15 August Speech in Hindi 2023 | भारत के स्‍वतंत्रता दिवस पर भाषण

15 August Speech in Hindi 2023, 15 august par bhashan, swatantrata diwas par bhashan, Independence Day Speech in Hindi: भारत का स्‍वतंत्रता दिवस हर वर्ष 15 अगस्‍त को देश भर में बहुत ही हर्ष और उल्‍लास के साथ मनाया जाता है। 200 वर्ष से अधिक समय तक ब्रिटिश उपनिवेशवाद द्वारा भारत में शासन करने के बाद, 15 अगस्त 1947 में भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी मिली। यह दिन किसी त्यौहार से कम नहीं होता है और प्यार प्रेम से यह दिन मनाया जाता है।

ब्रिटिश साम्राज्य से देश की स्वतंत्रता को सम्मान देने के लिये पूरे भारत में राष्ट्रीय और राजपत्रित अवकाश के रुप में इस दिन को घोषित किया गया है। इस दिनसभी राष्ट्रीय, राज्य तथा स्थानीय सरकार के कार्यालय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, बाजार, दुकानें, व्यापार, संस्थान आदि बंद रहते है। इसे बहुत उत्साह के साथ भारत की राजधानी दिल्ली में मनाया जाता है, जबकि स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक समुदाय तथा समाज सहित दूसरे शिक्षण संस्थानों में भी उत्साह के साथ मनाया जाता है और रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं जिसमे बच्चे, बड़े सभी भाग लेते हैं।

भारत के स्कूल, कॉलेज, दफ्तरों में स्वतंत्रता दिवस पर भाषण दिया जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर भाषण (15 August Speech in Hindi) को तैयार करने के लिए यहां पर दिए गए 15 august speech in hindi आर्टिकल की सहायता ले सकते हैं। 15 august speech in hindi आर्टिकल को ख़ास तौर पर विद्यार्थियों को ध्यान में रखते हुए सभी के लिए तैयार किया गया है।

15 August Speech in Hindi की जरूरत स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर अवश्य पड़ती है इसलिए हमने ख़ास तौर पर 15 August Speech in Hindi आर्टिकल को आपके लिए तैयार किया है। इस आर्टिकल में तीन 15 August Speech in Hindi हैं जो कि इस प्रकार हैं: 15 August Speech in Hindi 2023 (भाषण 1), 15 August Speech in Hindi 2023 (भाषण 2), 15 August Speech in Hindi 2023 (भाषण 3)

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India Independence Day 2023 (भारतीय स्वतंत्रता दिवस)

15 अगस्त 2023 को भारत आजादी के 76 साल पूरे करके अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। यह दिन भारत की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सैनिकों के बलिदान को याद करने का दिवस है। भारत में प्रथम स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 को मनाया गया था।

हमारे स्वतन्त्रता आंदोलन को स्वर देने वाले महान कवि सुब्रह्मण्य भारती ने सौ वर्ष से भी पहले भावी भारत की जो कल्पना की थी वह आज के हमारे प्रयासों में साकार होती दिखाई देती है। उन्होंने कहा था:

मंदरम् कर्पोम्, विनय तंदरम् कर्पोम्,
वानय अलप्पोम्, कडल मीनय अलप्पोम्।
चंदिरअ मण्डलत्तु, इयल कण्डु तेलिवोम्,
संदि, तेरुपेरुक्कुम् सात्तिरम् कर्पोम्॥

अर्थात

हम शास्त्र और कार्य कुशलता दोनों सीखेंगे,
हम आकाश और महासागर की सीमाएं नापेंगे।
हम चंद्रमा की प्रकृति को गहराई से जानेंगे,
हम सर्वत्र स्वच्छता रखने की कला सीखेंगे॥

Independence Day Slogan

  • अब भी जिसका खून नही खौला वो खून नही पानी है,जो देश के काम न आये वो बेकार जवानी है।
  • आजादी के दिन हम सबका येही है नारा,तिरंगा सदा ऊँची बुलंदियों पर रहे हमारा।
  • न कभी झुके है न कभी झुकना चाहेगे,सच्चे भारतीय बनकर पूरे विश्व में भारत का मान बढ़ाएंगे।
  • हिंदुस्तान है हमको जान से प्यारा,पूरे विश्व में सबसे प्यारा देश हमारा।
  • करते है सलाम तिंरगे को जो हमारी शान है, सदा इसे ऊचा रखना है जबतक शरीर में जान है।
  • बड़ी क़ुरबानी से के बाद गुलामी से मुक्ति पाये, फिर न हो ऐसा कभी अपने देश की ऐसा ताकत बनाये।

