दिवाली के त्यौहार का भारत देश के लोगों के जीवन में विशेष महत्त्व है। दिवाली भारत के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दिवाली बुराई पर अच्छाई के जीत का, अन्धकार पर प्रकाश के और अज्ञानता पर ज्ञान के विजय का प्रतीक है।
इस दिन लोग अपने घरों को दीपों से जगमग कर देते हैं और धन की देवी माता लक्ष्मी और गौरी पुत्र भगवान गणेश की पूजा की जाती है। यह त्योहार सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के कई देशों में मनाया जाता है। हालांकि उनका मनाने का तरीका कुछ अलग होता है।
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दिवाली 2023 में कब है? (Diwali 2023 Date, Time in Hindi)
दिवाली (Diwali) का त्यौहार बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ पूरे देश में मनाया जाता है। यह उत्सव लगातार 5 दिनों तक मनाया जाता है। दीपावली अक्टूबर या नवम्बर के महीने में मनाई जाती है। इस साल 2023 में दिवाली रविवार, 12 नवंबर को है।
दिवाली तिथि: | रविवार, 12 नवंबर |
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त: | 17:40 से 19:36 तक (1 घंटे 55 मिनट) |
प्रदोष काल: | 17:29 से 20:07 तक |
वृषभ काल: | 17:40 से 19:36 तक |
दिवाली 2023 महत्वपूर्ण तिथियाँ (Diwali 2023 Important Dates)
तिथि | त्यौहार | मुहूर्त |
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10 नवंबर 2023 (पहला दिन) | धनतेरस | Dhanteras Puja Muhurat = 05:48 PM to 07:44 PM |
11 नवंबर 2023 (दूसरा दिन) | छोटी दिवाली | Kali Chaudas Muhurat = 11:39 PM to 12:32 AM Hanuman Puja = 11:39 PM to 12:32 AM |
12 नवंबर 2023 (तीसरा दिन) | दिवाली (महालक्ष्मी पूजा) | Lakshmi Puja Muhurat = 05:40 PM to 07:36 PM |
13 नवंबर 2023 (चौथा दिन) | गोवर्धन पूजा | Govardhan Puja Pratahkala Muhurat = 06:42 AM to 08:51 AM |
14 नवंबर 2023 (पांचवा दिन) | भाई दूज | Bhai Dooj Aparahna Muhurat = 01:09 PM to 01:49 PM |
दिवाली या दीपावली क्यों मनाई जाती है?
दिवाली का पर्व क्यों मनाया जाता है, इससे जुड़ी कईं कथाएं व किवदंतियां हमारे धर्म ग्रंथों में मिलती हैं। इस लेख में हम आपको दीपावली से जुड़ी ऐसी ही कथाएं व मान्यताएं बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं-
- एक मत के अनुसार, भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक इसी दिन हुआ था। इस अवसर पर दीप जलाए गए थे, घर-बाजार सजाए गए थे। मिठाइयां बांटी गई थीं, तबसे दीपावली मनाई जा रही है।
- एक अन्य कथा के अनुसार, रावण को मारने के बाद भगवान श्रीराम इसी दिन अयोध्या आए थे। उनके आगमन की खुशी में नगरवासियों ने घी के दिए जलाए। उसी दिन से हर वर्ष कार्तिक अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है।
- इस दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था और उनका विवाह भी भगवान विष्णु से इसी दिन हुआ था. ऐसा माना जाता है कि हर साल इन दोनों की शादी का जश्न हर कोई अपने घरों को रोशन करके मनाता है.
- भगवान विष्णु के पांचवें अवतार ने कार्तिक अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी को राजा बाली की कैद से छुड़वाया था और इसके चलते ही इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है
- भगवान वामन ने राजा बलि से दान में तीन कदम भूमि मांग ली और विराट रूप लेकर तीनों लोक ले लिए। इसके बाद सुतल का राज्य बलि को प्रदान किया। सुतल का राज्य जब बलि को मिला तब वहां उत्सव मनाया गया, तबसे दीपावली की शुरुआत हुई।
- समुद्र मंथन के समय क्षीरसागर से महालक्ष्मीजी उत्पन्न हुई। उस समय भगवान नारायण और लक्ष्मीजी का विवाह प्रसंग हुआ, तबसे दीपावली मनाई जा रही है।
- पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था। इसी दिन से दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है।
- द्वापरयुग में राक्षस नरकासुर ने 16 हजार औरतों का अपहरण कर लिया था। तब भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया और उन महिलाओं को मुक्त किया। कृष्ण भक्तिधारा के लोग इसी दिन को दीपावली के रूप में मनाते हैं।
- एक अन्य मान्यता है कि आदिमानव ने जब अंधेरे पर प्रकाश से विजय पाई, तबसे यह उत्सव मनाया जा रहा है। इसी दौरान आग जलाने और उनके साधनों की खोज हुई। उस खोज की याद में वर्ष में एक दिन दीपोत्सव मनाया जाता है।
