारा एक इन्सान कई वोट दे सकता था। वोटिंग 2007 तक चली थी, जिसका रिजल्ट 7 जुलाई 2007 को लिस्बन में सबसे सामने आया।

दुनिया के सात अजूबों की सूची (List of Seven Wonders of the World in Hindi)

दुनिया के सात अजूबों की सूची इस प्रकार है:

  • ताजमहल
  • चीचेन इट्ज़ा
  • क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा
  • कोलोसियम
  • चीन की विशाल दीवार
  • माचू पिच्चू
  • पेत्रा

ताजमहल

जब भी हम दुनिया के 7 अजूबों की बात करते हैं तो हमारे जहन में ताजमहल का नाम जरुर आता हैं। ताजमहल भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा जिले में स्थित एक एतिहासिक स्थल और दर्शनीय स्थल हैं। ताजमहल का इतिहास आज के काफी साल पुराना हैं। इस ताजमहल का निर्माण मुग़ल बादशाह शाहजाह ने अपनी पत्नी मुमताज़ के लिए बनवाया था। 

1632 में इस एतिहासिक स्थल का निर्माण किया गया था जिसे बनाने में तक़रीबन 15 साल लग गये थे। ऐसा माना जाता हैं की इस ईमारत में जो भी सफ़ेद पत्थर का इस्तेमाल किया गया हैं उनको बादशाह ने दुनिया के अलग – अलग कोनो से मंगवाया था और इस ईमारत में लगवाया था। वर्तमान में इसे देखने के लिए देश और दुनिया से कई पर्यटक आते हैं। 

चीचेन इट्ज़ा

750 से 1200 इसवी में बनी यह ईमारत भी दुनिया के 7 अजूबों की सूची में शामिल हैं। ऐसा माना जाता हैं की प्राचीन समय में यह एक मायावी शहर था और इस शहर में बना यह स्थान कई तरह की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट नमूना था। यह एक प्रकार का पिरामिड हैं जो सांप की सीधी की आकार में बना हुआ हैं। चिचेन इत्ज़ा मैक्सिको में बसा बहुत पुराना मयान मंदिर है।

चिचेन इत्ज़ा का माया मंदिर 5 किलोमीटर में फैला हुआ है| यह 79 फीट ऊँचा है| जो पत्थरों से पिरामिड की आकृति का बना है। इस मंदिर में उपर जाने के लिए चारों दिशाओं से सीढियां बनी है, और कुल 365 सीढियां है। हर दिशा से 91 सीढियां है| कहते है, हर एक सीढ़ी एक दिन का प्रतीक है।

इस ईमारत के चारों और एक घुमावदार सीढ़ी बनी हुई हैं जो उस ईमारत के ऊपर बने मंदिर की और जाती हैं। यह सीधी पंखदार सांप की आकृति में बनी हैं जो की इस ईमारत की सुन्दरता पर चार चाँद लगाती हैं। चिचेन इट्जा एक महान मेसोअमेरिकन शहरों में से एक था और आज मेक्सिको में सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।

क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा

यह एक ऐसी मूर्ति हैं जो खड़ी हुई प्रतीत हो रही हैं और यह ब्राजील में बनी हैं। यह प्रतिमा लगभग 39.6 मीटर ऊँची है, वही यह 30 मीटर चौड़ी है। यह मूर्ती कंक्रीट और पत्थर से बनी है, जिसे ब्राजील से सिल्वा कोस्टा ने डिजाईन किया था, एवं फ्रेंच के महान मूर्तिकार लेनदोव्सकी से इसे बना के तैयार किया था और इस मूर्ति का वजन लगभग 635 टन है। ब्राजील देश के रियो डी जेनेरो में यह मूर्ति स्थापित हैं और यह ईसा मसीह की मूर्ति हैं। इस को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टेच्यु माना जाता हैं। इस मूर्ति का निर्माण साल 1922 से 1931 के मध्य माना जाता हैं। 

कोलोसियम

कोलोसियम वर्तमान में रोम देश में स्तिथ रोमन साम्राज्य का एक बड़ा एलिप्टिकल एंफीथियेटर हैं जिसको रोमन के प्राचीन साम्राज्य का एक अभियांत्रिकी माना जाता था। वर्तमान में भी यह रोम देश में ही स्तिथि हैं और यह एतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं। 

इस ईमारत का निर्माण 70-72 ईस्वी में शुरू हुआ था जिसे 80 ईस्वी में पूरा किया गया था। जब इस प्रतिमा का निर्माण पूरा हुआ था तब इस साम्राज्य का राजा टाईटस था। इस प्रतिमा को पूरा बनाने के बाद इसमें पहली बार 81 ईस्वी में कुछ परिवर्तन भी किये गये। यह प्रतिमा अंडाकार आकार में बनी हैं जिसमे तक़रीबन 5 हजार लोग एक साथ समां सकते हैं। 