भारत के स्वतंत्रता दिवस का इतिहास (India Independence Day History)

17वीं शताब्दी में कुछ यूरोपीय व्यापारियों द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप की सीमा चौकी में प्रवेश किया गया। उस समय भारत में मुगल साम्राज्य का शासन था। उन्होंने भारत का बहुत करीब से अवलोकन किया और धीरे-धीरे व्यापार के बहाने अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने लगे। फिर अपने विशाल सैन्य शक्ति की वजह से ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत को अपना गुलाम बना लिया और 18वीं शताब्दी में पूरे भारत में अंग्रेजों ने अपना स्थानीय साम्राज्य स्थापित कर लिया।

1857 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों द्वारा एक बहुत बड़े क्रांति की शुरुआत हो चुकी थी और वह काफी निर्णायक सिद्ध हुई। 1857 का विद्रोह, भारतीय बगावत, 1857 का पठान और सिपाहियों का विद्रोह और कई ऐसे विद्रोह हुए, जो स्वतंत्रता के अभियान में मील का पत्थर साबित हुए और धीरे-धीरे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को उनके भविष्य के खतरे का एहसास होने लगा।

1857 की बगावत एक असरदार विद्रोह था जिसके बाद पूरे भारत में कई सारे संगठन उभर कर सामने आए। उनमें से एक था भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी जिसका गठन वर्ष 1885 में हुआ। पूरे राष्ट्र में असंतोष और उदासी के काल ने अहिंसात्मक आंदोलनों (असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलन) को बढ़ावा दिया जिसका नेतृत्व गांधी जी ने किया।

लाहौर में 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में भारत ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की। पूर्ण स्वराज की मांग को पूरा करने के लिये, राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा भारतीय नागरिकों से निवेदन किया गया कि वे सविनय अवज्ञा आंदोलन व आने वाले समय में किसी भी आंदोलन के आदेशों का पालन ठीक से करें।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1947 में ब्रिटिश सरकार आश्वस्त हो चुकी थी कि वह लंबे समय तक भारत में अपनी शक्ति नहीं दिखा सकती। भारतीय स्वतंत्रता सेनानी लगातार लड़ रहे थे और तब अंग्रेजों ने भारत को मुक्त करने का फैसला किया हालांकि भारत की आजादी के बाद हिन्दू-मुस्लिम दंगे हुए जिसने भारत और पाकिस्तान को अलग कर दिया।

मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के प्रथम गवर्नर जनरल बने जबकि पंडित जवाहर लाल नेहरु आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। आजादी मिलने के बाद देश की राजधानी दिल्ली में एक आधिकारिक समारोह रखा गया जहां सभी बड़े नेता और स्वतंत्रता सेनानियों अबुल कलाम आजद, बी.आर.अंबेडकर, मास्टर तारा सिंह आदि ने इसमें भाग लेकर आजादी का पर्व मनाया।

बंटवारे की हिंसा के दौरान बड़ी संख्या में दोनों तरफ से लोगों ने अपनी जान गंवाई जबकि दूसरे क्षेत्र के लोगों ने स्वतंत्रता दिवस मनाया। संवैधानिक हॉल नई दिल्ली में राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद के नेतृत्व में 14 अगस्त को 11 बजे रात को संवैधानिक सभा की 5वीं बैठक रखी गई, जहां जवाहर लाल नेहरु ने अपना भाषण दिया था।

15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को जवाहर लाल नेहरु ने भारत को स्वतंत्र देश घोषित किया, जहां उन्होंने “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी” भाषण दिया था। उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा कि “बहुत साल पहले हमने भाग्यवधु से प्रतिज्ञा की थी और अब समय आ गया है, जब हम अपने वादे को पूरा करें, ना ही पूर्णतया या पूरी मात्रा में बल्कि बहुत मजबूती से। मध्यरात्री पर जब दुनिया सोती है, भारत जीवन और आजादी के लिये जागेगा।”

