अर्जुन और उलूपी के बेटे इरावन या इरावत ने अपने पिता की जीत के लिए खुद की बलि दी थी। बलि देने से पहले उसकी अंतिम इच्छा थी कि वह मरने से पहले शादी कर ले। मगर इस शादी के लिए कोई भी लड़की तैयार नहीं थी, क्योंकि शादी के तुरंत बाद उसके पति को मरना था। इस स्थिति में भगवान कृष्ण ने मोहिनी का रूप लिया और इरावन से न केवल शादी की बल्कि एक पत्नी की तरह उसे विदा करते हुए रोए भी।
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