साल 2007 में इसे दुनिया के 7 अजूबों की सूची में शामिल किया गया था। वर्तमान में यह भी दुनिया के अजूबों में से एक हैं। इसको बनाने में भी काफी धनराशी खर्च हुई थी जो वर्तमान में 39M Uro के बराबर है। 

चीन की विशाल दीवार

एशिया में अगर हम दुनिया के अजूबों की बात करे तो इसमें चीन की दिवार भी एक मुख्य हैं। यह दिवार चीन में बनाई गई हैं। यह दीवार एक किलेनुमा दीवार हैं जो ईट, लकड़ी, धातु और पत्थर की मदद से बनी हैं। द ग्रेट वाल ऑफ़ चाइना के नाम से जानी जाने वाली इस दीवार की लम्बाई 2008 में एक सर्वेक्षण के अनुसार 8850 किमोमीटर बताई गई थी। इसके बाद साल 2012 में चीन में किये गये एक राजकीय सर्वेक्षण के अनुसार इस दीवार की लम्बाई 21,196 किलोमीटर बताई गई थी। 

चीन की इस दीवार को बनाने का कार्य पांचवी शताब्दी में शुरू हुआ था जो की सोलहवी शताब्दी में जाके ख़त्म हुआ था। इस दीवार की चोड़ाई इतनी है कि इस पर एक साथ 5 घोड़े और 10 सैनिक पैदल चल सकते हैं। वर्तमान में यह चीन की दीवार दुनिया के 7 अजूबों के शामिल हैं। 

माचू पिच्चू

एक समय था जब दुनिया में कई तरह की संभ्यता थी जो की अपनी संस्कृति और कलाकारी के लिए ही प्रशिद्ध थी। ऐसी ही एक संभ्यता हैं जो की माचू पिच्चू के नाम से जानी जाती हैं और उसे दुनिया के सात अजूबों की श्रेणी में रखा गया है। दरअसल यह खुद एक संभ्यता नही हैं बल्कि यह इंका संभ्यता की एक निशानी हैं जो आज ही उसी ख़ूबसूरती के साथ बसी हुई हैं। 

यह पेरू में स्तिथ हैं जिसे इंका का खोया हुआ शहर भी कहा जाता हैं। इस स्थान को एतिहासिक देवालय भी कहा जाता हैं इसीलिए इस स्थान को काफी पवित्र माना जाता हैं। साल 1983 में इस स्थान को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया था। 

पेत्रा

आपने कई ऐसी गुफा देखी होगी जो अपनी कलाकारी के लिए प्रशिद्ध हैं। ऐसी ही एक जगह को हम दुनिया के 7 अजूबों की श्रेणी में रखा हैं। इस को पेत्रा ने नाम से जाना जाता हैं जो आधा नागर और आधार चट्टानों से तराशे जाने के लिए प्रशिद्ध हैं। इस जगह को रोज सिटी के नाम से भी जानते हैं। 

यह जॉर्डन में आया हुआ हैं और इतना ही नही यह यहाँ का एक सबसे लोकप्रिय स्थल भी हैं। इस स्थल को 312 ईसा पूर्व स्थापित किया गया था। जिसके बाद यह रोमन शासन के अधीन आ गया था। 7वीं शताब्दी के बाद रोमन साम्राज्य इस जगह को छोड़ गये थे जिसके बाद 11वीं शताब्दी तक इसके कई महल नष्ट हो गये थे। वैसे पेत्रा की वास्तविक खोज 1929 में की गई थी जिसके बाद जुलाई 2007 में विश्व के 7 अजूबों की सूची में शामिल किया गया था।

दुनिया के सात अजूबों से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)

दुनिया का पहला अजूबा कौन सा है?

दुनिया का पहला अजूबा ताजमहल है जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा जिले में स्तिथ हैं

दुनिया का आठवां अजूबा कौन सा है?

दुनिया में आठवां अजूबा सरदार पटेल की प्रतिमा स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को शामिल किया जा सकता है।

सबसे पुराना अजूबा कौन सा है?

सबसे पुराने अजूबों में दुनिया के सात अजूबे शामिल हैं जो इस प्रकार हैं: पेट्रा, चिचेन इटजा, चीन की दीवार, कोलेजियम, ब्राजील का क्राइस ऑफ रिडीमर, माचू पिच्चू, और ताजमहल

दुनिया में कितने अजूबे हैं?

दुनिया में सात अजूबे हैं जो हैं: पेट्रा, चिचेन इटजा, चीन की दीवार, कोलेजियम, ब्राजील का क्राइस ऑफ रिडीमर, माचू पिच्चू, ताजमहल

अंतिम शब्द 

यह हैं Duniya ke saat ajoobe की जानकारी आसान शब्दों में। उम्मीद हैं आपको यह लेख पसंद आया होगा। अगर आपके मन में कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमसे ईमेल के माध्यम से पूछ सकते है

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