इसके बाद, असेंबली सदस्यों ने पूरी निष्ठा से देश को अपनी सेवाएं देने के की कसमें खायी। भारतीय महिलाओं के समूह द्वारा असेंबली को आधिकारिक रुप से राष्ट्रीय ध्वज प्रस्तुत किया था। अत: भारत आधिकारिक रुप से स्वतंत्र देश हो गया और नेहरु प्रधानमंत्री तथा वायसराय लार्ड माउंटबेटन गवर्नर जनरल बने। महात्मा गांधी इस उत्सव में शामिल नहीं हो सके क्योंकि उन्होंने उस समय कलकत्ता में हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के बीच शांति को बढ़ावा देने के लिये 24 घंटे का व्रत रखा था।

15 August Speech in Hindi 2023 – स्वतंत्रता दिवस पर भाषण

15 August 2023 को भारत ने आजादी के 76 साल पूरे कर दिए हैं और 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर 15 August Speech in Hindi की जरुरत काफी पड़ती है। इसलिए हमने इस आर्टिकल में 15 August Speech in Hindi पर विशेष ध्यान दिया है और यह आर्टिकल 15 August Speech in Hindi को ध्यान में रखते हुए ही बनाया गया है। 15 August Speech in Hindi के लिए हमने तीन भाषण तैयार किये हैं, जो कि 15 August Speech in Hindi 2023 (भाषण 1), 15 August Speech in Hindi 2023 (भाषण 2), 15 August Speech in Hindi 2023 (भाषण 3) हैं।

15 August Speech in Hindi 2023 (भाषण 1)

यहां एकत्रित हुए आदरणीय अतिथि महोदय, आदरणीय प्रधानाचार्य, आदरणीय शिक्षकों और मेरे प्रिय मित्रों को मेरा नमस्कार। आज हम यहां पर 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर को मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। हम हर साल यह दिन बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं क्योंकि हमारा देश 1947 को इसी दिन ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ था। आज हम हम आजादी के 75 साल पूरे करके 76वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहे हैं। यह सभी भारतीयों के लिए महान और सबसे महत्वपूर्ण दिन है।

भारत के लोगों ने कई वर्षों तक अंग्रेजों के क्रूर कृत्यों को सहा था। आजादी से पहले शिक्षा, स्वस्थ भोजन और सामान्य जीवन जीने से लोग कोसों दूर थे। अपने पूर्वजों के वर्षों के संघर्ष के कारण ही आज हमें शिक्षा, खेल, परिवहन, व्यवसाय आदि लगभग सभी क्षेत्रों में स्वतंत्रता प्राप्त है। साल 1947 से पहले लोग इतने स्वतंत्र नहीं थे, यहां तक ​​कि उन्हें अपने शरीर और दिमाग पर अधिकार रखने तक सीमित कर दिया गया था। वे अंग्रेजों के गुलाम थे और उनके सभी आदेशों का पालन करने के लिए मजबूर थे।

आज हम उन महान भारतीय नेताओं की वजह से कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आजादी पाने के लिए कई वर्षों तक कड़ा संघर्ष किया। यह दिन हमें उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाता है जिन्होंने अपने प्राण देकर हमें एक सुंदर और शांतिपूर्ण जीवन प्रदान किया है। आज के समय हम खुद की कंपनी खोलने के सपने देखते हैं, यहां तक कि गूगल का सीईओ बनने तक के सपने देखते हैं, जो कि 1947 से पहले बिलकुल भी संभव नहीं था।

भारत के कुछ महान स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरू, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, खुदी राम बोस हैं। उनकी देशभक्ति ने ही उनके जीवन के अंत तक भारत की स्वतंत्रता के लिए कड़ा संघर्ष करने की हिम्मत दी। गांधीजी ने हमें अहिंसा और सत्याग्रह के तरीकों जैसे स्वतंत्रता के प्रभावी तरीके के बारे में सिखाया। उन्होंने अहिंसा और शांति के साथ एक स्वतंत्र भारत का सपना देखा था।

