क्रिसमस डे या “बड़ा दिन” ईसाई धर्म के लोगों का प्रसिद्ध त्यौहार है। यह त्यौहार दुनिया भर में फैले ईसा मसीह के लाखों-करोड़ों अनुयायियों के लिए पवित्रता का संदेश लेकर आता है। क्रिसमस डे को सम्पूर्ण विश्व में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। क्रिसमस से 15 दिन पहले मसीह समाज के लोग इसकी तैयारी शुरू कर देते हैं। क्रिसमस से कुछ दिन पहले, चर्च में विभिन्न कार्यक्रम शुरू किए जाते हैं जो नए साल तक जारी रहते हैं। इस दिन लगभग संपूर्ण विश्व में क्रिसमस डे पर अवकाश भी रहता है।
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“क्रिसमस” शब्द का जन्म (Origin of word “Christmas”)
क्रिसमस शब्द का जन्म क्राईस्टेस माइसे अथवा ‘क्राइस्टस् मास’ शब्द से हुआ है। ऐसा माना जाता है कि पहला क्रिसमस रोम में तीन सौ छत्तीस ईस्वी में मनाया गया था।
क्रिसमस डे कब मनाया जाता है? (When Christmas is celebrated)
क्रिसमस डे हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस की पूर्व संध्या यानि 24 दिसंबर की शाम को ही इस पर्व का उत्सव शुरु हो जाता है। हर साल 25 दिसम्बर को भारत समेत पूरी दुनिया में क्रिसमस पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। क्रिसमस का पर्व 12 दिनों तक मनाए जाने की परंपरा है, जो कि 25 दिसंबर से शुरु होकर 5 जनवरी तक मनाया जाता है।
क्रिसमस डे 2021 (Christmas Day 2021) | शनिवार, 25 दिसंबर 2021 |
25 दिसंबर | यीशू का जन्म (क्रिसमस डे) |
26 दिसंबर | बॉक्सिंग दिन या सेंट स्टीफंस डे |
27 दिसंबर | सेंट जॉन का दिन |
28 दिसंबर | पवित्र और निर्दोष लोगों को याद करने का दिन |
29 दिसंबर | सेंट थॉमस बेकेट का दिन |
30 दिसंबर | सेंट ईगविन ऑफ वर्सेस्टर का दिन |
31 दिसंबर | न्यू ईयर इव (सिलवेस्टर) |
1 जनवरी | यीशू की मां मैरी को समर्पित दिन |
2 जनवरी | ‘सेंट बासिल द ग्रेट’ और ‘सेंट ग्रेगरी नाजियाजेन’ का दिन |
3 जनवरी | यीशू का नामकरण |
4 जनवरी | सेंट एलिजाबेथ एन सीटन का दिन |
5 जनवरी | एपिफनी शाम (सेंट जॉन न्यूमैन का दिन) |
क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है? (Why Christmas is celebrated)
मान्यता है कि इस दिन ईश्वर के इकलौते पुत्र ईसा मसीह यानि यीशू यानि जीसस क्राईस्ट ने जोसेफ और मैरी के यहां जगत के कल्याण के लिये संतान के रुप में जन्म लिया। क्रिसमस का त्यौहार ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। एन्नो डोमिनी काल प्रणाली के आधार पर यीशु का जन्म, 7 से 2 ई.पू. के बीच हुआ था। ईसाई होने का दावा करने वाले कुछ लोगों ने बाद में जाकर इस दिन को चुना था क्योंकि इस दिन रोम के गैर ईसाई लोग अजेय सूर्य का जन्मदिन मनाते थे और ईसाई चाहते थे की यीशु का जन्मदिन भी इसी दिन मनाया जाए। हालांकि इस बारे में प्रमाणिक तथ्य नहीं मिलते हैं।
क्रिसमस डे कैसे मनाया जाता है? (How Christmas is celebrated)
क्रिसमस के त्यौहार की तैयारियां कुछ दिन पहले से ही होने लग जाती हैं। क्रिसमस के दिन घरों की सफाई की जाती है। ईसाई धर्म के लोग अपने घर को अलग अलग तरह से सजाते हैं। इस दिन नए-नए कपड़े खरीदे जाते हैं और विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाये जाते हैं। लोग गिफ्ट और केक लेकर एक दूसरे के घर जाते हैं और क्रिसमस की बधाइयां देते हैं। इस दिन बाजारों में चहल पहल को आप आसानी से देख सकते हैं। घरों और बाजारों में रंगीन रोशनियाँ मन को प्रफुल्लित कर देती हैं।
क्रिसमस के दिन गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थनाएं की जाती हैं एवं जगह-जगह प्रभु ईसा मसीह की झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं। चर्च में प्रार्थना खत्म होने के बाद कईं लोग परिवार के साथ पिकनिक मनाने जाते हैं तो कईं लोग मॉल में शॉपिंग के लिए जाते हैं। इस दिन घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। सेंटा क्लाज का रूप धारण कर व्यक्ति बच्चों को टॉफियां-उपहार आदि बांटते हैं। बच्चों को सेंटा क्लाज की ड्रेस में देखा जा सकता है। सेंटा क्लॉज की प्रथा संत निकोलस ने चौथी या पांचवी सदी में शुरू की। उनका उद्देश्य था कि क्रिसमस और नववर्ष के दिन गरीब-अमीर सभी प्रसन्न रहें। इस दिन लोग एक कार्ड के जरिए अपनों को शुभकामनाएं देते हैं।
