राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters Day) 25 जनवरी को मनाया जाता है जो कि भारत निर्वाचन आयोग के स्थापना दिवस के दिन मनाया जाता है। सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को पूर्ण वास्तविकता बनाने हेतु मतदाताओं के पंजीकरण में वृद्धि करने के उद्धेश्य के साथ, राष्ट्रीय मतदाता दिवस देशभर में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह युवा पीढ़ी को एक ज़िम्मेदार नागरिक के भाव का बोध कराने के साथ-साथ उन्हें नव मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। भारत निर्वाचन आयोग, राष्ट्रीय मतदाता दिवस महोत्सव के एक भाग के रूप में पूरे भारत में सात लाख से ज्यादा मतदान केंद्रों सबडिवीजनल / डिवीजनल / जिलों / राज्य मुख्यालयों में सभी नए योग्य पंजीकृत मतदाताओं को सम्मानित करता है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस (National Voters’ Day 2022 in India) 2022 में मंगलवार 25 जनवरी को है। भारत का लोकतंत्र दुनिया में सबसे मजबूत लोकतंत्र है। देश के मतदाता ग्राम प्रधान, पार्षद से लगाए विधायक एवं सांसद का चुनाव करते हैं और यही विधायक और सांसद प्रदेश एवं देश के मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री बनते हैं।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन 25 जनवरी 2011 से शुरू हुआ था। इस दिन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’ का शुभारंभ किया। इस आयोजन के दो प्रमुख विषय थे, ‘समावेशी और गुणात्मक भागीदारी’। जिसका उद्देश्य लोगों की मतदान में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ-साथ मतदाताओं को एक अच्छी साफ-सुथरी छवि का प्रतिनिधि चुनने के लिए मतदान के लिए जागरूक करना है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाये जाने का उद्देश्य मतदाताओं के पंजीकरण में वृद्धि करना, विशेषकर युवा मतदाताओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना और सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार सुनिश्चित करना है। इसके माध्यम से युवाओं में जागरूकता फैलाई जाती है ताकि वे एक जिम्मेदार व्यक्ति को अपना वोट दे सकें और देश के विकास में भाग ले सकें। मतदाता के पास वह ताकत होती है कि वह सरकार बना भी सकता है और बदल भी सकता है, इसलिए कभी भी एक अदद वोट की ताकत को कम नहीं आंकना चाहिये।
निर्वाचक नामावली में नाम लिखवाने के लिए न्यूनतम आयु क्या है?
संविधान के अनुच्छेद 326 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 19 के अनुसार निर्वाचक नामावली में नाम लिखवाने के लिए न्यूनतम आयु 18 साल है।
18 साल की आयु योग्यता को निश्चित करने के लिए प्रासंगिक तारीख कौन सी है?
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 14 (ख) के अनुसार “अर्हता की तारीख” का अर्थ है उस साल के जनवरी माह का पहला दिन जिस साल में निर्वाचक नामावली अन्तिम रूप से प्रकाशित की जाती है।
क्या ऐसा व्यक्ति जो भारत का नागरिक नहीं है मतदाता बन सकता है?
नहीं। कोई व्यक्ति, जो भारत का नागरिक नहीं है, मतदाता के रूप में रजिस्ट्रीकृत नहीं हो सकता है।
क्या एक अनिवासी भारतीय नागरिक मतदाता बन सकता है?
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 19 के अनुसार कोई व्यक्ति जो किसी निर्वाचन क्षेत्र का मामूली तौर पर निवासी है उस निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावली में रजिस्ट्रीकृत होने का हकदार होगा। तो भी ऐसे अनिवासी भारतीय नागरिक जो भारत सरकार के अधीन किसी पद पर भारत के बाहर नियुक्त हैं, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 20(3) के साथ पठित धारा 20(8)(घ) के अनुसार मतदाता के रूप में रजिस्ट्रीकृत होने के पात्र हैं।
क्या कोई अपना नाम एक से अधिक स्थानों पर निर्वाचक नामावली में लिखा सकता है?
नहीं, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 17 और 18 के प्रावधानों के अनुसार कोई व्यक्ति उसी निर्वाचन-क्षेत्र में एक से अधिक स्थानों में अथवा एक से अधिक निर्वाचन-क्षेत्र में रजिस्ट्रीकृत नहीं हो सकता।
संसदीय अथवा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र की निर्वाचक नामावलियाँ तैयार करने का जवाबदायित्व किसका है?
निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण ऑफिसर का. दिल्ली के मामले में ये क्षेत्रीय उपप्रभागी मजिस्ट्रेट/अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी होते हैं।
निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण आफिसर की नियुक्ति कौन करता है?
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 13 ख के अधीन भारत निर्वाचन आयोग राज्य/संघ राज्य क्षेत्र की सरकार के परामर्श से सरकार अथवा स्थानीय प्राधिकरण के किसी अधिकारी का निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण आफिसर के रूप में नियुक्त करता है. इसके अतिरिक्त भारत निर्वाचन आयोग निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण आफिसर की निर्वाचक नामावलियों की तैयारी/पुनरीक्षण के कार्यों में सहायता देने के लिए एक या अधिक सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण आफिसर नियुक्त करता है।
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