हम उस समय के पूर्वजों के संघर्ष के डरावने पल की कल्पना भी नहीं कर सकते। आजादी के कई साल बाद आज हमारा देश विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज हमारा देश पूरी दुनिया में एक सुस्थापित लोकतांत्रिक देश है।

हमें उन घटनाओं के प्रति आभारी होना चाहिए जो भारत में स्वतंत्रता के लिए जिम्मेदार हैं। भारत हमारी मातृभूमि है और हम इसके नागरिक हैं। हमें अपनी इस मातृभूमि को बुरे लोगों से बचाने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। लोग हैं तो देश है, और लोगों का प्रयास ही उस देश को आगे बढ़ाएगा। इसलिए हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में अपना सम्पूर्ण योगदान दें।

जय हिन्द, जय भारत।

15 August Speech in Hindi 2023 (भाषण 2)

यहां एकत्रित हुए आदरणीय अतिथि महोदय, आदरणीय प्रधानाचार्य, आदरणीय शिक्षकों और मेरे प्रिय मित्रों को मेरा नमस्कार। आज हम यहां पर 76वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिये एकत्रित हुए हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत का स्वतंत्रता दिवस सभी भारतीय नागरिकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन ही भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा कई वर्षों के कठिन संघर्ष के बाद हमें ब्रिटिश शासन से आजाद किया था। भारत को 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली थी।

हम भारत की आजादी के पहले दिन को याद करने के लिए हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। हम इस दिन सभी स्वतंत्रता सेनानियों, नेताओं के बलिदान को याद करते हैं जिन्होंने भारत को आजाद करने में अपने प्राणों का बलिदान दे दिया और वीरगति को प्राप्त हुए।

आजादी के बाद हमें अपनी मातृभूमि में अपने सभी मौलिक अधिकार प्राप्त हुए। हम सभी को एक भारतीय होने पर गौरवान्वित महसूस करना चाहिए कि हमने एक स्वतंत्र भारत की भूमि पर जन्म लिया। गुलाम भारत का इतिहास सब कुछ बताता है कि कैसे हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजों के सभी क्रूर कृत्यों को सहा था और कड़ी मेहनत की करते हुए अपने प्राण दिए थे।

हम सोच भी नहीं सकते कि ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी कितनी मुश्किल थी। आजादी के लिए संघर्ष 1857 से 1947 तक कई स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा बलिदान देकर चला। ब्रिटिश सेना में भारतीय सैनिक मंगल पांडे ने भारत की स्वतंत्रता के लिए सबसे पहले अंग्रेजों के खिलाफ और भारत की आजादी के लिए आवाज उठाई थी।

इसके बाद कई महान स्वतंत्रता सेनानियों ने संघर्ष करते हुए अपना पूरा जीवन केवल स्वतंत्रता प्राप्त करने में लगा दिया। हम भगत सिंह, खुदी राम बोस और चंद्रशेखर आजाद के बलिदानों को कभी नहीं भूल सकते, जिन्होंने अपने देश के लिए लड़ते हुए कम उम्र में ही अपनी जान गंवा दी। हम नेताजी और गांधीजी के सभी संघर्षों को भी नहीं भूल सकते। नेताजी सुभाष चंद्र बोष का नारा था “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा”; और गांधी जी ने सभी भारतीयों को अहिंसा का एक बड़ा पाठ पढ़ाया। गाँधी जी ने अहिंसा की मदद से भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अंतत: वर्षों के लंबे संघर्ष का परिणाम 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली। हम बहुत खुशकिस्मत हैं कि आज हम हमारे पूर्वजों के कारण शांत और खुशहाल जीवन जी रहे हैं, हम पूरी रात बिना किसी डर के सो सकते हैं, बिना किसी दबाव के कोई भी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं, अपने सुन्दर भविष्य का सपना देख सकते हैं। यह सब 1947 से पहले बिलकुल भी संभव नहीं था। आज हमारा देश प्रौद्योगिकी, शिक्षा, खेल, वित्त और अन्य विभिन्न क्षेत्रों में बहुत तेजी से विकास कर रहा है। भारत परमाणु शक्ति संपन्न देशों में से एक है। हम ओलंपिक, राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों जैसे खेलों में सक्रिय रूप से भाग लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