- महाभारत के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन ही पांडवों का वनवास पूरा हुआ था और इनका बारह साल का वनवास पूरा होने की खुशी में लोगों ने अपने घरों में दीये जलाए।
भारत के अलावा निम्न देशों में दिवाली उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है
नेपाल
- भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दीपावली को ‘तिहाड़’ के रूप में मनाया जाता है।
- पांच दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में पहले दिन गाय की पूजा, जबकि दूसरे दिन कुत्तों की पूजा की जाती है। वहीं, तीसरे दिन मिठाईयां बनाई जाती हैं, देवी-देवताओं की पूजा होती है और घरों को सजाया जाता है।
- इसके बाद चौथे दिन लोग यमराज की पूजा करते हैं, जबकि पांचवें दिन भैया दूज मनाया जाता है। \
जापान
- दीपावली के दिन जापान में लोग अपने बगीचों में पेड़ों पर लालटेन और कागज से बने पर्दे लटकाते हैं।
- इसके बाद उसे आसमान में छोड़ देते हैं।
- इस दिन लोग नाच-गाना भी करते हैं।
- इसके अलावा बोटिंग का भी आनंद लेते हैं।
म्यांमार
- भारत की पूर्वी सीमा पर स्थित देश म्यांमार में भी लोग दीपावली बड़े धूमधाम से मनाते हैं, क्योंकि यहां भारतीयों की संख्या ज्यादा है।
- इस दिन लोग यहां देवी-देवताओं की पूजा करते हैं और मिठाईयां और तरह-तरह के पकवान बनाते हैं।
- इसके अलावा इस उत्सव पर लोग लोक गीत और सांस्कृतिक नृत्यों का भी आयोजन करते हैं।
इंडोनेशिया
- इस देश में भी भारतीयों की संख्या ज्यादा होने के कारण यहां लोग दीपावली का त्योहार मनाते हैं।
- सबसे खास बात ये है कि इस मौके पर यहां रामलीला का भी आयोजन किया जाता है, जो दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
मॉरीशस
- यहां 63 फीसदी भारतीय और 80 फीसदी हिंदू रहते हैं। यही वजह है कि यहां भी दीपावली का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
- यहां की सबसे खास बात ये है कि इस देश के पास रामायण का अपना अलग संस्करण है, जिसके अनुसार यहां के लोग दीपावली मनाते हैं।
- मॉरीशस के लोगों का मानना है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नर्कासुरन नामक असुर का वध किया था, इसलिए वो दीपावली का त्योहार मनाते हैं।
सिंगापुर
- इस देश में एक जगह है, जिसे ‘लिटिल इंडिया’ के नाम से जाना जाता है।
- दीपावली के दिन यहां की सड़कें रोशनी से नहायी हुई रहती हैं।
- सिंगापुर में रहने वाले भारतीय इस मौके पर यहां इकट्ठा होते हैं और धूमधाम से दीपावली मनाते हैं।
- आपको जानकर हैरानी होगी कि सिंगापुर में कुल 18 हिंदू मंदिर हैं और दीपावली के दिन ये मंदिर जगमगाते रहते हैं।
- यहां तक कि इस मौके पर यहां मेट्रो और मॉल तक सज जाते हैं।
मलेशिया
- यहां भी लोग दीपावली का त्योहार मनाते हैं, जिसे ‘हरि दिवाली’ के नाम से जाना जाता है।
- हालांकि इस दौरान लोग पटाखे नहीं फोड़ते हैं, क्योंकि मलेशिया में पटाखे प्रतिबंधित हैं।
- दक्षिण भारतीय परंपरा के अनुसार, दीपावली के दिन लोग यहां सुबह उठ कर तेल और पानी से नहाते हैं।
श्रीलंका
- इस मौके पर लोग यहां अपने घरों को चीनी मिट्टी के दीयों से सजाते हैं।
- इसके अलावा लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं और उनसे मिलते-जुलते हैं।
थाईलैंड
- इस देश में दीपावली का त्योहार बिल्कुल अलग तरीके से मनाया जाता है।
- इस मौके पर लोग केले के पत्तों के दीये बनाते हैं और उनमें सिक्के रख कर उस पर मोमबत्ती रख कर जलाते हैं।
- यहां दीपावली को ‘लम क्रियओंघ’ के नाम से जाना जाता है।
दिवाली का महत्व
- दीपावली त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
- यह दिन लोगों को याद दिलाता है कि सच्चाई और भलाई की हमेशा ही जीत होती है।
- धारणाओं के मुताबिक, इस दिन पटाखे फोड़ना शुभ होता है और इनकी आवाज पृथ्वी पर रहने वाले लोगों की खुशी को दर्शाती है, जिससे की देवताओं को उनकी भरपूर स्थिति के बारे में पता चलता है.
- ऐसा माना जाता है कि अगर सच्चे मन से इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाए तो घर में पैसों की कमी नहीं होती है.
- इस अवसर पर लोग उपहारों का आदान प्रदान करते हैं और मिठाई से एक दूसरे का मुंह मीठा करवाते हैं और ऐसा करने से उनके बीच में प्यार बना रहता है.
- यह त्यौहार लोगों को आपस में जोड़कर रखने का भी कार्य करता है।
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