भारत की सबसे ऊँची पर्वत चोटी कंचनजंघा है और यह 8,586 मीटर (28,169 फीट) की ऊँचाई के साथ दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है। सबसे ऊंचा पर्वत कंचनजंघा, महान हिमालय श्रृंखला, सिक्किम में भारत और नेपाल की सीमा पर स्थित है।
Note: गाॅडविन आस्टीन पाक अधिकृत कश्मीर में है। जो भारत के अधिकार क्षेत्र से पूर्णतया बाहर है।
कंचनजंघा तिब्बती भाषा का शब्द है जो तिब्बती मूल के चार शब्दों कांग-छेन-दजों-गा से मिलकर बना है। इसका अर्थ – “महान् हिमानियों के पाँच अतिक्रमण” है। इसके दूसरे नाम कोंगलोचु तथा कुंभकरन लंगूर भी है।
कंचनजंघा का पहला परिपथात्मक मानचित्र 19 वीं शताब्दी के मध्य में एक विद्वान अन्वेषणकर्ता रीनजिन ने तैयार किया था। हालांकि किसी भी प्राथमिक सर्वेक्षण से सदियों पूर्व इस पर्वत की ढलाने चरवाहों और व्यापारियों के लिए जानी-पहचानी थी। इस शिखर पर पहला सफल पर्वतारोहण भारतीय डोंगरा रेजिमेंट के “कर्नल प्रेमचंद” ने किया था। प्रेमचंद के पूर्व भी शिखर पर चढ़ाई हेतु असफल प्रयास किए गए परन्तु सफलता नहीं मिली। 1977 में प्रेमचंद विश्व के सर्वप्रथम पर्वतारोही बने, जिन्होंने कचंनजंघा शिखर फतेह किया। प्रेमचंद को लोग “द माऊंटेन मैन”, दा स्नो टाइगर और दा हीरो ऑफ कंचनजंघा के नाम से भी जानते हैं।
K2 या गॉडविन आस्टीन की बात करे तो यह विश्व की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है परन्तु यह पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित है जिसे पाकिस्तान के लोग शाहगौर या चागोर के नाम से जानते है जो 8611 मीटर ऊंची है और कंचनजंगा की बात, विश्व की तीसरी सबसे ऊँची पर्वत चोटी है,
यह सिक्किम के उत्तर पश्चिम भाग में नेपाल की सीमा पर है।इसीलिए नेपाल इसे अपने देश का हिस्सा मानता है।परन्तु वास्तव में यह भारत का ही हिस्सा है।और इसकी ऊंचाई 8586मीटर है।यही हम निर्विवादित रूप से देखे तो भारत की सबसे ऊंची चोटी नंदादेवी है जो कि उत्ताखण्ड राज्य में स्थित है जिसकी ऊंचाई 7816 मीटर है जो को गढ़वाल हिमालय का भाग है।
यह भी देखें: बिहार के शिक्षा मंत्री वर्तमान में कौन है?