आज हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। हमें अपनी सरकार चुनने का पूरा अधिकार है। हम आज़ाद हैं और हमें पूरी आज़ादी है, लेकिन हमें अपने देश के प्रति ज़िम्मेदारियों से ख़ुद को आज़ाद नहीं समझना चाहिए। देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें अपने देश में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और देश को आगे बढ़ाने के लिए अपना पूरा योगदान देना चाहिए।

जय हिन्द, जय भारत।

15 August Speech in Hindi 2023 (भाषण 3)

सुप्रभात, माननीय अतिथिगण, आदरणीय प्रधानाचार्य, आदरणीय शिक्षकगण और साथी छात्र-छात्राएं, आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। जैसा कि आप जानते हैं कि इस वर्ष हम सभी भारत के 76वें स्वतंत्रता दिवस को मनाने के लिए यहां पर एकत्रित हुए हैं। 15 अगस्त 1947 को हमें ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी मिली। लेकिन इस दिन के पीछे का इतिहास बहुत ही भयानक है। हमारे महान नेताओं के अनगिनत संघर्ष, अमूल्य बलिदान और प्रयास का ही नतीजा है कि आज के समय में भारत दुनिया का एक शक्तिशाली, मजबूत और स्वतंत्र देश है।

स्वाधीनता का कभी दान नहीं हो सकता, यह एक मुफ्त उपहार नहीं है। हम उन योद्धाओं, नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को सलाम करते हैं जिन्होंने हमें एक स्वतंत्र और प्यारा देश उपहार में देने के लिए उल्लेखनीय काम किया। स्वतंत्र भारत का इतिहास महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सुभाष चंद्र और अन्य सैकड़ों महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों जैसे महान पुरुषों के संघर्षों और बलिदानों के प्रमाणों से भरा है।

महात्मा गांधी शांति और अहिंसा के प्रवर्तक थे, जिन्होंने उस मुश्किल समय में स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया। अंग्रेजों द्वारा कईं कष्ट देने के बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने आजादी के इस संघर्ष में लाखों भारतीय लोगों का नेतृत्व किया। वह दुनिया के महान नेताओं में से एक हैं।

आदरणीय महोदय, भारत के पास इस दुनिया की हर खूबसूरत चीज है। हमारे पास एक मजबूत कृषि और जल प्रणाली है। हमारे सशस्त्र बल बहुत बहादुर और साहसी हैं। वे अपनी इस मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने से कभी नहीं हिचकिचाते हैं। आज हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया में बहुत मजबूत है। हम एक परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। भारत के युवा प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और चिकित्सा में दुनिया का नेतृत्व कर रहे हैं। हम स्वतंत्र और खुश लोगों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश हैं।

वास्तव में, इस प्यारी भूमि में हमारे पास सब कुछ है। आदरणीय साथियों, जैसा कि आप जानते हैं कि यह दिन हर साल हमें इस भूमि के लिए किए गए अपने वादों की याद दिलाने के लिए आता है। वास्तव में, हमें विदेशी जुए से मुक्ति मिल गई है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

हमारा कर्त्तव्य बनता है कि हमें वर्तमान में सभी सामाजिक और आर्थिक मुद्दों के खिलाफ लड़ना चाहिए। हमसे अपने देश के लिए जो कुछ भी हो सकता है, उससे पीछे नहीं हटना चाहिए। हमें अपनी जिम्मेदारियों का वहन करते हुए अपने देश की प्रगति और कल्याण के लिए आगे आना चाहिए। अगर देश के सभी लोगों ने ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया तो आने वाले समय में भारत दुनिया का सबसे ताकतवर देश होगा।

