छत्तीसगढ़ राज्य के प्रतीक चिन्ह का निर्धारण राज्य शासन ने 4 सितम्बर 2001 को किया। लेकिन राज्य पशु और राज्य पक्षी को 4 जुलाई 2001 को स्वीकृति मिल गयी थी। इसके अलावा 28 नवम्बर 2008 को छत्तीसगढ़ी को राजकीय भाषा का दर्जा मिला।
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राज्य चिन्ह
- छत्तीसगढ राज्य के प्रतीक चिन्ह का आकृति गोलाकार है
- इस गोलाकार आकृति के बाहर की ओर 36 गढ (किले) अंकित है
- इसके मध्य में भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तम्भ है, जिसके नीचे आदर्श वाक्य सत्यमेव जयते एवं राज्य फसल धान की सुनहरी बालियां अंकित है
- इसमें राष्ट्रध्वज के तीनों रंगों के साथ छत्तीसगढ राज्य के नदियों को लहरों के रूप में रेखांकित किया गया है
- इन नदियों के चिन्ह के दोनों ओर ऊर्जा के चिन्ह को अंकित किया गया है जो नीले रंग का होता है।
राजकीय पशु: वनभैसा /जंगली भैसा (Bubalus Bubalise)
- वन भैंसा छत्तीसगढ के दुर्लभ एवं संकटग्रस्त प्रजातियों में से एक है।
- इसका वैज्ञानिक नाम बाबुलस अर्नी (Babulas Arnee) है।
- बींसवी सदी के शुरूआत में ये प्रजाति अमरकंटक से लेकर बस्तर तक क्षेत्र में बहुत अधिक संख्या में पाया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या कम होती चली गई।
- अभी वर्तमान में वनभैंसा प्रमुखत: दंतेवाडा जिले के इन्द्रावती राष्ट्रीय उद्यान एवं उदन्ती अभारण्य में पाया जाता है।
- यहां पाये जाने वाला वन भैंसें की नस्ल सर्वाधिक शुध्द है अत: छत्तीसगढ राज्य के वन भैंसे का विशेष महत्व है, इस कारण से छत्तीसगढ शासन द्वारा इसे राज्य पशु का दर्जा दिया गया है।
- शिकार तथा इसके रहवास पर मानव के बढते दबाव के कारण इसकी संख्या पर संकट बढ. गया है।
- इसको संरक्षित किये जाने के लिए छत्तीसगढ शासन द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।
राजकीय पक्षी: पहाड़ी मैंना (Gracula Religiosa Peninsularis)
- बस्तर की पहाडी मैंना Hill Myna (Grakcula Religiosa) को छत्तीसगढ राज्य की राजकीय पक्षी घोसित किया गया है।
- यह मुख्य रूप से बस्तर में पाया जाता है।
- पहाडी मैंना का असतित्व भी संकटग्रस्त है, इस कारण से कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में इसे संरक्षित किया गया है।
- पहाडी मैंना तोते की तरह मनुष्य की भांति बोलने और आवाज की सटीक नकल कर लेता है, इसकी इस प्रतिभा ही उसके अस्तित्व के लिए संकट बनी गई है ।
- इसके अवैध व्यापार एवं शिकार को रोकने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।
राजकीय वृक्ष: साल /सरई (Sorea Rubosta)
- राज्य शासन ने साल वृक्ष (Shorea Robusta) को राजकीय वृक्ष के रूप में अपनाया है।
- छत्तीगढ राज्य के वन क्षेत्र के एक तिहाई भाग में साल का वन पाया जाता है।
- छत्तीसढ में सबसे अधिक साल वन बस्तर जिले में पाये जाते हैं,
- इस कारण बस्तर जिले को साल वनों का द्वीप का कहा जाता है।
- साल वृक्षों की उंचाई 12 से 30 मीटर तक होती है।
- इस वृक्ष की लकडी को इमारती लकडी के रूप में उपयोग किया जाता है।
राजकीय भाषा: छत्तीसगढी
- छत्तीसगढी को राज्य भाषा का दर्जा मिल गया है।
- 25 नवम्बर 2007 को छत्तीसगढ विधानसभा में विधेयक प्रस्तुत किया गया है,
- इसमें कहा गया है कि छत्तीगढ राज्य के राजकीय प्रयोजनों में प्रयुक्त की जाने वाली भाषा के रूप में हिन्दी भाषा के साथ साथ छत्तीसगढी को अपनाना है।
- इस विधयेक को सर्वसम्मति से पारित किया गया है।
राजकीय प्रतीक वाक्य: विश्वसनीय छत्तीसगढ (Creadiable Chhattisgarh)
राजकीय आकृति: सी होर्स का आकर (हिप्पोकैम्पस)
यह भी देखें छत्तीसगढ़ की जलवायु