क्रिसमस डे को “बड़ा दिन” क्यों कहा जाता है? (Why Christmas Day is called “Bada Din”)
क्रिसमस डे ईसाइयों का सबसे बड़ा और खुशी का त्यौहार है, इसलिए इसे ‘बड़ा दिन’ भी कहा जाता है। बहुत सी किताबों में जिक्र है कि 25 दिसंबर को रोम के लोग रोमन उत्सव के रूप में सेलिब्रेट करते थे। इस दिन लोग एक दूसरे को ढेर सारे उपहार देते थे। खुशियां बांटते थे। धीरे-धीरे ये उत्सव काफी बड़ा हो गया और इसकी भव्यता को देखते हुए इस दिन को ‘बड़ा दिन’ कहा जाने लगा। दूसरी कथा के आधार पर सदियों पहले ये दिन भारत में मकर संक्रान्ति के रूप में मनाया जाता था। ये एक बेहद पावन अवसर होता है और हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन खूब दान पुण्य किया जाता है इसलिए इसे ‘बड़ा दिन’ नाम दिया गया।
जीसस जन्म कथा (Jesus Birth Story)
पौराणिक कथा के अनुसार, प्रभु ने मैरी नाम की एक कुँवारी कन्या के पास गैब्रियल नाम की एक देवदूत को भेजा। उस देवदूत ने मैरी को बताया कि वो प्रभु के पुत्र को जन्म देने वाली है और उसे उस बच्चे का नाम जीसस रखना है। देवदूत ने बताया कि जीसस बड़ा होकर राजा बनेगा तथा उसके राज्य की कोई सीमा नही होगी। इसके बाद गैब्रियल जोसफ के पास भी गई और उसे बताया कि उसे मैरी नाम की स्त्री से शादी करनी है, वो प्रभु के पुत्र को जन्म देने वाली है और उसे उस स्त्री की देखभाल करनी है और उसे उसका कभी परित्याग नही करना है।
जिस दिन जीसस का जन्म हुआ उस वक़्त मैरी और जोसफ बेथलेहम की तरफ जा रहे थे और उन्होंने उस रात एक अस्तबल में शरण ली थी। जब जीसस का जन्म हुआ तब उन्हें एक नांद में लिटा दिया गया। इस दिन आकाश में एक तारा बहुत ज्यादा चमक रहा था और इससे लोगो को इस बात का अनुभव हो गया था कि रोम के शासन से बचने के लिए उनके मसीहा ने जन्म ले लिया है। इसके पीछे भी एक कथा है जिसमे इस्राइली लोगो की आकाशवाणी के अनुसार जिस दिन आकाश में एक तारा बहुत ज्यादा चमकेगा, उस दिन इस्राइली लोगो के मसीहा का जन्म होगा और वो इस्राइली लोगो को उनके दुःख से दूर करके उन्हें प्रभु के पास लेकर जाएगा।
क्रिसमस ट्री के पीछे की कहानी (Story behind Christmas Tree)
क्रिसमस ट्री उत्तरी यूरोप में हजारों साल पहले शुरू हुआ था। उस समय यह त्यौहार देवदार नामक वृक्ष को सजाकर मनाया जाता था। कई ने क्रिसमस के दौरान चेरी के पेड़ की टहनियों को भी सजाया। लेकिन जो लोग क्रिसमस ट्री खरीदने में असमर्थ थे, वे लकड़ी को पिरामिड का रूप देकर क्रिसमस मनाते थे। लेकिन समय के साथ क्रिसमस ट्री ट्रेंड में आ गया। अब हर कोई एक क्रिसमस ट्री को चॉकलेट, खिलौने, लाइट और तोहफों से सजाता है।
क्रिसमस डे से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)
क्रिसमस डे को बड़ा दिन क्यों कहते हैं?
क्रिसमस डे ईसाइयों का सबसे बड़ा और खुशी का त्यौहार है, इसलिए इसे ‘बड़ा दिन’ भी कहा जाता है। बहुत सी किताबों में, इस दिन रोम के लोगों द्वारा मनाये जाने वाले रोमन उत्सव की भव्यता को देखते हुए इस दिन को लोगों द्वारा ‘बड़ा दिन’ कहा जाने लगा।
दूसरी कथा के आधार पर सदियों पहले ये दिन भारत में मकर संक्रान्ति के रूप में मनाया जाता था। ये एक बेहद पावन अवसर होता है और हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन खूब दान पुण्य किया जाता है इसलिए इसे ‘बड़ा दिन’ नाम दिया गया।
क्रिसमस डे कब मनाया जाता है?
क्रिसमस डे हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का पर्व 12 दिनों तक मनाए जाने की परंपरा है, जो कि 25 दिसंबर से शुरु होकर 5 जनवरी तक मनाया जाता है।
“क्रिसमस” शब्द की उत्पत्ति किससे हुई?
क्रिसमस शब्द की उत्पत्ति क्राईस्टेस माइसे अथवा ‘क्राइस्टस् मास’ शब्द से हुआ है।
क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है?
क्रिसमस का त्यौहार ईश्वर के इकलौते पुत्र ईसा मसीह यानि यीशू यानि जीसस क्राईस्ट के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
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