जय हिंद, जय भारत।

स्वतंत्रता दिवस से जुड़ी 6 रोचक बातें

  • 15 अगस्त 1947 को आजादी के जश्न में महात्मा गांधी शामिल नहीं हो सके, क्योंकि उस समय वे दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर बंगाल के नोआखली में हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच हो रही सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए अनशन कर रहे थे।
  • 14 अगस्त की मध्यरात्रि को जवाहर लाल नेहरू ने अपना ऐतिहासिक भाषण ‘ट्रिस्ट विद डेस्टनी’ दिया था। इस भाषण को पूरी दुनिया ने सुना था लेकिन महात्मा गांधी ने इसे नहीं सुना क्योंकि उस दिन वे जल्दी सोने चले गए थे।
  • लोकसभा सचिवालय के एक शोध पत्र के अनुसार नेहरू ने 16 अगस्त 1947 को लाल किले से झंडा फहराया था।
  • भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा रेखा का निर्धारण 17 अगस्त को रेडक्लिफ लाइन की घोषणा से हुआ।
  • भारत का राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ 1950 में ही बन पाया, हालांकि रवींद्रनाथ टैगोर ‘जन-गण-मन’ 1911 में ही लिख चुके थे।
  • 15 अगस्त को ही दक्षिण कोरिया (15 अगस्त 1945), बहरीन (15 अगस्त 1971) और कांगो (15 अगस्त 1960) देश स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं।

पांच अन्य देश जो 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं

उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया

  • दोनों देश 15 अगस्त को अपनी आजादी का जश्न मनाते हैं।
  • इसे ‘नेशनल लिबरेशन डे ऑफ कोरिया’ कहा जाता है।
  • 1945 में इसी दिन अमेरिका और सोवियत की सेनाओं ने कोरियाई प्रायद्वीप से जापान के पांव उखाड़ फेंके थे।
  • इस दिन को ग्वांगबोकजियोल भी कहा जाता है।

बहरीन

  • ब्रिटिश हुकूमत से इस देश को 15 अगस्त, 1971 में आजादी मिली थी।
  • बहरीन की जनता के बीच संयुक्त राष्ट्र के सर्वे के बाद अंग्रेजों ने इस देश को छोड़ा था।
  • दोनों देशों ने ‘मित्र संधि’ पर हस्ताक्षर किया था।

लिचेंस्टीन

  • यह दुनिया का छठा सबसे छोटा मुल्क है।
  • 1866 में इसे जर्मनी के शासन से मुक्ति मिली थी।
  • यह देश 15 अगस्त को अपना आजादी द‍िवस मनाता है।
  • इस दिन आम लोगों को रॉयल फैमिली से बातचीत करने का मौका मिलता है।

कांगो

  • 1960 से 15 अगस्त को कांगो में ‘कांगोलीज नेशनल डे’ के तौर पर मनाया जाता है।
  • इसी दिन 80 साल की गुलामी के बाद कांगो वासियों को फ्रांस से पूरी तरह आजादी मिली थी।

15 August Speech in Hindi FAQs

पहला स्वतंत्रता दिवस कब मनाया गया?

पहला स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 1947 को मनाया गया।

15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है?

भारत के महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और बलिदान के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी मिली। इसलिए 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है।

15 अगस्त को कितने देश आजाद हुए थे?

15 अगस्त को भारत के अलावा उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया, बहरीन, लिचेंस्टीन, कांगो आजाद हुए।

15 अगस्त को लाल किले पर झंडा कौन फहराता है?

भारत के प्रधानमंत्री 15 अगस्त को लाल किले पर झंडा फहराने के साथ देश को सम्बोधित करते हैं।

15 अगस्त 1947 को कौन सा दिन था?

15 अगस्त 1947 के दिन शुक्रवार था।

स्वतंत्रता दिवस को इंग्लिश में क्या कहते हैं?

स्वतंत्रता दिवस को इंग्लिश में “independence day” कहते हैं।

ध्वजारोहण का समय क्या है?

ध्वजारोहण हमेशा सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही किया जाता है।

आजादी को कितने साल हो गए 2023?

साल 2023 भारत को आजाद हुए 76 साल हो गए है और 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है।

15 August Speech in Hindi Conclusion

15 अगस्त 1947 को भारत की आजादी के बाद से आज तक भारत ने निरंतर विकास किया है और आज दुनिया के अन्य विकसित देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है। इस लेख में 15 August Speech in Hindi 2023 के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी है। ख़ास तौर पोर बच्चों के लिए 15 August Speech in Hindi को तैयार किया गया है। इसके अलावा सभी लोग 15 August Speech in Hindi आर्टिकल को अपने 15 अगस्त स्पीच इन हिंदी लिए तैयार कर सकते हैं।

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